सीटीईटी (C – TET) पात्रता प्रमाण पत्र अब जीवन भर के लिए मान्य

केंद्र सरकार ने टीचर पात्रता टेस्ट(CTET) क्वालीफाई सर्टिफिकेट को 7 साल की बजाय जीवन भर (लाइफटाइम) के लिए  मान्य किया। जो अभ्यर्थी शिक्षक बनना चाहते हैं उन अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी की योग्यता प्रमाण पत्र की वैलिडिटी अवधि को 7 साल की बजाए अब बढ़ाकर आजीवन कर दिया है। पहले एक बार टीईटी पास करने के बाद प्रमाण पत्र की वैधता 7 साल की होती थी और प्रमाण पत्र 7 साल के बाद अमान्य जाने के कारण वह नौकरी के पात्र नहीं होते थे।

पात्रता पाने के लिए उन्हें पुनः परीक्षा में सम्मिलित होकर सफलता प्राप्त करनी होती थी। परंतु शिक्षा मंत्रालय के महत्वपूर्ण फैसले के बाद आने वाले समय में शिक्षक की नौकरी का सपना देखने वाले लाखों युवाओं को फायदा मिलेगा।

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शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि जिन अभ्यार्थियों या उम्मीदवारों के प्रमाण पत्र की अवधि 7 साल पूरी हो चुकी है उन उम्मीदवारों से संबंधित राज्य सरकार या केंद्र सरकार प्रमाण पत्र के पुनः निर्धारण व नया टीईटी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए नए कदम उठाएंगे ।

सीबीएसई (सेंट्रल बोर्ड सेकेंडरी एजुकेशन) ने CTET सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट प्रमाण पत्र की वैलिडिटी को 7 साल से बढ़ाकर आजीवन कर दिया है। एन.सी.टीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) ने फैसला 50वी जनरल मीटिंग असेंबली में लिया गया।

सीटेट की वैधता आजीवन होने पर लाखों युवकों का झुकाव इसकी तरफ बढ़ेगा। सीटेट यूपी में टीचर्स के रिक्रूटमेंट में भी मान्य होता है और यह व्यवस्था 2011 से प्रभावी होगा ।

इस फैसले से अभ्यर्थियों को क्या फायदा मिलेगा 

स्कूलों में शिक्षक के पद पर नियुक्त होने के लिए किसी व्यक्ति की पात्रता के संबंध में शिक्षक पात्रता परीक्षा की योग्यता प्रमाण पत्र एक जरूरी पात्रता है प्रत्येक वर्ष युवाओं को शिक्षक बनने के लिए 7 साल में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि शिक्षा पात्रता परीक्षा प्रमाण पत्र आजीवन मान्य होगा ,व्यवस्था पूरे देश भर में लागू होगी 

यदि टीईटी पास करने के बाद 7 साल के अंदर शिक्षक नियुक्त नहीं होता है तो फिर उसे दोबारा से टीईटी परीक्षा पास करनी होती थी ,इस प्रकार से नौकरी प्राप्त करने के लिए और आवेदन डालने की प्रक्रिया यह समस्या सामने आती थी परंतु इस समस्या के समाधान हेतु केंद्र सरकार ने यह नियम लागू किया है एक बार टीईटी पास करने के बाद इसका प्रमाण पत्र आजीवन मान्य रहेगा।

प्रत्येक वर्ष केंद्र सरकार व राज्य सरकार केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा होने वाली टीईटी परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी परीक्षा में बैठते हैं, जहां उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी )5 साल के लिए मान्य होती है वही (सीटीईटी )प्रमाण पत्र की मान्यता 7 साल के लिए होती है।

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वर्ष में दो बार होती हैं परीक्षा

सीबीएससी वर्ष में दो बार सीटेट की परीक्षा आयोजित करता है प्रथम परीक्षा जुलाई माह व दितीय परीक्षा दिसंबर माह में आयोजित की जाती है।

सीटेट के प्रथम पाली की परीक्षा में भाग लेने वाले सफल उम्मीदवार कक्षा 1 से 5 तक के लिए होने वाले शिक्षक भर्ती के लिए योग्य माने जाते हैं और द्वितीय पाली की परीक्षा में भाग लेने वाले सफल उम्मीदवार कक्षा 6 से 8 तक के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती के लिए योग माने जाते हैं यानी अब जो अभ्यर्थी किसी टीईटी में सफल होंगे वह हमेशा सरकारी स्कूल में के पात्र होंगे।

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CTET करने की क्या आवश्यकता है ?

सीटेट का संचालन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा किया जाता है सीटेट का सर्टिफिकेट होने के कई फायदे हैं यदि आपके पास सीटेट प्रमाण पत्र है तो आप केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार के स्कूलों में भी आवेदन कर सकते हैं ।

क्या सीटेट सभी राज्यों के लिए मान्य है ?

सीटेट में सफल होने वाले अभ्यर्थी प्रत्येक राज्य में परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं और सीटेट भारत बिना मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में भी आवेदन कर सकते हैं।

क्या सीटेट (CTET) परीक्षा पास करने के लिए B.Ed का होना अति आवश्यक है ?

B.Ed सीटेट के लिए आवश्यक नहीं है इसके लिए आपको शिक्षा के क्षेत्र में डिप्लोमा भी होना चाहिए।

एक अभ्यर्थी सीटेट परीक्षा देने में कितने बार प्रयास कर सकता है ?

इस परीक्षा में पास होने के लिए कोई न्यूनतम और अधिकतम प्रयास नहीं है इसलिए जो अभ्यर्थी इस परीक्षा को पास करना चाहते हैं वह कितनी भी बार परीक्षा दे सकते हैं।

सीटेट (CTET) की वैधता क्या है ?

अब शिक्षक पात्रता परीक्षा की वैधता आजीवन मान्य है।

जिन्होंने पहले टीईटी पास किया उम्मीदवारों का क्या होगा ?

अब से पहले जो अभ्यर्थी टीईटी पास कर चुके हैं जिनके पास सीटीईटी क्वालीफाई सर्टिफिकेट है

यह प्रावधान लागू होगा या नहीं, इस संबंध में कानूनी राय लेने के बाद फैसला लिया जाएगा।

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