आज के समय में सम्पूर्ण विश्व प्रदूषण की समस्या से ग्रसित है, इस प्रदूषण से नयी- नयी बीमारियों का जन्म हो रहा है, इससे मानव, जीव-जंतु, वनस्पति सभी प्रभावित हो रही है | प्रदूषण का स्तर बढ़ने से प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि हुई है | पृथ्वी पर जीवन का मूल आधार ऑक्सीजन है, इसे प्राणदायिनी वायु भी कहा जाता है, इसलिए हमारे आस- पास की वायु शुद्ध होना चाहिए | इस पेज पर वायु प्रदूषण में PM 2.5 और PM10 क्या है, पार्टिकुलेट मैटर के प्रभाव के विषय में जानकारी दी जा रही है |
वायु प्रदूषण क्या है (What is Air Pollution)
विषयसूची
वायु हमारे जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक तत्व है | वायु कई गैसों का मिश्रण है, सही अनुपात में मिश्रण रहने पर यह हमारे जीवन के लिए अत्यंत लाभदायक है | वायु प्रदूषण में इन गैसों के मिश्रण के अनुपात में परिवर्तन हो जाता है | इस मिश्रण में हानिकारक गैसों और धूल के कणों की अधिकता हो जाती है, जोकि मानव जीवन के लिए बहुत ही हानिकारक है | यह हानिकारक गैस और धूल के कण श्वास के द्वारा हमारे शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते है और शरीर के अंदर नए रोगों को जन्म देते है, इससे शरीर के सभी अंग सुचारु रूप से अपना कार्य करने में असमर्थ रहते है|
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शुद्ध वायु का मिश्रण (Pure Air Mixture)
शुद्ध वायु का मिश्रण इस प्रकार है-
गैस | गैस का प्रतिशत | संकेत |
नाइट्रोजन | 78.09 | N2 |
ऑक्सीजन | 20.94 | O2 |
ऑर्गन | 0.93 | Ar |
कार्बन डाई आक्साइड | 0.0318 | CO2 |
निआन | 0.0018 | Ne |
हीलियम | 0.00052 | He |
क्रिप्टन | 0.0001 | Kr |
मीथेन | 0.00015 | CH4 |
हाइड्रोजन | 0.00005 | H2 |
कार्बन मोनो ऑक्साइड | 0.00001 | CO |
नाइट्रस आक्साइड | 0.00025 | N2O |
जिनान | 0.000008 | Xc |
ओजोन | 0.000002 | O3 |
सल्फर डाइ आक्साइड | 0.000002 | SO2 |
अमोनिया | 0.000001 | NH3 |
नाइट्रोजन डाई आक्साइड | 0.000001 | N2O |
जल | 1-3 | H2O |
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पीएम-10 लेवल क्या है (What is PM-10 Level)
पीएम-10 लेवल में पीएम का अर्थ पर्टिकुलेट मैटर है | पर्टिकुलेट मैटर बहुत ही छोटे धूल और गैसीय कण होते है | इन कणों को सामान्य आँखों से नहीं देखा जा सकता है | पर्टिकुलेट मैटर-10 ऐसे कणों को कहा जाता है, जिनका व्यास 10 माइक्रोमीटर होता है | इस प्रकार के कणों में धूल, गैस, प्रदूषित सूक्ष्म कण सम्मिलित होते है | यह धूल, पराली, कूड़ा जलाए जाने वाले धुंए, वाहनों से निकलने वाले धुंए, पटाखों से निकलने वाले धुंए से उत्पन्न होता है |
पीएम-10 के स्तर में वृद्धि होने पर आँख-नाक में जलन, सांस लेने में परेशानी सांस फूलना, खांसी, श्वसन संबंधित गंभीर बीमारी हो जाती है | पीएम 10 का सामान्य लेवल 100 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) होना चाहिए, इससे अधिक होने पर यह शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक होता है | पीएम 10 को रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर भी कहा जाता है |
पीएम– 2.5 लेवल क्या है (What is PM-2.5 Level)
पीएम- 2.5 वह वायुमंडलीय धूल के कण होते है, जिन्हें सामान्य आखों से नहीं देखा जा सकता है | इनकों देखने के लिए इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप का प्रयोग किया जाता है | इन कणों में धूल, ऑटोमोबाइल उत्सर्जन, खाना पकाने के धुंए के कण शामिल रहते है | पीएम- 2.5 का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से कम रहता है | पीएम-10 के कणों से पीएम- 2.5 के कण छोटे होते है | पीएम- 2.5 के कण मनुष्य के बालों का लगभग 3 प्रतिशत होता है |
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पर्टिकुलेट मैटर का मानक स्तर (Standard Level of Perticulate Matter)
वायुमंडल में पीएम- 2.5 के स्तर की मात्रा 60 और पीएम-10 के स्तर की मात्रा 100 को ही सुरक्षित माना जाता है | इससे अधिक होने पर यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है |
PM 2.5 और PM 10 का प्रभाव (Effects Of PM 2.5 & PM 10)
मानव शरीर में PM 2.5 और PM 10 कण श्वास के द्वारा प्रवेश कर जाते है| यह इतने सूक्ष्म होते है, कि इन्हें इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के बिना नहीं देखा जा सकता है, शरीर में प्रवेश होने पर यह इस प्रकार से प्रभाव डालते है-
- इससे उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा, स्ट्रोक का खतरा होता है इससे मनुष्य की मृत्यु भी हो सकती है
- PM 2.5 का स्तर बढ़ने से क्षेत्र में धुंध बढ़ जाती है, इसका बच्चों और बुजुर्गों पर बहुत ही बुरा असर होता है
- पर्टिकुलेट मैटर से खांसी और अस्थमा हो सकता है
- सांस लेने में परेशानी,आंख, नाक और गले में जलन
- छाती में खिंचाव
- फेफड़े अपना कार्य सही से नहीं कर पाते है
- गंभीर श्वसन रोग
- दिल की धड़कन में अनियमितता
यहां पर वायु प्रदूषण में PM 2.5 और PM 10 क्या है, पार्टिकुलेट मैटर के प्रभाव के विषय में जानकारी दी गयी है, इससे सम्बंधित यदि आप किसी अन्य जानकारी को प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते है, आपके द्वारा पूछे गए प्रश्नों और दिए गए सुझावों पर तत्काल उत्तर देने का प्रयास किया जायेगा |
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