भारत में आंगनवाड़ी, मां और बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस योजना का शुभारंभ किया गया। आंगनबाड़ी केंद्र 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों के साथ साथ किशोर युवतियों, गर्भवती महिलाओ के स्वास्थ्य से संबंधित आवश्यकताओं की पूर्ति करने हेतु बनाई गई है। आंगनबाड़ी छोटे बच्चों के पोषण स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी जागरूकता फैलाने का केंद्र है। आंगनवाड़ी विशेष रूप से निर्धन व निम्न आय वर्ग के परिवार के बच्चों के विकास और उनके स्वास्थ्य संबंधी सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है आंगनबाड़ी में प्रसवपूर्व ,प्रसवपश्चात स्वास्थ्य ,बाल विकास ,विद्यालयी शिक्षा ,शिशुओ के टीकाकरण इत्यादि सुविधाएं सम्मिलित होती हैं। पूरा लेख जरूर पढ़े आगे 2023 की और आंगनबाड़ी भर्ती की जानकारी के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।
भारत में 6 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए आंगनवाड़ी योजना बनाई गई है। बच्चों के साथ-साथ उनकी मां को भी बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इस लेख के अंतर्गत आंगनवाड़ी योजना क्या है? यह कब शुरू हुई योग्यता क्या होनी चाहिए और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के क्या कर्तव्य होते हैं? इन सभी बैटन के बारें में यहाँ पूरी जानकरी विधिवत रूप से दी जा रही है।
आंगनबाड़ी योजना क्या है?
विषयसूची
आंगनबाड़ी मां और बच्चों की देखभाल का केंद्र है। यह योजना बच्चों की भूख व कुपोषण जैसी समस्याओं के समाधान हेतु भारत सरकार द्वारा 1975 में शुरू की गई। आंगनवाड़ी का अर्थ होता है आंगन आश्रय। प्रत्येक गांव में आंगनवाड़ी लगभग 400 से 800 लोगों की जनसंख्या के आधार पर बनाई जाती है। प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में जनसंख्या के आधार पर एक या एक से अधिक आंगनवाड़ी केंद्र हो सकते हैं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिका द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र को चलाया जाता है।
प्रत्येक गांव में 6 वर्ष तक के बच्चों को अनेकों सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं ,इन सुविधाओं के अंतर्गत शिक्षा ,पौष्टिक आहार, स्वास्थ्य ,टीकाकरण इत्यादि आते हैं। इन सुविधाओं का खर्चा भी नाममात्र का होता है। इस योजना का उद्देश्य यह होता है कि 6 वर्ष तक के बच्चों को हर प्रकार की सुविधा का लाभ दिया जाए ताकि कोई बच्चा कुपोषण का शिकार ना हो।
आंगनबाड़ी योजना भारत सरकार द्वारा बच्चों और मांओं के स्वास्थ्य एवं पोषण के लिए शुरू की गई एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। यह योजना समग्र विकास की दृष्टि से बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, आधार एवं सुरक्षा के क्षेत्र में जुड़ी समस्याओं के समाधान को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई थी।
इस योजना के तहत, आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाया गया है जहां बच्चों को संपूर्ण स्वास्थ्य एवं पोषण से जुड़ी समस्याओं का समाधान प्रदान किया जाता है। इसके अलावा योजना में गर्भवती महिलाओं तथा नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य और पोषण को भी महत्व दिया जाता है।
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आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए खाद्य, स्वास्थ्य सेवाएं, आधार एवं सुरक्षा के लिए कार्यक्रम चलाए जाते हैं। इस योजना के माध्यम से, सरकार ने एक ऐसा स्वास्थ्य एवं पोषण संरचना तैयार किया है जो नवजात शिशुओं तथा नवजात माताओं को समर्पित है। इसके अलावा, चयन प्रक्रिया में अधिकतर राज्यों में अन्य भी चरण हो सकते हैं जैसे कि शारीरिक योग्यता टेस्ट, जनसंचार क्षमता टेस्ट, लोक सेवा आयोग के द्वारा चयन आदि। चयन प्रक्रिया के अंत में जिन उम्मीदवारों का चयन किया जाता है, उन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नियुक्ति की जाती है और वे समाज की सेवा करते हुए बच्चों और महिलाओं के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बालवाड़ी एवं प्री-स्कूल शिक्षा की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
