सीईटी (CET) से सम्बंधित जानकारी – कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के द्वारा सरकारी नौकरी में चयन प्रक्रिया को आसान बनाने की घोषणा की गयी है | केंद्र सरकार के द्वारा इसे लागू करने के लिए कैबिनेट ने इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी है | केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी मीडिया को दी है | अभी केंद्र सरकार में सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों को कई परीक्षाओं से गुजरना होता था | केंद्रीय मंत्रिमंडल कई परीक्षाओं से गुजरने की प्रक्रिया को समाप्त करने का निर्णय लिया है | इस पेज पर कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) क्या है, चयन प्रक्रिया, उद्देश्य और लाभ से सम्बंधित पूरी जानकारी विस्तार से दे रहे है|
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कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट क्या है (What is the Common Eligibility Test)
विषयसूची
नॉन गजेटेड सरकारी पदों में भर्ती के अभ्यर्थियों को कई परीक्षाएं देनी होती थी | इन परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों को अलग- अलग तैयारी करनी पड़ती थी | इस तैयारी में अधिक समय और धन का खर्च होता था | इसलिए युवा सरकारी नौकरी प्राप्त करने में असफल रहते थे |
अब राष्ट्रीय भर्ती संस्था (National Recruitment Agency) के द्वारा कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन किया जायेगा | यह टेस्ट भारत सरकार की ग्रुप ‘बी’ (गैर-राजपत्रित) और इसके नीचे के पदों के लिए मान्य होगी | कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट में भाग लेने के लिए अभ्यर्थी को पंजीकरण कराना होगा|
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कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का उद्देश्य (Purpose Of CET)
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का मुख्य उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ पूरा करना है | वर्तमान समय में परीक्षाओं के आयोजन में कई प्रकार की अनियमितायें देखने को मिली है, जिससे पूरी चयन प्रक्रिया को ही संदेह करने पर विवश किया है |
जब इन अनिमितताओं के बारे में जानकारी मिलती है तो न्यायालय के द्वारा पूरी भर्ती प्रकिया को निरस्त करने का आदेश पारित करना पड़ता है | अभी तक प्रत्येक पद के लिए अलग- अलग तैयारी की जाती थी |
एक पद की तैयारी दूसरे पद की तैयारी में अधिक कारगर साबित नहीं होती थी, जिससे अभ्यर्थी का चयन किसी भी पद पर नहीं हो पाता था | कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के द्वारा केवल एक ही परीक्षा के लिए तैयारी करनी पड़ेगी | इससे अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी प्राप्त करना आसान हो सकता है |
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कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के लिए पंजीकरण (Registration for Common Eligibility Test)
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट में भाग लेने के लिए अभ्यर्थी को पंजीकरण करवाना अनिवार्य है | इसके लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय के नेशनल कैरियर सर्विसेज (NCS) के द्वारा एक पोर्टल का आरम्भ किया गया है | इस पोर्टल पर अभ्यर्थियों को अपना- अपना पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा |
पंजीकरण के पश्चात अभ्यर्थी को एक यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी | इस यूनिक आईडी का ही उपयोग कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट में किया जायेगा इससे अभ्यर्थी की एक यूनिक पहचान निश्चित की जाएगी |
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट द्वारा चयन प्रक्रिया (Selection process through Common Eligibility Test)
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के द्वारा पूरी चयन प्रक्रिया को दो भागों में विभाजित किया गया है | प्रथम भाग को टियर 1 नाम दिया गया है तथा दूसरे भाग को टियर 2 नाम दिया है |
टियर 1 (Tier 1)
टियर 1 के अंतर्गत कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन किया जायेगा | यह स्क्रीनिंग टेस्ट एसएससी, रेलवे, बैंकिंग और नॉन गजेटेड सरकारी पदों के लिए आयोजित किया जायेगा |
टियर 2 (Tier 2)
टियर 2 में परीक्षा संबंधित भर्ती एजेंसियों के द्वारा आयोजित की जाएगी | यह मुख्य परीक्षाएं होगी इनका आयोजन निर्धारित भर्ती एजेंसी के द्वारा किया जायेगा | जो अभ्यर्थी इन दोनों चरणों में सफल घोषित किया जायेगा उसे सम्बंधित पद हेतु चयनित कर लिया जायेगा |
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कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के लेवल (Level of common eligibility test)
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट को तीन लेवल में आयोजित किया जायेगा-
- हाईस्कूल लेवल (High School Level)
- इंटरमीडियट लेवल (Intermediate Level)
- स्नातक लेवल (Graduation Level)
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट की वैधता (Common Eligibility Test Validity)
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट में प्राप्त अंकों को 3 वर्ष के लिए मान्य किया जायेगा | इन प्राप्त अंकों के माध्यम से अभ्यर्थी अगले 3 वर्षों तक टीयर -2 परीक्षाओं में भाग ले सकेंगे | टीयर -2 की परीक्षाओं को संबंधित भर्ती एजेंसियों द्वारा स्वतंत्र रूप से आयोजित किया जाएगा |
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के स्कोर कार्ड का उपयोग राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र अंडरटेकिंग, निजी क्षेत्र की कंपनियों के द्वारा भी किया जा सकता है | इससे योग्य अभ्यर्थी को नौकरी आसानी से प्राप्त हो सकती है |
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के लाभ (Benefits of Common Eligibility Test)
- अभी तक भर्ती एजेंसियों को अलग- अलग प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन करना पड़ता था | इससे अब उन्हें प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन नहीं करना होगा |
- अलग- अलग प्रारंभिक परीक्षा के आयोजन में धन अधिक खर्च होता था | अब इस धन की बचत हो सकेगी |
- अभ्यर्थियों को प्रारंभिक परीक्षा के अलग- अलग पाठ्यक्रम के अनुसार तैयारी करनी होती थी | अब उन्हें प्रारंभिक परीक्षा के लिए अलग- अलग तैयारी करने की आवश्यकता नहीं होगी |
- राज्य सरकार और प्राइवेट कंपनियां भी इस स्कोर कार्ड के द्वारा योग्य व्यक्ति का चयन कर सकती है |
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट से हानि (Loss from Common Eligibility Test)
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन 12 भाषाओं में किया जायेगा | इस परीक्षा को अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित नहीं किया जायेगा | इससे अन्य क्षेत्रीय भाषा वाले अभ्यर्थियों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है|
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