लास्ट अपडेट: 20 सितम्बर 2025: गाँव की सरकार यानी पंचायत—यही वह जगह है जहाँ असली विकास की शुरुआत होती है। बहुत से लोग अभी भी कन्फ्यूज़ रहते हैं कि ग्राम प्रधान, BDC (क्षेत्र पंचायत), और ज़िला पंचायत स्तर पर सैलरी/मानदेय और बैठक भत्ते कितने हैं। इस गाइड में मैं आपको क्लियर, पॉइंट-टू-पॉइंट जानकारी दे रही हूँ—ताकि आप बिना किसी अफ़वाह के सही फ़िगर जान सकें।

झटपट सार (Quick Summary)
विषयसूची
- ग्राम प्रधान (UP): ₹5,000/माह मानदेय। Hindustan Times+1
- ग्राम पंचायत (वार्ड) सदस्य: ₹100 प्रति ग्राम सभा बैठक (साल में 12 बैठकों तक)। Hindustan Times+1
- क्षेत्र पंचायत (BDC) सदस्य: ₹1,000 प्रति बैठक (साल में अधिकतम 6)। क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष: ₹11,300/माह। Hindustan Times+1
- ज़िला पंचायत सदस्य: ₹1,500 प्रति बैठक (साल में अधिकतम 6)। ज़िला पंचायत अध्यक्ष: ₹15,500/माह। Hindustan Times+1
- एक्स-ग्रेशिया (निधन पर सहायता): ग्राम प्रधान—₹10 लाख; ज़िला/क्षेत्र/ग्राम पंचायत सदस्य—₹5/₹3/₹2 लाख। Hindustan Times+1
नोट: कहीं-कहीं “ग्राम प्रधान को ₹15,000/माह ट्रैवल अलाउंस” जैसी बातें वायरल होती हैं—UP के लिए ऐसी कोई मान्य, फिक्स मासिक TA स्कीम नहीं दिखती। ऊपर दी गई मान्य वैल्यूज़ 2021 की सरकारी घोषणा/कवरेज पर आधारित हैं और 2025 तक यही लागू रिपोर्ट होती हैं।
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पंचायत चुनाव 2026 की जानकारी (Information Of Panchayat Election 2021)
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव करानें की पूरी जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) के पास है| इस चुनवा में ग्राम प्रधान (Gram Pradhan), क्षेत्र पंचायत सदस्य (BDC), जिला पंचायत सदस्य (Zila Panchayat Sadasya)और जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराये जाएंगे| ऐसे में हमारे लिए यह जानना आवश्यक है, कि इतने अहम् पदों पर निर्वाचित होनें वाले लोगो को आखिर वेतन कितना मिलता है|
- कौन कराता है? त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम/क्षेत्र/ज़िला) चुनाव उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग (SEC-UP) कराता है — न कि ECI। तैयारी आधिकारिक रूप से जारी है।
- स्टेटस (आज, 20 सितम्बर 2025): आधिकारिक तिथियाँ अभी घोषित नहीं हुईं, पर 2026 में चुनाव नियत हैं। मौजूदा प्रतिनिधियों का कार्यकाल मई–जुलाई 2026 के बीच ख़त्म होगा—इसी के अनुसार टाइमलाइन सेट हो रही है।
- तैयारियाँ क्या चल रही हैं? SEC ने 49 करोड़ मतपत्र छपवाने के लिए ई-टेंडर निकाला है और मतदाता सूची का वृहद पुनरीक्षण-2025 जारी है।
- परिसीमन/पुनर्गठन: 2021 के बाद शहरी विस्तार के कारण 512 ग्राम पंचायतें खत्म, नयी ग्राम पंचायतें जोड़ी गईं; कुल संख्या ~57,694 के आसपास रिपोर्ट की गई। वार्ड परिसीमन शेड्यूल 18 जुलाई–6 अगस्त 2025 के बीच चला।
- आधार/रिज़र्वेशन: परिसीमन 2011 जनगणना के आँकड़ों पर आधारित है; परिसीमन के बाद आरक्षण/वार्ड सूची फाइनल होगी।
