POCSO Act क्या है | पॉक्सो एक्ट के प्रावधान | पॉक्सो एक्ट का फुल फॉर्म

भारत सरकार ने यौन उत्पीड़न रोकने के लिए कई कड़े कानून का निर्माण किया है | इसके द्वारा बच्चों को कई अधिकार प्रदान किये गए है, जिसके द्वारा वह अपना जीवन- यापन सम्मान पूर्वक कर सके | भारत में कई ग्रामीण क्षेत्र है जहाँ पर शिक्षा का आभाव है, वहाँ पर बच्चों की स्थिति संतोषजनक नहीं पायी जाती है | इन सभी विषयों को ध्यान में रखते हुए पॉक्सो एक्ट का निर्माण किया गया है | यदि आपको पॉक्सो एक्ट के विषय में जानकारी नहीं है, तो इस पेज पर POCSO Act क्या है, पॉक्सो एक्ट के प्रावधान के विषय में जानकारी प्रदान की जा रही है |

पॉक्सो एक्ट का फुल फॉर्म (POCSO Act Full Form)

पॉक्सो (POCSO) एक्ट का फुल फॉर्म ‘The Protection Of Children From Sexual Offences Act’ है, हिंदी भाषा में इसे ‘लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम’ कहा जाता है | इसके द्वारा बच्चों के साथ हो रही यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने का प्रयास किया जा रहा है |

भारतीय संविधान में कितनी अनुसूचियां है?

पॉक्सो एक्ट क्या है (What is POCSO Act)

पॉक्सो एक्ट एक अधिनियम है, इस अधिनियम के द्वारा बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी को रोकने का प्रयास किया गया है | इस अधिनियम या कानून का निर्माण महिला और बाल विकास मंत्रालय के द्वारा किया गया है | इसका निर्माण वर्ष 2012 में किया गया था | वर्ष 2012 में बनाये गए कानून के अनुसार प्रत्येक अलग अपराध के लिए अलग प्रावधान किये गए थे | इसके द्वारा नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में दोषी व्यक्ति पर कार्यवाही की जाती है | इस कानून के द्वारा बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी के अपराधों से भारत सरकार के द्वारा सुरक्षा प्रदान की गयी है |

18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के साथ यदि यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी की जाती है तो इस प्रकार के सभी मामलें पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत सम्मिलित किये जायेंगे | इस कानून के द्वारा लड़के और लड़की दोनों को सामान रूप से सुरक्षा प्रदान की गयी है | यदि किसी मामलें को पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत पुलिस द्वारा रजिस्ट्रर्ड किया जाता है, तो ऐसे मामलों की सुनवाई विशेष अदालत में की जाती है |

पुनर्विचार याचिका (Review Petition) क्या है?

पॉक्सो एक्ट में फांसी की सजा (Hanging)

वर्ष 2012 में बनाये गए पॉक्सो एक्ट में कई परिवर्तन किये गए है, जिसके द्वारा इसमें पहले से किये गए प्रावधानों को और सख्त किया गया है | इनमें सबसे प्रमुख परिवर्तन है कि अब 12 वर्ष तक की बच्ची से यदि किसी के द्वारा रेप किया जाता है, तो उस व्यक्ति को फांसी की सजा दी जाएगी |

पॉक्सो एक्ट के प्रावधान (Provisions of POCSO Act)

