मदर्स डे हर व्यक्ति के लिए अपनी मां के प्रति प्यार दिखाने का एक खास दिन है। जिसमे हर कोई अपनी मां को किसी भी तरह का भेट देते है और अपना प्यार अपनी मां के लिए सिद्ध करने की कोशिश करते है। मदर्स डे क्यों मनाया जाता है और किस प्रकार मदर्स डे मनाया जाता है। इसकी शुरुवात कैसे हुई? सबसे पहले मदर्स डे को किसके द्वारा मनाया गया था? और मदर्स डे से जुड़े सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे। तो चलिए इस आर्टिकल के जरिए जानने का प्रयास करते है।
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मां की जरूरत
विषयसूची
हम सभी ने कभी ना कभी अपने जीवन में यह जरूर सोचा होगा कि हम सभी को अपनी मां की जरुरत पड़ती ही क्यों है। मां एक ऐसा शब्द है जिसे सुनने के बाद हर कोई हर चीज भूल कर बस याद करना चाहता है तो बस अपनी मां को।
मां से बिछड़ने का गम कोई भी कम नही कर सकता चाहे वो आपका पति हो या पत्नी या फिर आपके बच्चे कोई भी मां की जगह लेने में सफल नही हो सकता।
सबकी मां हर व्यक्ति के लिए सबसे ऊपर रहती है और उनकी मां से ऊपर उनका कोई नही होता। बहुत लोगो का यह भी मानना होता हैं कि अगर आपकी मां आपके परिवार में खुश है तो आपके जीवन में कभी भी किसी भी तरह की कोई परेशानी आपको परेशान नही कर पाएंगी नहीं क्योंकि मां को घर में लक्ष्मी मां की तरह पूजा जाना चाहिए।
मदर्स डे क्यों मनाया जाता है?
मदर्स डे प्रत्येक साल में मई माह में दूसरे रविवार को मनाया जाता है। हर बच्चा मदर्स डे के दिन अपनी मां को कुछ ना कुछ देना चाहता है और उन्हे अपने जीवन में एक खास स्थान देने की कोशिश करता हैं।
वैसे तो हम लोगो को अपनी मां को रोज ही यह महसूस करवाना चाहिए कि वो हमारे जीवन में कितना जरूरी है उनके बिना हमारे जीवन का कोई सार नही है और उनके बिना हमारा जीवन जल बिन मछली के समान है। मातृ दिवस आज सिर्फ भारत में ही नहीं मनाया जाता बल्कि विश्व के अनेक देशों में मदर्स डे बेहद ही हर्षो और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
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मदर्स डे कब मनाया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय मदर्स डे की बात करे तो वो हर साल मई महीने के दुसरे रविवार को पूरे विश्व में मनाया जाता है। भारत में भी लोग मदर्स डे इसी दिन मनाते है। मदर्स डे की बात करे तो इस दिन हर कोई बच्चा अपनी मां को किसी उपहार के द्वारा या किसी भी तरह के काम को करके अपनी मां को यह जताना चाहते है कि वो उनकी जिंदगी में कितना महत्व रखते है।
मदर्स डे का इतिहास
मदर्स डे के मनाने की इतिहास की बात करे तो वो काफी ज्यादा ही दिलचस्प है। कुछ लोगो का मानना है कि ग्रीस में इस दिन लोग ग्रीस में पूजे जाने वाली देवी मां की पूजा करते है और इसी वजह से अब पूरा विश्व मदर्स डे को मनाता है।
बात करे तो इस बात का कोई सबूत मौजूद नही है लेकिन आज भी पूर्वी विश्व में इस बात को सच माना जाता है और मदर्स डे मनाने का यही कारण बताया जाता है। वैसे मदर्स डे मनाने के लिए हमे कोई स्पेशल दिन की जरूरत नहीं होती है लेकिन इस साल विश्व में मदर्स डे 8 मई 2022 को ही मनाया जायेगा।
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मदर्स डे कब मनाया गया था?
हमने जो आपको ग्रीक देवी की पूजा से जुड़ी हुई बात बताई उसको आधा विश्व सच मानता है और आधा नही। मदर्स डे से जुड़ी हुई एक और कहानी काफी ज्यादा चर्चित है और ऐसा कुछ होने के सबूत आज भी मौजूद है अमेरिका देश में तो मदर्स डे मनाने का कानून भी है। तो चलिए इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस कहानी से रूबरू करवाएंगे।
ऐसा माना जाता है कि मदर्स डे की शुरुवात एना जार्विस ने की थी। उन्होंने अपनी मां के जाने के बाद उनकी याद में इस दिन को मनाना शुरू किया था और जार्विस पहली महिला थी जिन्होंने मदर्स डे मनाने की शुरुवात की थी और आज हम सभी मदर्स डे को बेहद ही प्रेम और उत्साह के साथ मनाते है।
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भारत में मदर्स डे का ट्रेंड
भारत में मदर्स डे के ट्रेंड की बात करे तो यह पिछले 10 साल से मदर्स डे मनाने की शुरुवात हुई है। मदर्स डे भारत में तब से मनाना चालू हुआ जब से लोगो के पास स्मार्ट फोन आने लगे और लोगो को देश और दुनिया की खबर उनके मोबाइल फोन में मिलने लगी और मदर्स डे मनाने की बात आज हर जगह बेहद ही लोकप्रिय हो चुकी है।
आज भारत के छोटे से छोटे शहरों से लेकर गांवों और देहात तक में भी मदर्स डे मानने का ट्रेंड काफी ज्यादा प्रसिद्ध हो गया है।
भारत में बात करे तो लोग मदर्स डे मां को अपना अपना प्यार दिखाने के साथ साथ लोगो को यह भी दिखाना चाहते है कि उन्होंने अपनी मां को क्या महंगा उपहार दिया है जो कि एक गलत चीज है लेकिन आज कल हमारे समाज में ऐसा होता है।
मदर्स डे भारत में नया ट्रेंड सेट करने का दिन बन गया है और हमे यह चीज़ समझना होगा कि मां कभी भी महंगे उपहार नही चाहती।
मां तो बस यह चाहती कि उनके बच्चे हमेशा उनके आस पास ही रहे,उनके बच्चे उनको सम्मान दे, उनकी बात माने, उनके बुरे वक्त में उनका साथ दे और उनके मरते दम तक उनके साथ बने रहे। बस हर मां यही चाहती हुई और हर मां की यह भी तमन्ना होती है कि उनके बच्चे को जिंदगी की हर खुशी मिले।
मदर्स डे हमेशा मई महीने के दुसरे रविवार को क्यों मनाया जाता है?
