वित्त आयोग (Finance Commission) क्या है – वित्त आयोग संघ और राज्य सरकारों के बीच कुछ राजस्व संसाधनों के आवंटन (Allotment) के उद्देश्य से गठित किया गया एक संवैधानिक निकाय (Constitutional Body) है। यह भारतीय राष्ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत स्थापित किया गया था। मूल रूप से वित्त आयोग (Finance Commission) केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संबंधों को परिभाषित करने के लिए वर्ष 1951 में गठित किया गया था।
इस आयोग के गठन के पीछे का उद्देश्य भारत के संविधान द्वारा प्रदान की गई व्यवस्था और वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार केंद्र और राज्यों के साथ-साथ राज्यों के बीच कर आय को वितरित करने के लिए आवश्यक तरीकों और सूत्रों का निर्धारण करना है। इसके साथ ही राज्यों में स्थानीय निकायों को उनके कामकाज के लिए प्रदान किए जाने वाले कर और अनुदान भी भारत के वित्त आयोग द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। वित्त आयोग (Finance Commission) क्या है ? इसकी जानकारी देने के साथ ही आपको यहाँ वित्त आयोग (Finance Commission) की संरचना, कार्य और भारत के वित्त आयोगों की सूची से सम्बंधित जानकारी प्रदान की जा रही है|
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वित्त आयोग क्या है (What is Finance Commission)
विषयसूची
वित्त आयोग को भारत में केंद्र और राज्यों के बीच और राज्यों के बीच वित्त को विनियमित करने वाला सर्वोच्च संवैधानिक निकाय माना जाता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत गठित, भारत का वित्त आयोग एक अर्ध-न्यायिक निकाय के रूप में कार्य करता है। एक संघ में सबसे महत्वपूर्ण समस्या सरकारों के बीच शक्तियों और संसाधनों के संतुलन की है। यही कारण है, कि हमारे संविधान निर्माता इसे लेकर काफी सतर्क थे और अनुच्छेद 280 के तहत एक वित्त आयोग के लिए प्रदान किया गया था।
वित्त आयोग की स्थापना 1951 में तत्कालीन कानून मंत्री डॉ० बी० आर० अंबेडकर ने इन असंतुलनों को दूर करने के लिए की थी। केंद्र और राज्यों के बीच राजकोषीय अंतर को कम करनें के लिए कई प्रावधान पहले से ही भारत के संविधान में निहित थे| जिसमें अनुच्छेद 268 भी शामिल है, जो केंद्र द्वारा शुल्क लगाने की सुविधा प्रदान करता है लेकिन राज्यों को इसे एकत्र करने और बनाए रखने के लिए तैयार करता है। इसी तरह अनुच्छेद 269, 270, 275, 282 और 293, अन्य के अलावा, संघ और राज्यों के बीच संसाधनों को साझा करने के तरीके और साधन निर्दिष्ट अर्थात स्पेसीफाईड करते हैं।
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वित्त आयोग की संरचना (Finance Commission Composition)
भारत का वित्त आयोग 5 सदस्यों से मिलकर बना है, जिसमें एक अध्यक्ष और आयोग के 4 अन्य सदस्य शामिल होते हैं। इन सभी सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जो उनके पद की अवधि भी निर्धारित करते हैं। वित्त आयोग के सदस्यों के लिए योग्यता और नियुक्ति के तरीके को निर्धारित करने की जिम्मेदारी संसद के कंधों पर है, जैसा कि भारतीय संविधान द्वारा प्रदान किया गया है। आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के लिए संसद द्वारा निर्धारित योग्यता इस प्रकार है-
1. आयोग का अध्यक्ष सार्वजनिक मामलों में विशेषज्ञता वाला व्यक्ति होना चाहिए। आयोग के वर्तमान अध्यक्ष श्री एन.के. सिंह हैं, जो आईएएस अधिकारी होने के साथ-साथ योजना आयोग के सदस्य भी रहे हैं।
2. आयोग के 4 सदस्यों का चयन इस प्रकार किया जाता है-
- एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश या एक व्यक्ति जो इस तरह के पद को धारण करने के लिए योग्य है।
- एक व्यक्ति जिसके पास सरकार के वित्त और खातों में विशेषज्ञता है।
- वित्तीय मामलों और प्रशासनिक मामलों में भिन्न अनुभव रखने वाला कोई भी व्यक्ति।
- अर्थशास्त्र और संबंधित अध्ययनों का विशेष ज्ञान रखने वाला कोई भी व्यक्ति।
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वित्त आयोग के कार्य (Finance Commission Functions)