पॉक्सो एक्ट के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार से है-

  • भारत में सभी प्रकार के दंडनीय कानून का निर्माण भारतीय दंड संहिता के अधीन किया जाता है | भारतीय दंड संहिता 1860 में एक दूसरे की सहमति से सेक्स करने की आयु में परिवर्तन किया गया है, पहले इसकी आयु 16 वर्ष थी | अब इसमें परिवर्तन करते हुए इसे 18 वर्ष कर दिया गया है |
  • इसके अनुसार यदि कोई पति या पत्नी अपने जीवनसाथी के साथ सहमती से या बिना सहमति के सेक्स करता है और पति या पत्नी में से किसी की भी आयु 18 वर्ष से कम होती है, तो इसे अपराध माना जायेगा | इसमें पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी | इस कानून के द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यौन उत्पीड़न से संरक्षण प्रदान किया गया है |
  • पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत सभी मामलों को विशेष अदालत द्वारा सुना जायेगा | इसमें बच्चें को माता- पिता अथवा बच्चा जिस को साथ रखना चाहता है, उसके सामने अदालत की सुनवाई की जाएगी | पूरी सुनवाई की कैमरा रिकार्डिग की जाएगी |
  • अगर दोषी एक किशोर है, तो उस पर किशोर न्यायालय अधिनियम 2000 (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी |
  • अगर यौन उत्पीड़न से पीड़ित बच्चा विकलांग अथवा मानसिक रूप से या शारीरिक रूप से अक्षम है तो उस समय न्यायालय के द्वारा पीड़ित बच्चें की गवाही के लिए अनुवादक, दुभाषिया या विशेष शिक्षक की सहायता प्राप्त की जाएगी यह पूरी गवाही कैमरे के समक्ष की जाएगी |
  • अगर दोषी व्यक्ति ने किसी प्रकार का ऐसा अपराध किया है, जो बाल अपराध कानून के अतिरिक्त अन्य किसी क़ानून में अपराध होता है तो दोषी व्यक्ति के ऊपर सबसे सख्त कानून के अनुसार कार्यवाही की जाएगी |
  • पुलिस की जानकारी में मामला आने पर पुलिस 24 घंटे के अन्दर इस मामलें को बाल कल्याण समिति (CWC) की जानकारी में लाएगी जिससे बाल कल्याण समिति बच्चें की सुरक्षा और संरक्षण हेतु आवश्यक कार्यवाही कर सके |
  • पॉक्सो एक्ट में बच्ची की मेडिकल जांच केवल महिला चिकित्सक द्वारा ही की जाएगी | इसमें केवल वहीं जांचें की जायेंगी जो पीड़ादायक न हो | यह सभी जाँच माता-पिता या बच्चें द्वारा बताएं गयें विश्वसनीय व्यक्ति के सामने ही की जायेंगी |

डेथ वारंट क्या होता है | नियम | इसमें क्या लिखा जाता है | पूरी जानकारी

यहां पर आपको POCSO Act क्या है, पॉक्सो एक्ट के प्रावधान के विषय में जानकारी दी गयी है, इससे सम्बंधित यदि आप किसी अन्य जानकारी को प्राप्त करना चाहते है या अपना सुझाव देना चाहते तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से आप दे सकते है, आपके द्वारा पूछे गए प्रश्नों और दिए गए सुझावों पर तत्काल उत्तर देने का प्रयास किया जायेगा |

5 thoughts on “POCSO Act क्या है | पॉक्सो एक्ट के प्रावधान | पॉक्सो एक्ट का फुल फॉर्म”

  1. Pingback: ग्राम प्रधान, बीडीसी और पंचायत सदस्य को सैलरी कितनी मिलती है?

  2. Pingback: कोको द्वीप समूह, क्या थी नेहरू की बड़ी भूल है ? » परिभाषाएँ और व्याख्या हिंदी में

  3. Pingback: दुनिया में सबसे गरीब देश कौन से है | दुनिया में सबसे अधिक अनाथ बच्चे

  4. Posco act mein bhataar ka koi oye gavah hona chahie aur Puri chhanv ke sath kyunki Akshar farji ke sote Hain aur koi apni purani Dushmani ke Karan bacchon ko fasaya jata hai

  5. Aur bacchiyon Ko aage Kiya jata hai jaise ki mere upar bhi Laga di hai aur mera beta bhi usi case mein Shamil hai baap beta mein teenon per laga rakhi hai aur Mahesh main kaise ban sakta hun uska Ko pravdhan hai

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top