मदर्स डे मनाने का कानून 9 मई 1914 को अमेरिका गवर्नमेंट के द्वारा पास किया गया था और उस दिन मई महीने का दूसरा रविवार था। बाद में इस मदर्स डे को मनाने का प्रस्ताव और भी देशों के गवर्नमेंट ने स्वीकार किया जिसके बार से मदर्स डे हमेशा के लिए मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाने लगा।
मातृ दिवस या मदर्स डे का महत्व
- मदर्स डे का महत्व हम सब की जिंदगी में काफी ज्यादा है। हम सभी जानते है कि हम सबकी मां ने हम लोगो के क्या क्या किया है पर कभी कभी हम अपनी जिंदगी में इतने ज्यादा व्यस्त हो जाते है कि हम मालूम ही नहीं चल पता कि हम अपनी मां को समय भी नही दे पा रहे है उनके पास आराम से दो पल भी बीता नही पा रहे है।
- मातृ दिवस हमे साल में एक बार ही सही पर हमे यह महसूस जरूर करवाता है कि हम अपनी मां के साथ कैसा व्यवहार कर रहे रहे। हम अपनी मां को समय दे पा रहे है या नही, हम अपने मां की सेवा कर पा रहे है या नही, या हम अपनी मां को वो सम्मान दे पा रहे है या नही जो उन्हे देना चाहिए।
- मदर्स डे का मतलब सिर्फ यह नही होता कि आपने अपनी मां के कोई उपहार दे दिया और आपने अपना मदर्स डे मना लिया ऐसा करना दिखावा होता है और आप ऐसा करते है आपको मदर्स डे मनाना बंद कर देना चाहिए और अपनी मां के लिए कोई गिफ्ट नही उन्हे उनका अपना टाइम और सम्मान देना चाहिए।
- मदर्स डे के दिन आपको हमेशा उन पलों की याद आती है जब मां सबसे लड़कर बस आपके लिए खड़ी होती थी चाहे फिर वो समाज हो या परिवार। आपके कुछ भी बनने में जितनी मेहनत आपकी होती है उससे दस गुना ज्यादा मेहनत आपकी मां आपको उस मुकाम तक पहुंचाने के लिए करती है।
- बचपन से लेकर जवानी तक जब तक हम किसी काबिल नही बन जाते है। मां ही एक ऐसी शक्स होती है जो दिन रात हमारे लिए हमेशा खड़ी रहती है। चाहे बचपन में जब हमे अपने हाथो से खाना नही आता तो जब भी हम भूख लगे मां हमेशा कोई भी काम छोड़ कर हमारे पास खाना लेकर आ जाती थी। मदर्स डे ही एक ऐसा दिन है जिस दिन हम अपनी मां को उनके सारे समर्पण के लिए शुक्रिया बोल सकते है।
मदर्स डे पर मां के लिए कुछ शायरी और कविताएं
हमने आपके लिए कुछ शायरियां और हैप्पीनेस विशेज निकाल कर रखी है आप उन्हे देख सकते है और उनमें से जो भी आपको पसंद आए उसे अपनी मां को भेज सकते है।
मदर्स डे से जुड़ी शायरियां
जब भी कोई खतरा मेरी जान पर आता है
मेरी माँ मेरी मेरी ताकत
माँ का नाम ही सबसे पहले जुबा पर आता है।
बिना कुछ कहे वो सब कुछ कह जाती है।
दुनिया की सबसे सहलशील महिला मेरी माँ
हमारी ख़ुशी के खातिर वह सब सह जाती है
कितना अच्छा लगता है
तू ही मेरा कवच है माँ
जब माँ हाल पूछती है
फिर क्यों बुरा लगता है
जब माँ सवाल पूछती है।
मातृ दिवस विचार
मदर्स डे वॉलपेपर और व्हाट्सप्प फोटो
हम कुछ सुन्दर और भावुक करने वाले फोटो आपके लिए खोज कर लाये है ताकि आप मदर्स डे के दिन अपने व्हाट्सप्प और दूसरे सोशल मीडिया एकाउंट्स पर शेयर कर सके।
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दुनिया की सभी बहादुर, प्यारी और त्याग से पूर्ण माताओं को टीम हिंदी डेफिनिशन की ओर से मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनायेँ!
Happy Mother’s Day!