Indian Foreign Service (IFS Officer)- एक IFS (आईएफएस) अधिकारी विदेश मंत्रालय से सम्बंधित अपनी सेवाएं देता है | भारतीय विदेश सेवा (Indian Foreign Service) में बुद्दिमान और श्रेष्ठ अधिकारियों की आवश्यकता होती है, जो भारत के पक्ष को दूसरे देशों के साथ रख सके | आईएफएस अधिकारी को द्विपक्षीय समझौतों में विशेष भूमिका का निर्वहन करना होता है | इनके द्वारा भारत की विदेश नीति के अनुरूप कार्य करना होता है | आईएफएस अधिकारी (IFS Officer) कैसे बनें, योग्यता, चयन प्रक्रिया, परीक्षा पैटर्न और कार्य के विषय में जानकारी प्रदान की जा रही है|
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आईएफएस फुल फॉर्म (IFS Full Form)
विषयसूची
IFS का फुल फॉर्म ‘Indian Foreign Service’ (इंडियन फॉरेन सर्विस) होता है| हिंदी भाषा में इसे ‘भारतीय विदेश सेवा’ के नाम से जाना जाता है|
IFS Full Form In English | Indian Foreign Service |
आईएफएस फुल फॉर्म इन हिंदी | भारतीय विदेश सेवा |
आईएफएस क्या है (What Is IFS)
आईएफएस सिविल सेवा का एक पद है | इसे संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के द्वारा सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से चयनित किया जाता है | यदि अभ्यर्थी निर्धारित चयन प्रक्रिया में सफल होता है तो उसे भारत सरकार के विदेश सेवा में कार्य करने का अवसर प्रदान किया जाता है | जब अभ्यर्थी सिविल सेवा में सफल हो जाता है, तो उनके प्राप्तांक अंकों के आधार पर ही वरीयता के अनुसार ही पदों का आवंटन किया जाता है | यदि अभ्यर्थी के अधिक अंक होते है तो उन्हें आईएफएस का पद आसानी से प्राप्त हो जाता है |
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आईएफएस अधिकारी कैसे बने (How To Become IFS Officer)
आईएफएस अधिकारी बनने के लिए अभ्यर्थी को सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करना होगा | सिविल सेवा परीक्षा के तीन चरण होते है | प्रथम प्रारंभिक परीक्षा, द्वितीय मुख्य परीक्षा, तृतीय साक्षात्कार इन तीनों चरणों में सफल होने वाले अभ्यर्थियों के प्राप्तांक अंकों के आधार पर आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), आईएफएस (IFS) अधिकारियों का चयन किया जाता है | यदि आपको आईएफएस अधिकारी बनना है तो आपको अपनी वरीयता में प्रथम स्थान IFS को देना होगा | यदि आपके अंक अच्छे होंगे तो आपको यह पद प्रदान कर दिया जायेगा |
आईएफएस योग्यता (IFS Qualification in Hindi)
आईएफएस (IFS) पद का चयन सिविल सेवा के माध्यम से किया जाता है | सिविल सेवा परीक्षा के लिए अभ्यर्थी को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduate) होना अनिवार्य है |
आईएफएस आयु सीमा (IFS Officer Age Limit)
अभ्यर्थी की आयु न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 32 वर्ष होनी अनिवार्य है | आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है |
आईएफएस अधिकारी चयन प्रक्रिया (IFS Officer Selection Process)
IFS की चयन प्रक्रिया इस प्रकार है-
- प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination)
- मुख्य परीक्षा (Main Exam)
- साक्षात्कार (Interview)
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सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न (Civil Services Exam Pattern in Hindi)
परीक्षा | विषय | कुल अंक |
प्रारंभिक परीक्षा (मई) | सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र I & II | प्रश्नपत्र I – 200 प्रश्नपत्र II – 200 |
सामान्य अध्ययन (प्रश्नपत्र I) | 250 अंक | |
सामान्य अध्ययन (प्रश्नपत्र II) | 250 अंक | |
सामान्य अध्ययन (प्रश्नपत्र III) | 250 अंक | |
मुख्य परीक्षा (सितंबर) | सामान्य अध्ययन (प्रश्नपत्र –IV) | 250 अंक |
वैकल्पिक विषय (प्रश्नपत्र –I) | 250 अंक | |
वैकल्पिक विषय (प्रश्नपत्र –II) | 250 अंक | |
निबंध लेखन | 250 अंक | |
अंग्रेज़ी (अनिवार्य) | 300 अंक | |
भारतीय भाषा (अनिवार्य) | 300 अंक | |
साक्षात्कार (फरवरी-मार्च-अप्रैल) | व्यक्तित्व परीक्षण | 275 अंक |
सिविल प्रारंभिक परीक्षा (Civil Services Preliminary Examination)