- मतदान कैसे होगा? पंचायत चुनाव सामान्यतः पेपर बैलेट से और अक्सर मल्टी-फेज़ में होते हैं—जैसे 2021 में 4 चरण (15, 19, 26, 29 अप्रैल) और गिनती 2 मई को हुई थी। 2026 का सटीक फॉर्मेट/फेज़-वाइज शेड्यूल बाद में नोटिफ़ाई होगा।
क्या करें अभी? आधिकारिक नोटिफ़िकेशन, वार्ड/आरक्षण सूची और वोटर-लिस्ट अपडेट के लिए SEC-UP वेबसाइट पर नज़र रखें।
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ग्राम प्रधान की सैलरी (Gram Pradhan Salary)
Gram Pradhan Salary In 2021- ग्राम प्रधान को कितना वेतन मिलता है- पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान का पद सबसे अहम् होता है| गाँव की जनता प्रत्यक्ष रूप से सरपंच या ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्यों का चुनाव वोट के माध्यम से करती है| गाँव की प्रगति और विकास कार्यों (Development Works) के लिए सरकार द्वारा पैसा पंचायत में भेजा जाता है, जिसे प्रधान के हस्ताक्षर द्वारा निकाला जाता है|
यूपी 2025: सैलरी/मानदेय और बैठक भत्ते (एक नज़र में)
पद | मानदेय/भत्ता | सीमा/नोट्स |
---|---|---|
ग्राम प्रधान | ₹5,000/माह | 2021 में ₹3,500 से बढ़ाकर ₹5,000 किया गया। Hindustan Times |
ग्राम पंचायत (वार्ड) सदस्य | ₹100/ग्राम सभा बैठक | वर्ष में 12 बैठकें प्रस्तावित। पहली बार यह अलाउंस शुरू हुआ। Hindustan Times |
क्षेत्र पंचायत (BDC) सदस्य | ₹1,000/बैठक | वर्ष में अधिकतम 6 बैठकें। Hindustan Times |
क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष | ₹11,300/माह | मानदेय वृद्धि 2021। The Indian Express |
ज़िला पंचायत सदस्य | ₹1,500/बैठक | वर्ष में अधिकतम 6 बैठकें। Hindustan Times |
ज़िला पंचायत अध्यक्ष | ₹15,500/माह | मानदेय वृद्धि 2021। The Indian Express |
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ग्राम प्रधान की सैलरी व रोल (2025)
ग्राम प्रधान को यूपी में ₹5,000 प्रतिमाह मानदेय मिलता है। यह वृद्धि दिसंबर 2021 में घोषित हुई थी और 2025 तक यही फ़िगर रिपोर्ट में दिखाई देता है। ग्राम प्रधान की प्रमुख ज़िम्मेदारियाँ—ग्राम सभा की बैठकें, विकास कार्यों की प्राथमिकता तय करना, योजनाओं के निष्पादन की निगरानी, और विभागों के साथ कोऑर्डिनेशन। Hindustan Times+1
उदाहरण: जैसे अगर गाँव में पेयजल पाइपलाइन खराब है, तो ग्राम प्रधान जलनिगम/सम्बंधित विभाग और ग्राम सभा के साथ प्लान बनवाकर फंडिंग/टेंडरिंग की प्रक्रिया शुरू कराते हैं—यही गाँव स्तर पर गवर्नेंस है।
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ग्राम पंचायत (वार्ड) सदस्य का भत्ता
पहली बार ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए ₹100 प्रति ग्राम सभा बैठक का अलाउंस रखा गया—एक वर्ष में 12 बैठकों तक। यह सिर्फ़ “बैठक में भागीदारी बढ़ाने” के लिए है, ताकि निर्णय-प्रक्रिया ज़्यादा भागीदारीपूर्ण हो। ग्राउंड रिपोर्ट्स में कई जिलों में भुगतान/प्रोसेस को लेकर अंतर दिखता है—ऐसी स्थिति में सदस्यों को अपना दावा बैठक उपस्थिति रजिस्टर/रिज़ॉल्यूशन के साथ ग्राम पंचायत से फ़ॉलो-अप करना चाहिए।
बीडीसी की सैलरी (BDC Salary) -क्षेत्र पंचायत (BDC) — सदस्य व अध्यक्ष