भारत के वित्त आयोग को कुछ कार्यों के साथ निहित किया गया है, जो भारत के राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। इनमें से अधिकांश कार्य उन सिफारिशों के इर्द-गिर्द होते हैं, जिन्हें आयोग द्वारा राष्ट्र के राष्ट्रपति को दिया जाना चाहिए। वित्त आयोग के कार्यों को नीचे सूचीबद्ध किया गया है, जो इस प्रकार है-
- यह वित्त आयोग की जिम्मेदारी है, कि वह करों की शुद्ध आय के वितरण की सिफारिश करे| जिसे संघ और राज्यों के बीच अंतर-राज्य वितरण के साथ साझा किया जाना चाहिए।
- वित्त आयोग उन सिद्धांतों की सिफारिश करता है, जो भारत की संचित निधि से संघ द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता अनुदान को नियंत्रित करने के लिए लागू होते हैं।
- आयोग उन उपायों की सिफारिश करता है, जिन्हें राज्य की पंचायतों और राज्य के स्थानीय निकायों को आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति की सुविधा प्रदान करने के लिए राज्य की संचित निधि को बढ़ाने के लिए अपनाए जाने की आवश्यकता है| ताकि उनके कामकाज में बाधा से बचा जा सके। आयोग को यह कार्य राज्य वित्त आयोगों द्वारा उनकी आवश्यकता के अनुसार की गई सिफारिशों के आधार पर करना होता है।
- राष्ट्रपति, भारत के वित्त आयोग के संबंध में सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करते है, यदि किसी मामले में राष्ट्रपति को लगता है, कि वित्त आयोग द्वारा समय-समय पर विचार करने की आवश्यकता है, आयोग द्वारा लिया जाएगा। आयोग द्वारा एक रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपे गए आवश्यक कार्यों को देने के बाद प्रस्तुत की जाती है। इस रिपोर्ट को आगे राष्ट्रपति द्वारा संसद के सदनों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है, जो एक ज्ञापन के साथ होता है| जो आयोग द्वारा अपने कार्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की व्याख्या करता है।
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वित्त आयोग की सलाहकार भूमिका (Finance Commission Advisory Role)
वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशें केवल एक सलाहकार प्रकृति की होती हैं और इसलिए सरकार पर बाध्यकारी नहीं हैं। राज्यों को धन देने पर अपनी सिफारिशों को लागू करना सरकार पर निर्भर है। इसे दूसरे शब्दों में कहें तो, ‘संविधान में कहीं भी यह निर्धारित नहीं किया गया है कि आयोग की सिफारिशें भारत सरकार के लिए बाध्यकारी होंगी।
भारत के वित्त आयोगों की सूची (Finance Commissions of India List)
अब तक 15 वित्त आयोगों की नियुक्ति की जा चुकी है, जो इस प्रकार हैं-
वित्त आयोग | स्थापना वर्ष | अध्यक्ष | परिचालन अवधि |
प्रथम | 1951 | केसी नियोगी | 1952-57 |
दूसरा | 1956 | के संथानम | 1957-62 |
तीसरा | 1960 | एके चंदा | 1962-66 |
चौथी | 1964 | पीवी राजमन्नारी | 1966-69 |
पांचवां | 1968 | महावीर त्यागी | 1969-74 |
छठा | 1972 | के ब्रह्मानंद रेड्डी | 1974-79 |
सातवीं | 1977 | जे एम शेलाटा | 1979-84 |
आठवाँ | 1983 | वाई बी चव्हाण | 1984-89 |
नौवां | 1987 | एनकेपी साल्वे | 1989-95 |
दसवां | 1992 | के० सी० पंत | 1995–00 |
ग्यारहवें | 1998 | ए० एम० खुसरो | 2000-05 |
बारहवें | 2002 | सी० रंगराजनी | 2005-10 |
तेरहवां | 2007 | डॉ विजय एल केलकरी | 2010-15 |
चौदहवाँ | 2013 | डॉ० वाईवी रेड्डी | 2015-20 |
पंद्रहवा | 2017 | एन० के० सिंह | 2020-26 |
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वित्त आयोग से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. वित्त आयोग के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं?
आयोग के अध्यक्ष नंद किशोर सिंह हैं, इसके पूर्णकालिक सदस्य अजय नारायण झा, अशोक लाहिड़ी और अनूप सिंह हैं।
2. वित्त आयोग अर्थात फाईनेन्स कमीशन की प्रमुख सिफारिशें क्या हैं?
क्षैतिज हस्तांतरण के लिए 15वें वित्त आयोग ने जनसांख्यिकीय प्रदर्शन को 12.5%, आय के लिए 45%, जनसंख्या और क्षेत्र के लिए 15%, वन और पारिस्थितिकी को 10% और कर और वित्तीय प्रयासों के लिए 2.5% वेटेज का सुझाव दिया है।
3. किसी राज्य के लिए वित्त आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है?
भारत के संविधान के अनुच्छेद 243-I के तहत, किसी राज्य के राज्यपाल को हर पांच साल में एक वित्त आयोग का गठन करना होता है।
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