डेल्टा प्लस (Delta Plus) वैरिएंट क्या है | लक्षण | बचाव | वैक्सीन की जानकारी

वर्तमान समय में कोविड-19 से संक्रमित होनें वाले मामलों में काफी हद तक कमी देखनें को मिल रही है,परन्तु इसी बीच कोरोना वायरस के नए डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant) ने लोगो को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है| कोरोना के इस नए रूप को लेकर भारत के साथ ही दुनियाभर के देशों के विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गया है। डेल्टा प्लस वैरिएंट को कोरोना का सबसे घातक रूप कहा जा रहा है| विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, यदि कोरोना के नियमों का पालन सख्ती से नहीं किया गया तो यह आगामी आने वाले समय में बहुत भारी तबाही मचा सकता है| आपको बता दें, कि भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित होनें वाले लोगो की संख्या में प्रतिदिन इजाफा हो रहा है| डेल्टा प्लस (Delta Plus) वैरिएंट क्या है, लक्षण, बचाव, वैक्सीन के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है|

आरटी पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट में अंतर क्या है

डेल्टा प्लस वैरिएंट क्या है (What Is Delta Plus Variant)    

Delta Plus Variant Kya Hai- भारत के साथ ही दुनिया के अधिकांश देशों में महामारी की दूसरी लहर में भारी तबाही मचानें वाले कोरोना के इस वैरिएंट को डेल्टा (Delta) नाम दिया गया और वर्तमान समय में जिस वैरिएंट ने दस्तक दी है, उसे डेल्टा प्लस (Delta Plus) का नाम दिया गया है| जीनोम सिक्वेसिंग (Genome Sequencing) के माध्यम से कोरोना के इस खतरनाक वैरिएंट की भारत में मौजूदगी की पुष्टि हुई है।

कोविड-19 का डेल्टा वैरिएंट (B.617.2) भारत सहित दुनिया विभिन्न देशों में भारी तबाही मचा चुका है, हालाँकि अभी भी यह सभी के लिए एक चिंता का विषय बना हुआ है| इसी बीच डेल्टा वैरिएंट म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस (AY.1) में परिवर्तित हो गया है| आपको बता दें कि डेल्टा वैरिएंट की स्पाइक में K417N म्यूटेशन जुड़ जाने का कारण डेल्टा प्लस वैरिएंट की उत्पत्ति हुई है|   

कोरोना की जांच कैसे होती है | RT-PCR या मॉलिक्युलर टेस्ट | समय | खर्च

 डेल्टा प्लस वैरिएंट की उत्पत्ति कैसे हुई (Origin of Delta Plus Variant)

डेल्टा प्लस वैरिएंट की उत्पत्ति डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) स्ट्रेन के म्यूटेशन से हुई है और इस म्यूटेशन का नाम K417N है| कोविड-19 के पुराने वाले वैरिएंट में बदलाव होनें के कारण ही इस नए अर्थात डेल्टा प्लस वैरिएंट सामने आया है| आपको बता दें, कि स्पाइक प्रोटीन वायरस का एक ऐसा भाग होता है, जिसकी सहायता से वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करनें के पश्चात हमें संक्रमित करता है|   

दरअसल कोरोना वायरस K417N म्यूटेशन के कारण ही हमारे शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र (Immune System) को चकमा देने मे सफल हो जाता है| 14 जून को नीति आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा था, कि ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट हमारे बीच मार्च 2021 से मौजूद है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने डेल्टा वेरिएंट को ‘Virus of Concern’ (वायरस ऑफ कंसर्न) करार दिया है।

डबल म्यूटेंट (Double Mutant) वैरिएंट क्या है?          

डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण (Symptoms Of Delta Plus Variant)

कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट बहुत अधिक संक्रामक है|  यह वैरिएंट फेफड़े की कोशिकाओं के रिसेप्टर से बहुत मजबूती से चिपक जाता है, जिसके कारण फेफड़ों के जल्द ही संक्रमित होनें की संभावना बढ़ जाती है| इसके साथ ही यह मोनोक्लोनल एंडीबॉडी कॉकटेल (दो दवाओं का मिक्सचर) को चकमा देने में पूरी तरह से सक्षम है|

डेल्टा प्लस वेरिएंट नें अभी तक जितने लोगो को शिकार बनाया है, उनमें तेज खांसी, सिरदर्द, गले में खराश और नाक बहना आदि लक्षण पाए गये है| हालाँकि इससे संक्रमित होनें लोगो में कोल्ड सिम्टम्स पिछले वायरस से काफी अलग पाया जा रहा है| विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अधिकारियों द्वारा इसके कुछ सामान्य लक्षण जैसे चमड़ी पर चकत्ते पड़ना, पैर की अँगुलियों का रंग बदलना, दस्त लगना आदि लक्षण पाए गये है|

वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल क्या होता है | वैक्सीनेशन के चरण | भारत में उपलब्ध वैक्सीन

डेल्टा प्लस की टेस्टिंग कैसे होती है (Delta Plus Variant Testing In Hindi)

डाक्टर्स के मुताबिक डेल्टा प्लस की टेस्टिंग भी आम कोरोना की टेस्टिंग की तरह ही होती है, परन्तु इसका सैंपल दिल्ली भेजा जाता है और एनसीडीसी (NCDC) में इसकी रिपोर्ट तैयार की जाती है| इसके पश्चात इसका पूरा डाटा दिल्ली के शोध केन्द्र भेजा जाता है, जहाँ इस वायरस के रिएक्शन को देखा जाता है| यदि इसमें किसी तरह का बदलाव पाया जाता है, तो इसे डेल्टा प्लस की श्रेणी में रखा जाता है|   

डेल्टा प्लस वेरिएंट के लिए वैक्सीन (Vaccine for Delta Plus Variant)

दरअसल महामारी के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण से बचनें के लिए टीकाकरण अर्थात वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है| लेकिन यह वैक्सीन डेल्टा प्लस वेरिएंट के लिए किस हद तक प्रभावी है, इसके बारें में कोई स्पष्ट जानकारी सार्वजानिक नहीं की गयी है|   डेल्टा प्लस वेरिएंट से निपटनें के लिए यह वैक्सीन कितनी प्रभावी है, इसके लिए भारत सहित विश्व के कई देशों द्वारा लगातार रिसर्च की जा रही है| विशेषज्ञों के अनुसार, जिन लोगों ने वैक्सीन की एक ही डोज लगवायी है, उन्हें इसका खतरा अधिक है| इसलिए वैक्सीन के दोनों डोज लगवाएं तभी इस वेरिएंट से बचा जा सकता है|

कोरोना कवच पॉलिसी क्या है | प्रीमियम | बीमा की राशि | समय अवधि

डेल्टा प्लस वेरिएंट से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी

1. कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से बचनें के उपाय क्या है?

2. क्या डेल्टा प्लस वैरिएंट पर वैक्सीन प्रभावी है?

3. शरीर में कितनें प्रतिशत एंटीबॉडी बनी है, इसका पता चल सकता है?

4. वैक्सीन ट्रायल के लिए किस तरह के बच्चों को लिया जाता है?

Delta Plus Variant More Information – Click Here

8 thoughts on “डेल्टा प्लस (Delta Plus) वैरिएंट क्या है | लक्षण | बचाव | वैक्सीन की जानकारी”

  1. Pingback: लैम्बडा वैरिएंट (Lambda Variant) क्या है | लक्षण | बचाव | WHO की रिपोर्ट

  2. Pingback: जीका वायरस (Zika Virus) क्या है | लक्षण | रोकथाम | ईलाज की जानकारी

  3. Pingback: कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट ऑनलाइन कैसे प्राप्त करे, जानिए पूरा प्रोसेस

  4. Pingback: कोरोना वायरस के कुल कितने वैरिएंट्स हैं, जानिए कौन कितना खतरनाक

  5. Pingback: कोरोना की तीसरी लहर क्या हैं कब आएगी ? » परिभाषाएँ और व्याख्या हिंदी में

  6. Pingback: कोविड टोज़ (Covid Toes) क्या है | लक्षण | बचाव | उपचार की पूरी जानकारी

  7. Pingback: कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट में ऑनलाइन सुधार कैसे करे, जानिए पूरा प्रोसेस

  8. Pingback: निपाह वायरस (Nipah Virus) क्या है | लक्षण | बचाव | ईलाज | पूरी जानकारी

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top