BDC Salary In 2021- बीडीसी को कितना वेतन मिलता है- बीडीसी को क्षेत्र पंचायत सदस्य भी कहा जाता है| ग्राम पंचायत के लोग मतदान के माध्यम से बीडीसी अर्थात क्षेत्र पंचायत सदस्यों का चुनाव करते है| जो आगे चलकर ब्लाक प्रमुख (Block Pramukh) के लिए मदतान करते है|
सदस्य: ₹1,000 प्रति बैठक (अधिकतम 6/वर्ष)।
अध्यक्ष (ब्लॉक प्रमुख नहीं—यहाँ “क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष” की बात है): ₹11,300/माह मानदेय।
इन वैल्यूज़ से BDC स्तर पर भी भागीदारी और जवाबदेही को बढ़ावा मिलता है—ख़ासकर जब ब्लॉक-स्तरीय स्कीमों में मॉनिटरिंग की ज़रूरत होती है।
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जिला पंचायत सदस्य की सैलरी (Zila Panchayat Sadasya Salary)
Zila Panchayat Salary 2025– इस बार होनें वाले पंचायती चुनाव में ग्राम प्रधान और ग्राम प्रधान सदस्य के साथ-साथ जिला पंचायत सदस्यों (Zila Panchayat Member) का भी चुनाव किया जायेगा| जिला पंचायत सदस्यों के वार्ड निर्धारित किये जाते है, जिसके आधार पर जिला पंचायत सदस्य चुने जाते हैं और आगे चलकर यह जिला पंचायत अध्यक्ष (Zila Panchayat President) के लिए मतदान करते है|
जिला पंचायत अध्यक्ष एक ऐसा पद है, जिसके लिए राजनीतिक दलों के बीच काफी उठा-पटक होती है|आपको बता दें, कि जिला पंचायत सदस्यों को किसी भी प्रकार का मानदेय नहीं दिया जाता है, परन्तु प्रत्येक बैठक में शामिल होनें पर उन्हें 1500 हजार रुपये भत्ते के रूप में दिए जाते है| जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष को सरकार द्वारा प्रतिमाह 15000 रुपये मानदेय के रूप में दिए जाते है|
सदस्य: ₹1,500 प्रति बैठक (अधिकतम 6/वर्ष)।
अध्यक्ष: ₹15,500/माह मानदेय।
ज़िला स्तर पर बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर/विकास कार्यों की स्वीकृति सीमा भी 2021 में बढ़ाई गई थी—ताकि प्रोजेक्ट्स फास्ट-ट्रैक हों।
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कार्यकाल में निधन पर आर्थिक सहायता (Ex-Gratia)
दिसंबर 2021 की घोषणा के अनुसार:
- ग्राम प्रधान: ₹10,00,000
- ज़िला पंचायत सदस्य: ₹5,00,000
- क्षेत्र पंचायत सदस्य: ₹3,00,000
- ग्राम पंचायत (वार्ड) सदस्य: ₹2,00,000
यह सहायता “विलेज पंचायत फ़ंड” से देने की बात कही गई थी, ताकि प्रतिनिधियों के परिवार को आकस्मिक परिस्थितियों में सपोर्ट मिल सके।
एक्स-ग्रेशिया (Ex-gratia) क्या है?
सीधे शब्दों में, एक्स-ग्रेशिया वह स्वैच्छिक आर्थिक मदद है जो कोई सरकार/संगठन “गुडविल” के तौर पर देता है—कानूनन देनी ज़रूरी नहीं, लेकिन मानवीय आधार पर दी जाती है।
ज़्यादा आसान उदाहरण:
- किसी आपदा/दुर्घटना/ड्यूटी के दौरान मौत या गंभीर चोट पर सरकार द्वारा परिवार को दी गई एकमुश्त मदद।
- ऑफिस/संस्था किसी कर्मचारी के साथ विशेष परिस्थितियों में “नियमों से बाहर” दी गई सहायता राशि।
क्या यह कानूनी हक़ है?
नहीं। यह कानूनी अधिकार (legal right/entitlement) नहीं होता। राशि, शर्तें और पात्रता देने वाले प्राधिकरण की नीति/निर्णय पर निर्भर करती हैं।
यह मुआवज़े/बीमा से कैसे अलग है?
