Pariksha ya exam ki shuruwat kab aur kaise hui? [Who invented the exam and when? Know the full story here]: वर्तमान समय में हर छात्र को एग्जाम (Exam) देना ही पड़ता है। चाहे वह स्कूल का हो, यूनिवर्सिटी का या जॉब का हो, एग्जाम के नाम से बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े लोग भी घबराते हैं। ‘एग्जाम’ शब्द के दो अर्थ हो सकते हैं। यह किसी विशेष विषय या घटना का गहन अवलोकन, निरीक्षण या अध्ययन कर सकता है।
दूसरा ‘परीक्षाएं’ आमतौर पर विभिन्न विषयों के शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और विद्वानों द्वारा आयोजित कि जाती हैं। इससे छात्रों की बुद्दी का पता भी चल जाता है की वह किस विषय में या उसका पढाई में कितना मन लगता है। इसी को देखते हुए एग्जाम की खोज की गई, लेकिन क्या आपको पता है कि एग्जाम की खोज किसने की थी और सबसे पहले यह कहा हुआ था।
तो आज हम आपको बताएँगे एग्जाम की खोज किसने और कब की?
एग्जाम की खोज किसने और कब की ( Who Invented Exam and When)
विषयसूची
कई स्रोतों के अनुसार, “सर हेनरी फिशेल” पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में एग्जाम की खोज कि थी।
Henry Fischel इंडियाना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे और एक फ्रांसीसी दार्शनिक थे जिन्होंने अमेरिका और कई अन्य स्थानों पर परीक्षा के विषय के बारे में बताया था।
उनका मूल विचार यह था कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले एक व्यक्ति को चीजों (घटनाओं, व्यक्तियों आदि) की बहुत सावधानी से जांच करनी चाहिए।
छात्र पूरे वर्ष अध्ययन करते हैं, और अगले साल दूसरी कक्षा में पास हो जाते हैं। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है जो साबित कर सके कि छात्र ठीक से पढ़ रहे हैं या नहीं, इसी की जांच करने के लिए सर हेनरी फिशेल ने एग्जाम की खोज की थी।
चीन से हुई एग्जाम की शुरुआत (Exam started from China)
ऐतिहासिक आंकड़ों के अनुसार लागू करने वाला पहला देश चीन था। इसे 605 ईस्वी में सुई राजवंश द्वारा स्थापित शाही परीक्षा के रूप में कहा जाता है, यह विशिष्ट सरकारी पदों के लिए सक्षम उम्मीदवारों का चयन करने के लिए था।
इस प्रणाली को किंग राजवंश द्वारा 1300 वर्ष बाद 1905 में समाप्त कर दिया गया था, लेकिन इंग्लैंड ने 1806 में महामहिम की सिविल सेवा के लिए इस परीक्षा प्रणाली को अपनाया था, बाद में इसे शिक्षा के लिए लागू किया गया था।
जिसने धीरे-धीरे दुनिया के अन्य हिस्सों को प्रभावित किया। इस तरह से छात्रों के लिए परीक्षा की अवधारणा विकसित हो पाई। इस प्रकार छात्रों के लिए एग्जाम का कॉन्सेप्ट डेवलप हुआ।
एग्जाम का आविष्कार क्यों किया गया( Why Were Exams Invented)
सर हेनरी फिशेल (Sir Henry Fishel) ने एग्जाम का आविष्कार किया।
वे इंडियाना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे, इसलिए उनकी हमेशा से सोच रही थी कि छात्र पूरे वर्ष अध्ययन करते हैं, और अगले साल दूसरी कक्षा में पास हो जाते हैं। ।
लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं करते है जोकि साबित कर सके कि उसके छात्र ठीक से पढ़ रहे हैं या नहीं। ऐसे में उनकी जांच करने के लिए “सर हेनरी फिशेल” ने परीक्षा का आविष्कार किया था।
परीक्षा के आविष्कारक के बारे में छात्र क्या सोचते हैं? ( What do students think about the inventor of the exam)
- जैसा कि आप सब ने कई छात्रों को देखा होगा कि वे परीक्षा के आविष्कारक से खुश नहीं हैं।
- लेकिन यह अच्छा नहीं है। हलाकि उन्होंने परीक्षा का आविष्कार किया, यह जांचने के लिए कि कौन मेहनती है और कौन मेहनती नहीं है।
- छात्रों को लगता है कि परीक्षाएं में बुराई हैं, छात्रों की यह सोच हमारे समाज के कारण अस्तित्व में आई क्योंकि हमारे समाज को सभी विषयों में सही अंक चाहिए होते है। उन्हें लगता है कि उसे हर विषय में उच्च स्कोर करना चाहिए,
- लेकिन हमारी शिक्षा प्रणाली भी छात्र के मन में इस प्रकार की सोच बनाने में शामिल है। बस हार्डवर्क करें और अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाए।
परीक्षा क्यों आवश्यक है( Why is The Exam Necessary)
- एग्जाम हमें यह जानने में मदद करता है, कि एक वर्ष के दौरान हम सभी ने क्या सीखा है।
- एग्जाम व्यक्ति की बुद्धिमत्ता और IQ को इंगित करती है।
- एग्जाम से छात्र जान सकते हैं कि उन्हें कितनी मेहनत करने की आवश्यकता है।
- एग्जाम इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इससे छात्रों की प्रतिभा का पता लगाने में मदद मिलती है और वह किस क्षेत्र में अच्छा है या जिसमें उसे अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है।
- एग्जाम हमें एक वर्ष के दौरान छात्र की वृद्धि को समझने में मदद करता है।
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