सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन की जानकारी – सीबीआई (CBI) की जाँच से लगभग सभी हाई प्रोफाइल के लोग घबराते है | जब भी कोई दोषी बड़ा अपराध करता है तो उसकी जाँच कराई जाती है | जाँच में यदि सत्य सामने नहीं आता है या जाँच प्रक्रिया ही संदिग्त पायी जाती है, तो पीड़ित व्यक्ति मामले की जाँच सीबीआई (CBI) से करवाने की मांग करते है | यदि राज्य सरकार इसके लिए अनुमति प्रदान कर देती है, तो मामले को सीबीआई (CBI) के हैंडओवर कर दिया जाता है | इस पेज पर सीबीआई (CBI) क्या है, CBI Full Form, जांच प्रक्रिया, इतिहास और अधिकार के विषय में विस्तार से जानकारी दे रहे है|
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सीबीआई फुल फॉर्म (CBI Full Form)
विषयसूची
सीबीआई का फुल फॉर्म Central Bureau of Investigation है| हिंदी में इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो के नाम से सम्बोधित किया जाता है | टीवी चैनलों और समाचार पत्रों में इसे केवल CBI (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ही बोला जाता है |
CBI Full Form In English | Central Bureau of Investigation |
सीबीआई फुल फॉर्म इन हिंदी | केंद्रीय जांच ब्यूरो |
सीबीआई क्या है (What Is CBI)
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन अर्थात सीबीआई देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी (Investigating Agency) है, जो अंतरराष्ट्रीय (International) और राष्ट्रीय (National) स्तर पर होने वाले अपराधों जैसे मर्डर, अनेक प्रकार के घोटाले और भ्रष्टाचार से सम्बंधित मामलों और देश के हितों से संबंधित अपराधों की जाँच भारत सरकार की तरफ से करती है|
सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) और उच्च न्यायालय (High Court) राज्य सरकार की सहमति के बिना देश के किसी भी राज्य में अपराधिक मामले की जांच के लिए CBI को आदेश दे सकते हैं| आपको बता दें कि सीबीआई केंद्रीय गृहमंत्रालय के अधीन कार्य करती है |
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सीबीआई का इतिहास (CBI History)
अंग्रेजों ने लगभग 200 वर्षों तक भारत पर शासन किया है | इस दौरान अंग्रेजों ने दो विश्व युद्धों में भाग लिया था | क्योंकि भारत अंग्रेजों के अधीन था इसलिए भारत ने अंग्रेजों की तरफ से युद्ध में भाग लिया था |
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारत की सेना में कई प्रकार के भ्रष्टाचार और रिश्वत के मामले प्रकाश में आये इसमें सेना के बड़े- बड़े अंग्रेज अधिकारी शामिल पाए गए थे | इसके लिए ब्रिटिश भारत में वर्ष 1941 में एक विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (एसपीई) की स्थापना की गयी थी |
कुछ समय के बाद वर्ष 1946 में भारत सरकार के विभागों में रिश्वत और भ्रष्टाचार के मामलों की जाँच करने के लिए एसपीई को भारत सरकार की एक जाँच एजेंसी के रूप में परिवर्तित करते हुए दिल्ली विशेष पुलिस बल के रूप में जाना जाने लगा | इसके लिए औपचारिक रूप से दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (DSPE) अधिनियम, 1946 को लागू किया गया |
सीबीआई की स्थापना वर्ष 1963 में की गयी थी | इसके लिए DSPE अधिनियम 1946 के द्वारा सीबीआई को उच्च पदों पर भ्रष्टाचार, गंभीर अपराधों, गंभीर धोखाधड़ी, सामाजिक अपराध, आवश्यक वस्तुओं में काला-बाजारी और मुनाफाखोरी, विशेषकर जमाखोरी जैसे अपराधों की जाँच के लिए शक्तियां प्रदान की गयी | दिल्ली विशेष पुलिस बल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का नाम दिया गया, तब से लेकर अभी तक हम इसे सीबीआई के नाम से ही जानते है|
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सीबीआई का अधिकार क्षेत्र (CBI Jurisdiction)
सीबीआई को 1946 के अधिनियम द्वारा शक्तियां प्राप्त है | इसके द्वारा केवल उन अपराधों की जाँच की जा सकती है जिन्हें केंद्र सरकार अधिसूचित करती है | सीबीआई बिना राज्य सरकार की अनुमति के उसके राज्य क्षेत्र में जाँच नहीं कर सकती है |
यदि उसे किसी मामले की छान- बीन करने के लिए राज्य के अंदर कार्यवाही करनी है, तो इसके लिए वह पहले राज्य सरकार से अनुमति प्राप्त करेगी | यह अनुमति सामान्य या विशेष हो सकती है |
सामान्य अनुमति में राज्यों ने सीबीआई को अधिकतर केंद्रीय कर्मचारियों की ही जाँच करने की अनुमति प्रदान की है | इसके द्वारा सांसद या संसद सदस्य की भी जाँच की जा सकती है|
राज्य सरकार की स्वीकृति (CBI State Government Approval)
- सीबीआई केंद्रीय कर्मचारियों की जाँच कर सकती है | केंद्र सरकार डीएसपीई अधिनियम की धारा 3 का उपयोग करते हुए सीबीआई के द्वारा केवल केंद्र शासित प्रदेशों में जाँच करवा सकती है |
- केंद्र सरकार धारा 5 के द्वारा सीबीआई की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र को राज्य के क्षेत्रों तक बढ़ा सकती है, लेकिन जाँच केवल केंद्र सरकार के विभागों में की जा सकती है |
- राज्य कर्मचारी या राज्य के अधिकार के विभागों में जाँच करने के लिए सीबीआई को राज्य सरकार की स्वीकृति आवश्यक है |
- सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के द्वारा सीबीआई को राज्य की सहमति के बिना देश के किसी भी भाग में अपराध की जांच करने का आदेश दिया जा सकता है |
सीबीआई की आधिकारिक वेबसाइट- यहाँ क्लिक करें
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