- मुआवज़ा (Compensation): कानूनी देनदारी या नियमों के तहत तय—लेनदेन/जिम्मेदारी सिद्ध होने पर मिलना चाहिए।
- बीमा (Insurance): पॉलिसी की शर्तों के हिसाब से अनिवार्य भुगतान।
- एक्स-ग्रेशिया: नियम/कानून से बंधा नहीं; दया/मानवीय आधार पर स्वैच्छिक मदद।
पंचायत कॉन्टेक्स्ट (UP)
जैसे हमने सैलरी आर्टिकल में बताया: कार्यकाल में निर्वाचित प्रतिनिधि (ग्राम प्रधान/सदस्य आदि) के निधन पर उनके आश्रितों को एक तय एक्स-ग्रेशिया राशि दी जाती है—यह सरकार की घोषित नीति/जी.ओ. के अनुसार होती है, कोई व्यक्तिगत कानूनी दावा नहीं।
चुनाव कौन लड़ सकता है (Who Can Contest Elections)
Gram Pradhan ka Chunav Kaun Lad Sakta Hai – वैसे देखा जाये तो पंचायती चुनाव में ग्राम प्रधान पद के लिए लोग सबसे अधिक दवेदारी करते है| हालाँकि इसके लिए योग्यताएं (Eligibility) कुछ ख़ास नहीं बल्कि सामान्य है| प्रधान पद के लिए प्रत्याशी (Candidate) की आयु 21 वर्ष होना आवश्यक है|
न्यूनतम आयु: सामान्यतः 21 वर्ष।
मतदाता व निवासी: संबंधित क्षेत्र का वोटर/निवासी होना चाहिए (स्थानीय अधिनियम/नियम लागू)।
अन्य शर्तें: नामांकन, आरक्षण, खर्च, आचार संहिता आदि—UP Panchayat Raj Act/नियम के अनुरूप। (ताज़ा G.O./नोटिफ़िकेशन देखें।)
इसके आलावा सरकार द्वारा कुछ शर्ते निर्धारित की गयी है, जिन्हें पूरा करना आवश्यक है| यदि किसी करणवश यह शर्ते पूरी नहीं होती है, तो वह व्यक्ति गांव प्रधान का चुनाव लड़नें के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाता है|
हालाँकि इसके अलावा अन्य कई मुद्दों पर चर्चा चल रही है, जिन्हें पूरा ना करने पर व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ पाएगा. इनमें शैक्षणिक योग्यता, बच्चों की संख्या, चुनावी खर्चे का ब्यौरा आदि शामिल है, परन्तु इसकी अनिवार्यता के लिए अभी तक कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है|
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क्या पंचायत सहायक/DEO की सैलरी भी इसी में आती है?
यह निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं हैं, लेकिन ग्राम सचिवालय/पंचायत ऑफिस में Panchayat Sahayak/DEO को ₹6,000/माह “मानदेय” दिया जाता है (रिक्रूटमेंट नोटिस/डिपार्टमेंटल डॉक्युमेंट्स में यही अमाउंट दर्शाया जाता है)। इसे “सरकारी जॉब की सैलरी” नहीं—बल्कि मानदेय/Honorarium समझें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1. यूपी में ग्राम प्रधान की मौजूदा सैलरी कितनी है?
— ₹5,000/माह (मानदेय), दिसंबर 2021 की वृद्धि के बाद से।
Q2. ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य को क्या मिलता है?
— ₹100/ग्राम सभा बैठक (वर्ष में 12)।
Q3. BDC (क्षेत्र पंचायत) सदस्य/अध्यक्ष का मानदेय?
— सदस्य ₹1,000/बैठक (6/वर्ष); अध्यक्ष ₹11,300/माह।
Q4. ज़िला पंचायत सदस्य/अध्यक्ष का कितना मिलता है?
— सदस्य ₹1,500/बैठक (6/वर्ष); अध्यक्ष ₹15,500/माह।
Q5. क्या ग्राम प्रधान को ₹15,000/माह “ट्रैवल अलाउंस” मिलता है?
— नहीं, यूपी के लिए ऐसा कोई फिक्स TA/मंथली भत्ता आधिकारिक रूप से नहीं दिखता। पुरानी वायरल सूचनाएँ थीं—उन्हें न मानें।
Q6. पंचायत सहायक/DEO को कितना मिलता है?
— ₹6,000/माह (Honorarium)।
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