RT PCR And Rapid Antigen Test– कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप सबसे अधिक भारत में देखनें को मिला है| हालाँकि लगभग एक माह के बाद स्थितियां कुछ हद तक नियंत्रण में है, परन्तु भारत के आलावा यूके, ब्राज़ील, जापान और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में कोरोना के नए वैरिएंट्स सामनें आये है| ऐसे में सोशल डिस्टेंसनिंग के साथ-साथ घरों से बाहर निकलनें पर मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य बताया गया है| कोरोना संक्रमण की जाँच के लिए देश में विभिन्न प्रकार के टेस्ट किये जा रहे है, परन्तु इनमें से सबसे अधिक आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है| आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट में अंतर क्या है, और इन जांचो को कितना विश्वसनीय माना जाता है? इसके बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है|
कोरोना की जांच कैसे होती है | RT-PCR या मॉलिक्युलर टेस्ट | समय | खर्च
भारत में कोरोना टेस्ट की जानकारी (Information About Corona Test In India)
विषयसूची
आपको बता दें, कि भारत में कोरोना से संक्रमित होनें वाले लोगो में संक्रमण की जानकारी के लिए जाँच के कई विकल्प मौजूद है, लेकिन इनमें से आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट का प्रयोग सबसे अधिक किया जा रहा है| यहाँ तक कि सरकार इन्ही दोनों जांचों के माध्यम से लोगो में संक्रमण की जानकारी प्राप्त करती है| जबकि यह दोनों जाचें 100 परसेंट सही नही होती है, परन्तु विश्वसनीयता की दृष्टि से आरटी-पीसीआर टेस्ट को अन्य जाँचों की अपेक्षा अधिक विश्वसनीय माना जाता है।
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आरटी पीसीआर का फुल फार्म क्या है (RT PCR Full Form In Hindi)
RT PCR (आरटी पीसीआर) का फुल फार्म Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमियर्स चेन रिएक्शन) है| भारत में कोरोना की जाँच के लिए सबसे अधिक इसी टेस्ट का उपयोग किया जा रहा है|
RT PCR Full Form | Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction |
आरटी-पीसीआर फुल फार्म | रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमियर्स चेन रिएक्शन |
आरटी पीसीआर टेस्ट क्या होता है (What Is RT PCR Test)
रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमियर्स चेन रिएक्शन अर्थात आरटी-पीसीआर टेस्ट लेबोरेटरी अर्थात प्रयोगशाला में की जाती है| इस जाँच की सहायता से व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस की उपस्थिति की जानकारी प्राप्त की जाती है| आरटी-पीसीआर टेस्ट में वायरस के आरएनए की जांच की जाती है। इस जाँच के लिए मनुष्य के गले तथा नाक से म्यूकोजा के अंदर वाली परत से स्वैब लिया जाता है।
पीसीआर टेस्ट को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) और यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (US Center for Disease Control) अधिक विश्वसनीय मानते हैं। हालाँकि आरटीपीसीआर जाँच में लगभग 6 से 8 घंटे का समय लगता है, इसके साथ ही यह जाँच एंटीजन टेस्ट की अपेक्षा काफी महँगी होती है| भारत में इस समय इस टेस्ट के लिए लोगो को लगभग 800 रुपए चुकानें पड़ते है| जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल में इसके लिए मनमाना पैसा लिया जाता है|
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रैपिड एंटीजन टेस्ट क्या होता है (What is Rapid Antigen Test)
रैपिड एंटीजन टेस्ट के दौरान इसमें व्यक्ति की नाक के दोनों भागों से फ्लूइड का सैंपल लिया जाता है। इसकी जाँच के लिए एक प्रकार की स्ट्रिप का प्रयोग किया जाता है| स्ट्रिप पर स्ट्रिप पर दो रेड लाइन आने व्यक्ति को संक्रमित माना जाता है। जबकि इस जाँच के दौरान व्यक्ति की जाँच निगेटिव आनें पर इसे फाइनल नहीं माना जाता है| इसके बाद इस टेस्ट की आरटीपीसीआर जांच होती है।
रैपिड एंटीजन टेस्ट के दौरान यदि किसी व्यक्ति की जाँच पॉजिटिव आ जाती है, तो उसे संक्रमित मान लिया जाता है| आपको बता दें, कि इस जाँच की रिपोर्ट लगभग 10 से 25 मिनट में आ जाती है| सबसे ख़ास बात यह है, कि रैपिड एंटीजन टेस्ट, आरटीपीसीआर टेस्ट की पेक्षा काफी सस्ती अर्थात 150 रुपए में हो जाती है।
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मीडिया से प्राप्त जानकरी के अनुसार, अमेरिका जैसे देशों में कोरोना संक्रमण की जाँच के लिए कम से कम 3 प्रकार के टेस्ट किये जाते है| पहले 2 प्रकार की जाँचों में मनुष्य के शरीर में उपस्थित एक्टिव इंफेक्शन का पता लगाया जाता है, जबकि तीसरी जाँच के दौरान यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति पहले संक्रमण का शिकार तो नहीं हुआ था।
हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number)
कोरोनो वायरस के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर | 91 -11-23978046 |
टोल फ्री नंबर | 1075 |
MyGov Corona Helpdesk | +91 90131 51515 |
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट | यहाँ क्लिक करे |
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