उपराज्यपाल (LG) क्या होता है | LG की नियुक्ति | अधिकार और शक्तियाँ

Information About Lieutenant Governor– भारत में दो प्रकार के राज्य है, एक पूर्ण राज्य और दूसरे केंद्र शासित प्रदेश | केंद्र शासित प्रदेशों में उपराज्यपाल की नियुक्ति की जाती है | यह एक संवैधानिक पद है, इस पद पर रहते हुए व्यक्ति को भारतीय संविधान के अनुसार राज्य का संचालन करवाना होता है | इस कार्य में उपराज्यपाल के अधिकार उसकी विशेष सहायता करते है | यदि आप उपराज्यपाल के के विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो इस आर्टिकल अंत तक पढ़े और विस्तार से जानिये कि उपराज्यपाल (LG) क्या होता है, LG की नियुक्ति अधिकार और शक्तियाँ |

उपराज्यपाल से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी (Important Information About LG)

हाल ही में केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा संसद (Parliyament) में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक (2021) को पेश किया गया था, जिसे भारत के वर्तमान राष्ट्रपति (President) रामनाथ कोविंद जी के द्वारा मंजूरी दे दी गयी है| राष्ट्रपति की मंजूरी मिलनें के बाद अब यह कानून बन गया है| इसका सीधा मतलब यह है, कि दिल्ली में सरकार का मतलब उपराज्यपाल (LG) है| दिल्ली सरकार को अब किसी भी प्रकार का कोई नया कानून लागू करनें से पहले उन्हें उपराज्यपाल की स्वीकृति अनिवार्य रूप से लेनी होगी|

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उपराज्यपाल क्या होता है (What Is Lieutenant Governor-LG)

उपराज्यपाल को लेफ्टिनेंट गवर्नर (Lieutenant Governor-LG) भी कहा जाता है | यह केंद्र शासित प्रदेश का संवैधानिक प्रमुख होता है| लेफ्टिनेंट गवर्नर पद का सृजन पहली बार सितंबर 1966 में किया गया था| आपको बता दें, कि उपराज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और इनका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है|

भारत में कुल 28 राज्य (State) और 8 केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) हैं| हालाँकि धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत के नए केंद्र शासित प्रदेश हैं| हालाँकि देश के सभी 28 राज्य राज्यपाल (Governer) के नेतृत्व में हैं, परन्तु केंद्र शासित प्रदेशों का संचालन उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) और प्रशासक (Administrator) द्वारा किया जाता है|

उपराज्यपाल की नियुक्ति (Appointment of Lieutenant Governor)

केंद्र शासित (Union Territory) प्रदेशो में प्रशासक (Administrator) राष्ट्रपति के एक एजेंट के रूप में कार्य करते है| यदि हम वर्तमान समय की बात करे तो भारत में अंडमान निकोबार द्वीप (Andaman and Nicobar Islands), दिल्ली (Delhi) और पुदुचेरी (Puducherry) इन तीन राज्यों में शासन का संचालन उप राज्यपाल द्वारा किया जा रहा है| जबकि दमन एवं दीव (Daman and Diu), लक्षद्वीप (Lakshadweep) और चंडीगढ़ (Chandigarh) में शासन प्रशासक के माध्यम से किया जा रहा है|

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संविधान में उपराज्यपाल का प्रावधान (Provision of Lieutenant Governor in Constitution)

उपराज्यपाल का प्रावधान भारतीय संविधान के भाग 8 में अनुच्छेद 239 से लेकर 241 तक केंद्र शासित प्रदेश के विषय में बताया गया है | भारत के सभी केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणी एक ही रहती है परन्तु प्रशासनिक पद्धित अलग- अलग हो सकती है | केंद्र शासित प्रदेशों का शासन मुख्यत: राष्ट्रपति के आधीन संचालित होता है | यहाँ पर उपराज्यपाल राष्ट्रपति के एजेंट के रूप में कार्य करता है |

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केंद्र शासित प्रदेश के प्रकार (Types of Union Territories)

भारत में दो प्रकार के केंद्र शासित प्रदेश है, प्रथम प्रकार में विधान सभा का गठन किया जाता है और द्वितीय प्रकार में विधान सभा का गठन नहीं किया जाता है | विधान सभा वाले केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर, नयी दिल्ली, पांडुचेरी है | इसके अतिरिक्त अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में विधान सभा का गठन नहीं किया गया है |

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उपराज्यपाल के अधिकार (Powers Of LG)

उपराज्यपाल के अधिकार इस प्रकार है –

विधानसभा को भंग और स्थगन करने का अधिकार (Right To Dissolve or Adjourn Assembly)

उपराज्यपाल अपने केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा को भंग और स्थगन करने का अधिकार रखता है | वह विधानसभा सत्र के लिए अपनी अनुमति देता है | प्रत्येक छ: माह के अंदर विधानसभा का सत्र बुलाना अनिवार्य है |

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विधान सभा से रिपोर्ट लेने का अधिकार (Right To Take Report From Legislative Assembly)

उपराज्यपाल लंबित विधेयक या अन्य किसी कार्य के लिए विधानसभा को संदेश भेज सकते है और की गयी कार्यवाही की रिपोर्ट विधानसभा को भेजना अनिवार्य है |

वित्तीय बिल का अधिकार (Financial Bill Of Rights)

  • उपराज्यपाल की अनुमति के बिना कोई भी वित्तीय बिल पेश नहीं किया जा सकता है | इनमें कर को लगाना, कर को हटाना, कर में छूट देना है |
  • वित्तीय कानून में परिवर्तन उपराज्यपाल की अनुमति के बिना नहीं हो सकता है |
  • उपराज्यपाल अंतिम रूप से निर्णय लेते है कि राज्य की समेकित निधि से क्या खर्च करना है या क्या खर्च नहीं करना है | उपराज्यपाल की अनुमति के बिना समेकित निधि से धन नहीं निकाला जा सकता है|

बिल को पास करने का अधिकार (Right To Pass The Bill)

उपराज्यपाल विधान सभा के बिल को स्वीकार्य या अस्वीकार्य करने का अधिकार रखते है | वह राष्ट्रपति के विचार के लिए भी बिल को सुरक्षित रख सकते है |

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