क्यूआर कोड(QR code) दरअसल क्विक रिस्पांस(Quick Response) कोड का संक्षिप्त नाम है|
यह दो आयामी वर्गाकार आकृति होती जिस का आविष्कार 1994 में जापान में मशीनों द्वारा जानकारी को तेजी(quick) से पढ़े जाने के लिए किया गया था।
Q.R कोड स्कैनर कन्वेयर बेल्ट या मशीन के किसी मॉड्यूल से गुजर रहे उत्पादों या कलपुर्जे/पार्ट्स की पहचान उन पर लगे क्यूआर कोड से अत्यंत कम समय कर लेने में सक्षम है।
अब इसका(Q.R code) उपयोग विभिन्न क्षेत्रों, मशीनों में समय बचने और काम को आसान करने के लिए होने लगा है।
क्यूआर कोड बारकोड का एडवांस वर्जन है क्यूआर कोड में क्षैतिज और लंबवत रूप से 4,000 से अधिक अक्षरांकीय वर्णों(alphanumeric characters) को संग्रहीत कर सकते हैं।
आप चाहे तो आप भी बड़ी आसानी से अपने लिए क्यूआर कोड बना सकते हैं जैसे कि हमने यह क्यूआर कोड बनाया है जिसने हमारी वेबसाइट हिंदी डेफिनेशन की जानकारी संरक्षित है।
Q.R Code कुछ और नहीं बस कूट भाषा में जानकारी(Encoded Data) है।
यदि आप भी अपनी किसी जानकारी का क्यूआर कोड बनाना चाहते हैं तो दिए गए लिंक पर क्लिक करें और कोशिश करें ये बहुत आसान है।
अपने लिए क्यूआर कोड बनाने के लिए यहां क्लिक करें
क्यूआर कोड क्या है
क्यूआर कोड वर्गाकार आकृति है जिसमें की क्षैतिज और लंबवत रूप से 4000 से भी ज्यादा अक्षर संरक्षित किया जा सकते हैं;
आज कल Q.R कोड्स(QR Codes) सभी जगह आसानी नज़र आ जाते है और ये हमारे दैनिक जीवन का अंग बनते जा रहे है।
शॉपिंग मॉल और दुकानों के पेमेंट काउंटर पर लगे Q.R कोड हमें दूकानदार की बैंक अकाउंट जानकारी मोबाइल एप्प्स के जरिये प्रेषित करते है जिसका उपयोग हम भुगतान लिए करते है।
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यह कैसे काम करता है
जब हम किसी क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं तो स्कैनिंग डिवाइस Q.R कोड की कूट लिपि को डिकोड करके हमारे समझने योग्य जानकारी में बदल देता है।
Q.R कोड डिकोडिंग कैसे होती इस वीडियो से समझे
क्यू आर कोड(QR Code) से धोखे कैसे होते है?
धोखेबाज़ और ऑनलाइन/इंटरनेट स्कैमर्स अक्सर उन लोगों को अपना शिकार बनाते हैं जो नए-नए इंटरनेट की दुनिया में आए हैं और ज्यादा जानकारी ना होने की वजह से आसानी से झांसे में आ जाते हैं।
स्कैमर्स आपको लॉटरी लकी ड्रा, लकी कस्टमर होने का झांसा देख कर आपको अपने लुभावने जाल में फंसा लेते हैं।
धोखेबाज अक्सर लोगों को QR Code व्हाट्सएप या ईमेल पर भेजते हैं और उसको स्कैन करने के लिए कहते हैं।
स्कैन करते ही इनाम की धनराशि नजर आती है और जिससे बंदा खुश होकर सारे स्टेप्स जैसा भी वो बताते को फॉलो करते हुए अपना पिन भी डाल देता हैं पर पैसे आने की वजह आपके अकाउंट से कट जाते हैं।
कोई भी बैंकिंग एप्लीकेशन धनराशि प्राप्त करते समय पिन के लिए अनुरोध नहीं करती तो पेमेंट रिसीव करते समय कभी भी अपना पिन ना डालें।
क्यूआर कोड से होने वाले धोखे की सबसे चर्चित घटना OLX और Quicker के उपभोक्ताओं के साथ हुई थी और हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेटी के साथ क्यूआर(QR Code) धोखा (QR Scam) हुआ डिटेल में जानने के लिए यहां क्लिक करें(Click here)
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इंटरनेट पर होने वाले धोखो(frauds) से कैसे बचें
- धनराशि प्राप्त करने के लिए कभी भी अपना सिक्योरिटी पिन ना डालें
- बैंकिंग ऐप इस्तेमाल करते समय किसी को अपने फोन या कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस ना दें और ना ही रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन इंस्टॉल करें। जैसे कि Anydesk, TeamViewer आदि।
- साइबर कैफे या पब्लिक यूज के कंप्यूटर पर इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल ना करें।
- कभी भी किसी के साथ अपने इंटरनेट बैंकिंग का यूजर नेम पासवर्ड या एटीएम पिन साझा ना करें।
- किसी भी अनजान लुभावनी और लकी ड्रॉ जैसी ईमेल्स को ना खोलें या खोलने से पहले भेजने वाले की ईमेल की जांच पड़ताल करने।
- अगर हो सके तो अपने कंप्यूटर में एंटीवायरस इंस्टॉल करें और स्पैम वेबसाइट को ना खोलें।
- यदि आपका एटीएम या क्रेडिट कार्ड खो गया है तो इसकी जानकारी तुरंत बैंक को दें।
- आपके मोबाइल पर आए ओटीपी(OTP) को कभी भी किसी के साथ शेयर ना करें।
- इंटरनेट बैंकिंग की वेबसाइट खोलते समय यूआरएल लिंक की जांच कर लें कि आप सही साइट पर हैं या नहीं।
- अपने इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड को जटिल(Strong) रखें और समय-समय पर बदलते रहें।
ऑनलाइन पैसों की धोखाधड़ी हो जाने पर क्या करें
अगर आपके साथ इंटरनेट या मोबाइल पर बैंकिंग से संबंधित धोखा हुआ है तो आप को बिना देरी किए इसकी सूचना आधिकारिक विभाग को देनी चाहिए।
- धोखाधड़ी की शुरुआत कैसे हुई और आप इसमें कैसे फंसे संबंधित व्यक्ति का नाम, मोबाइल नंबर, वेबसाइट या ईमेल की जानकारी को नोट कर ले।
- फ्रॉड के पूरे घटनाक्रम को एक शिकायत पत्र के रूप में लिख ले।
- धोखाधड़ी से संबंधित सभी स्क्रीनशॉट फोन कॉल मैसेजेस को अपने कंप्यूटर से मोबाइल में सेव कर ले साथ ही उनका प्रिंट भी निकलवा ले।
- स्कैम/धोखे से संबंधित बैंकिंग ट्रांजैक्शंस का भी प्रिंट निकल ले।
- अब इन सभी दस्तावेज के साथ अपने निकटतम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाएं।
- उक्त सभी दस्तावेजों की एक कॉपी अपने पास भी रखें।
ऑनलाइन कंप्लेंट करने के लिए Cyber Crime Report की वेबसाइट पर जाएं।
मेरी सलाह है कि ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के साथ-साथ आप लोकल पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज करवाएं।
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