प्रारंभिक परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते है, यह एक प्रकार की स्क्रीनिंग परीक्षा है | इसके द्वारा मुख्य परीक्षा के लिए योग्य अभ्यर्थियों का चयन किया जाता है | इसके लिए कट ऑफ का निर्धारण किया जाता है, जिनका प्राप्तांक कट ऑफ के अंदर होता है, तो उन्हें मुख्य परीक्षा के लिए अवसर प्रदान किया जाता है | प्रारंभिक परीक्षा के अंकों को फाइनल मेरिट में नहीं जोड़ा जाता है |
सिविल मुख्य परीक्षा (Civil Services Main Examination)
मुख्य परीक्षा में विस्तृत उत्तरीय प्रश्न पूछे जाते है | इनका उत्तर पेन और कागज की सहायता से दिया जाता है | इस परीक्षा के द्वारा अभ्यर्थी के गहन ज्ञान के विषय में जानकारी प्राप्त की जाती है | इसमें अभ्यर्थी के स्वयं के विचारों को भी जानने का प्रयास किया जाता है | मुख्य परीक्षा के निर्धारित कट ऑफ को प्राप्त करने के बाद ही अगले चरण साक्षात्कार के लिए अवसर प्रदान किया जाता है | मुख्य परीक्षा के अंकों को फाइनल मेरिट में जोड़ा जाता है |
सिविल साक्षात्कार (Civil Services Interview)
मुख्य परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए अवसर प्रदान किया जाता है | इसमें अभ्यर्थी का वैचारिक, मानसिक, शारीरिक, तनाव ग्रस्त समय में लिए गए निर्णयों का आंकलन किया जाता है | यदि अभ्यर्थी साक्षात्कार में सफल हो जाता है तो उसे IFS पद पर चयनित कर लिया जाता है |
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प्रयासों की संख्या (Number of Attempts in UPSC)
सामान्य उम्मीदवार | 6 प्रयास | सामान्य उम्मीदवार |
पिछड़ा वर्ग | 9 प्रयास | पिछड़ा वर्ग |
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति | कोई प्रतिबंध नहीं | अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति |
आईएफएस प्रशिक्षण (IFS Training Institute)
जब अभ्यर्थी का अंतिम रूप से चयनित कर लिया जाता है उसके बाद उसे तीन वर्षीय (36 महीनों की अवधि) के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है यह इस प्रकार है –
1. आधारभूत प्रशिक्षण – 4 माह (राष्ट्रीय अकादमी, मसूरी में)
2. व्यावसायिक प्रशिक्षण – 12 माह (ज़िला कार्यालय और अन्तर्राष्ट्रीय स्कूल, नई दिल्ली में)
3. व्यावहारिक प्रशिक्षण – 6 माह (विदेश मन्त्रालय के अंतर्गत)
4. परिवीक्षा प्रशिक्षण – 14 माह (विदेश स्थित उच्चायुक्त/दूतावास में)
आईएफएस पद पर नियुक्ति तथा पदोन्नति (Appointment And Promotion Post Of IFS)
आईएफएस पद के अधिकारी को दूतावास, वाणिज्य दूतावास एवं विदेश मंत्रालय में नियुक्ति प्रदान की जाती है |
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दूतावास (Embassy)
- तृतीय सचिव (प्रवेश स्तर)
- द्वितीय सचिव (स्थायी सेवा होने पर)
- प्रथम सचिव
- सलाहकार
- मिशन के उपाध्यक्ष/ उप उच्चायुक्त/ उप स्थायी प्रतिनिधि
- राजदूत/उच्चायुक्त/स्थायी प्रतिनिधि
वाणिज्य दूतावास (Commerce Embassy)
- उप वाणिज्य दूत (Vice Consul)
- वाणिज्य दूत (Consul)
- महावाणिज्य दूत (Consul-General)
- विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry)
- अवर सचिव (Upper Secretary)
- उप सचिव (Deputy Secretary)
- निदेशक (Director)
- संयुक्त सचिव (Joint Secretary)
- अतिरिक्त सचिव (Additional Secretary)
- सचिव (Secretary)
आईएफएस के कार्य (IFS Work in Hindi)
1. एक आईएफएस अधिकारी को भारत के राजनयिक के रूप में कार्य करते हुए भारत के हितों का ध्यान रखना होता है | इन हितों में द्विपक्षीय राजनीतिक और आर्थिक सहयोग, व्यापार और निवेश संवर्द्धन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, प्रेस और मीडिया संपर्क तथा सभी बहुपक्षीय कार्यक्रम सम्मिलित रहते है |
2. आईएफएस अधिकारी को विदेश नीति के निर्माण तथा क्रियान्वयन का कार्य करना होता है | इसके द्वारा अन्य देशों के साथ कूटनीति और व्यापार के द्वारा भारत को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कराना होता है |
3. इनके द्वारा दूतावासों, उच्चायोगों और संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व किया जाता है |
4. जब इन्हें किसी अन्य देश में नियुक्ति प्रदान की जाती है उस समय इन्हें भारत के राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा करना सर्वोपरि कार्य होता है |
5. आईएफएस अधिकारी विदेश में घट रही गतिविधि की जानकारी भारत को प्रदान करते है, इस जानकारी का उपयोग भारत की विदेश नीति के निर्माण में किया जाता है | इनके द्वारा समझौता-वार्ता भी की जाती है |
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