लैम्बडा वैरिएंट (Lambda Variant) क्या है | लक्षण | बचाव | WHO की रिपोर्ट

Lambda Variant Kya Hai- देश में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का खतरा अभी कुछ कम ही हुआ था, कि इसी बीच कोरोना के एक नए वैरिएंट से खतरा मंडराने लगा है| कोरोना के इस नए वैरिएंट का नाम ‘लैम्बडा’ है| सबसे बड़ी बात यह है, कि अभी तक भारत में इस वैरिएंट से सम्बंधित एक भी मामला सामने नहीं आया है| हालाँकि कोरोना का यह खतनाक वैरिएंट दुनिया के लगभग 30 देशों में फ़ैल चुका है| कोविड के इस नए रूप को लेकर वैज्ञानिक एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार नजर बनाये हुए है| लैम्बडा वैरिएंट (Lambda Variant) क्या है, इसके लक्षण, बचाव और के बारें में WHO की रिपोर्ट के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी दे रहे है|

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लैम्बडा वैरिएंट क्या है (What Is Lambda Variant)

स्वास्थ्य संगठन अर्थात डब्ल्यूएचओ (WHO) नें गत 14 जून को लैम्बडा वैरिएंट को कोरोना का सांतवां नया वैरिएंट बताया है, इसके साथ ही इसका वैज्ञानिक नाम सी.37 दिया है| हालाँकि कोरोना के इस नए रूप नें लगभग 30 से अधिक देशों में कोहराम मचा रखा है| स्वास्थ्य विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों के मुताबिक डेल्टा वैरिएंट की अपेक्षा लैम्बडा वैरिएंट को अधिक खतरनाक होनें की संभावना व्यक्त की है|  आपको बता दें, कि लैम्बडा वैरिएंट का पहला मामला पेरू में दर्ज किया गया था और अब यह वैरियंट दुनिया के अलग-अलग देशों में बहुत ही तीव्र गति से फैलता जा रहा है।

कोरोना के इस नए स्ट्रेन की पहचान सबसे पहले पेरू में दिसंबर 2020 में हुई थी| स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इस नए वैरिएंट की संक्रमण क्षमता बहुत अधिक है और यह एंटीबॉडी को भी बहुत ज्यादा प्रभावित करता है| इसके साथ ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह भी कहा है, कि इस बात को सिद्द करनें के लिए फिलहाल हमारे पास पर्याप्त डाटा उपलब्ध नहीं है|

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लैम्बडा वैरिएंट कितनें देशों में पाया गया (How Many Countries Found Lambda Variant)

कोरोना का यह नया स्ट्रोन 30 से अधिक देशों में  पाया गया है और इस वायरस का प्रभाव सबसे अधिक पेरू और दक्षिण अमेरिका में देखनें की मिला है| पेरू में लगभग 80 प्रतिशत पेशेंट इसी वायरस के संक्रमित पाए गये है|  अभी तक यह नया स्ट्रोन पेरू के पडोसी देश चिली के साथ-साथ इक्वाडोर, अर्जेंटीना सहित कुछ दक्षिण अमेरिकी देशों में पाया गया है। यूनाइटेड किंगडम में अभी तक 6 लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गये है और सबसे खात बात यह है, कि यह सभी विदेशी यात्री हैं|

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ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में मिले केस (Cases found in UK and Australia)

ब्रिटेन में लैम्बडा वैरिएंट से संक्रमित पाए गये सभी संक्रमित अंतरराष्ट्रीय यात्री हैं। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया में भी इससे संक्रमित व्यक्ति पाए गये है|  इस वैरिएंट पर चिली में किये गये एक शोध के अनुसार, यह वैरिएंट अल्फा एवं गामा वैरिएंट से अधिक खतरनाक है| इसके साथ ही यह भी कहा गया है, कि चीन की वैक्सीन सिनोवैक का प्रभाव भी कुछ खास नहीं है|

कोरोना के इस स्ट्रोन को लेकर मलेशिया स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया, कि लैम्बडा वैरिएंट, डेल्टा वैरिएंट से अधिक प्रभावकारी सिद्ध हो रहा है| स्वास्थ्य विभाग ने अपने एक ट्वीट के माध्यम से बताया, ‘लैम्बडा वैरिएंट के बारे में कहा जा रहा है कि इसकी उत्पति पेरू में हुई। इस देश में महामारी से मृत्युदर दुनिया में सर्वाधिक है।

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लैम्बडा वैरिएंट को लेकर डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट (WHO Report On Lambda Variant)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अनुसार, Sars-CoV-2 जो कि कोरोना वायरस के चलते होता है और इसी के कारण वायरस के गुणों में परिवर्तन जैसे- वायरस का फैलना, बीमारी की गंभीरता और वैक्सीन या दवाओं का प्रभाव आदि होता है|  हालाँकि डब्ल्यूएचओ नें Sars-CoV-2 के बदलाव पर नजर और उसके आकलन रखनें के लिए दुनिया भर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का एक नेटवर्क बनाया है| जो देशों को वायरस में हो रहे परिवर्तनों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएँगे, ताकि इसकी संक्रमण दर को नियंत्रित करनें के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकें|

लैम्बडा वैरिएंट लक्षण (Symptoms Of Lambda)

कोरोना के सभी वेरिएंट्स की भांति ही ‘लैम्ब्डा’ की पहचान सिर्फ लक्षणों के आधार पर नहीं की जा सकती| हालाँकि इसके लक्षण अन्य सभी वेरिएंट्स की तरह ही है, अभी तक इसके सटीक लक्षणों की बारें में कोई प्रमाणित जानकारी उपलब्ध नहीं है| ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) के मुताबिक, बुखार, लगातार खांसी आना, गंध और स्‍वाद न आना लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई न कोई एक लक्षण मरीज में रहता है।

चीन की कोरोना वैक्सीन बेअसर (China’s Corona Vaccine Ineffective)

पेरू में किये गये एक अध्ययन के मुताबिक यह दावा किया गया है, कि चीन निर्मित कोविड वैक्सीन कोवोवैक इस वैरिएंट के लिए बिल्कुल भी असरदायक नहीं है| हालाँकि इस स्टडी को अभी रिव्यू किया जाना शेष है| 14 जून को विश्व स्वास्थ्य संगठन नें कोरोना के इस नए वैरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट’ कहा था|    

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