‘भारत रत्न’ से सम्मानित गायिका लता मंगेशकर के निधन पर 2 दिन के लिए राजकीय शोक घोषित था।
दुनिया के लगभग सभी देशो में राष्ट्रीय शोक मनाया जाता है, और इसे मनानें का तरीका लगभग एक जैसा ही होता है। राष्ट्रीय शोक के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर उस गणमान्य व्यक्ति की मृत्यु पर दुःख व संवेदना प्रकट की जाती है। जिसने राष्ट्र के हित में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सरकारी निर्णय पर राष्ट्रीय शोक 1 से 7 दिन का शोक घोषित किया जाता है और पूरे राजकीय सम्मान के साथ गणमान्य विशेष व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जाता है। देश में अभी तक विभिन्न राजनेताओं, पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति तथा अपने-अपने क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों के निधन पर घोषित राष्ट्रीय शोक किया जा चुका है और आज 6 फरवरी 2022 लता जी के निधन पर दो दिनों का राष्ट्रीय शोक रहेगा। राष्ट्रीय शोक क्या होता है कब घोषित किया जाता है नियम और राजकीय अंत्येष्टि के बारें में यहाँ विस्तार से जानकारी दे रहे है।
राष्ट्रीय शोक क्या होता है (What Is National Mourning)?
विषयसूची
राष्ट्रीय शोक को इंग्लिश में National Mourning (नेशनल मॉर्निंग) कहते है। देश में ‘राष्ट्रीय शोक’ पूरे राष्ट्र के दुःख को व्यक्त करने का एक प्रतीकात्मक तरीका है।
यह राष्ट्रीय शोक किसी बड़े नेता या गणमान्य व्यक्ति के निधन या पुण्य तिथि पर मनाया जाता है। हालाँकि राष्ट्रीय शोक के लिए कोई भी समय सीमा निर्धारित नहीं है, लेकिन भारत में राष्ट्रीय शोक का इतिहास देखा जाए तो आज तक कम से कम 1 दिन और अधिक से अधिक 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।
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राष्ट्रीय शोक की अधिसूचना कैसे जारी होती है (How National Mourning Notification is Issued)?
भारत में किसी भी गणमान्य व्यक्ति की मृत्यु के बाद सरकार द्वारा उनके निधन की घोषणा की जाती है, इसके साथ ही सरकार द्वारा एक राजपत्र अधिसूचना काली पट्टी के साथ जारी की जाती है।
राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका देने के निर्देश के साथ राजकीय शोक भी घोषित किया जाता है। साथ ही सरकार द्वारा सार्वजनिक अवकाश की घोषणा भी की जाती है।
सरकार आमतौर पर सभी राज्यों और अन्य सरकारी विभागों को राष्ट्रीय शोक, झंडा फहराने आदि के बारे में एक वायरलेस संदेश भेजती है।
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राजकीय अंत्येष्टि की जानकारी (State Funeral Information)
राजकीय अंत्येष्टि के लिए गृह मंत्रालय द्वारा राजपत्र अधिसूचना जारी की जाती है। रक्षा मंत्रालय द्वारा अंतिम संस्कार के लिए सभी व्यवस्थाए की जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की मृत्यु के पश्चात तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण नें व्यक्तिगत रूप से अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था की गयी थी।
राजकीय अंत्येष्टि में क्या होता है (What Happens At State Funeral)?
- देश में और देश के बाहर स्थित भारतीय दूतावास और उच्चायोग में भी राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया जाता है।
- राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि के दौरान पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय ध्वज अर्थात तिरंगे में लपेटा जाता है।
- इस दौरान दिवंगत हस्ती को पूर्ण सैन्य सम्मान दिया जाता है। इसमें मिलिट्री बैंड द्वारा ‘शोक संगीत’ बजाया जाता है और इसके बाद 21 बंदूकों की सलामी दी जाती है।
- स्वतंत्र भारत में राजकीय सम्मान के साथ पहला अंतिम संस्कार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का हुआ था।
राष्ट्रीय शोक किसके लिए घोषित किया जाता है (National Mourning Declaration)?
वर्ष 1997 में पांचवें वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर सरकार द्वारा एक अधिसूचना जारी की गयी, जिसमें कहा गया था कि सिर्फ राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की मृत्यु की स्थिति में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाएगा। हालाँकि बाद में इसमें कई संशोधन किए गए।
वर्तमान में अन्य गणमान्य व्यक्तियों के मामले में, केंद्र विशेष निर्देश जारी कर सकता है। इसके साथ ही देश में किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा के समय भी राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाता है।
सार्वजनिक अवकाश के नियम (Rules Of Public Holiday)
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 1997 में जारी एक नोटीफिकेशन के अनुसार सिर्फ वर्तमान प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति की मृत्यु की स्थिति में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जा सकता है। इसी कारण अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु पर आधे दिन का अवकाश घोषित किया था। हालाँकि दिल्ली जैसे कई राज्यों ने अवकाश पूरे दिन का रखा था।
सार्वजनिक अवकाश, राष्ट्रीय शोक और राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि यह तीनों अलग अलग चीज़ें हैं। हाल ही में श्रीदेवी की मृत्यु के दौरान सार्वजनिक अवकाश, राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया गया था, जबकि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया था। उनका पार्थिव शरीर तिरंगे से लपेटा गया था।
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