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इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों और माताओं को स्वस्थ रखना है ताकि वे समाज के सकारात्मक भाग बन सकें। इसके लिए सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यक्रम के माध्यम से स्वस्थ जीवन शैली, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, और आधार तथा संरचनात्मक विकास को समर्थन देने का लक्ष्य रखा है।
इस योजना के तहत बच्चों व माताओ ने दी गई सुविधा का खूब लाभ उठाया है। आंगनबाड़ी केंद्र वह स्थान है जहां बच्चों और मां को घर जैसा वातावरण मिल पाता है जहां निसंकोच दी गई सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
आंगनबाड़ी में उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाएं
- 6 से कम आयु के बालकों का टीकाकरण।
- नवजात शिशु की व6 वर्ष से कम आयु के बालकों की देखभाल।
- सभी गर्भवती स्त्रियों के लिए रिश्तो पूर्व सेवाएं व टीकाकरण।
- 3 से 6 वर्ष के बच्चों को विद्यालयी शिक्षा।
- बच्चों व गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के लिए जागरूक करना।
- 6 वर्ष तक के बच्चों को स्वास्थ्य वातावरण दान करना।
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों के खान-पान का ध्यान रखा जाना।
- बच्चों व माताओं के लिए जो भी सामान आता है उसे घर-घर पहुंचाना।
- किसी को कुपोषित बच्चे को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना तथा केंद्र अस्पताल भेजना।
- 15 से 45 वर्ष के बीच औरतों कोआंगनबाड़ी भर्ती स्वास्थ्य शिक्षा का ज्ञान कराना।
प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कैसे बने ?
आंगनवाड़ी में कार्यकर्ताओं और सहायिका के पद पर नियुक्ति देश भर में राज्य सरकारों के (महिला बाल विकास विभाग) के माध्यम से की जाती है। रिक्तियों के चयन के लिए ऑनलाइन फॉर्म निकाले जाते हैं।
अगर आप आंगनवाड़ी की कार्यकर्ता बनना चाहते है, तो कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए| आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिए केवल महिलाओं को ही चुना जाता है
- आंगनवाड़ी केंद्र के लिए केवल विवाहित महिलाएं ही आवेदन कर सकती हैं।
- आंगनवाड़ी केंद्र के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं का संबंधित राज्य की स्थानीय निवासी होना आवश्यक है।
- महिलाओं की न्यूनतम आयु 21 और अधिकतम आयु 45 साल होती है।
- अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं को 5 साल की छूट दी जाती है।
- पिछड़े वर्ग की महिलाओं को 3 साल की छूट दी जाती है।
उत्तर प्रदेश और आंगनबाड़ी भर्ती कब होगी ?
अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (बाल विकास प्राधिकारी) की भर्ती के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की है। भर्ती की तिथि, योग्यता, आवेदन प्रक्रिया, चयन प्रक्रिया आदि सम्बंधित जानकारी के लिए आप उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या समाचार पत्रों को नियमित रूप से जांचते रहें।
भर्ती के बारे में जानकारी के लिए आप उत्तर प्रदेश बाल विकास सेवा पोर्टल https://balvikasup.gov.in/ या उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://up.gov.in/ पर जांच कर सकते हैं।
आपको सलाह दी जाती है कि आप उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट पर नियमित रूप से नवीनतम समाचारों और अधिसूचनाओं के लिए जाँच करते रहें ताकि आपको भर्ती से संबंधित सभी अपडेट मिल सकें।
आँगनबाड़ी के पदों पर रिक्तिया/वैकेंसी अपने जिले की भर्ती के बारे में जाने
जिला व परियोजना द्वारा सर्च कर आँगनबाड़ी रिक्तियों के बारे में जानने के लिए इस लिंक >>आँगनबाड़ी रिक्तियों को खोजें<< पर क्लिक करे और अपने जनपद, परियोजना या ब्लॉक का नाम, ग्रामीण/शहरी, ग्राम सभा, पद का नाम और भर कर सर्च बटन पर क्लिक करे।
यही आपके द्वारा डाली गई जानकारी के अनुसार किसी पद के लिए भर्ती हो रही है तो सर्च बटन के नीचे ही आपको पद का विवरण और अप्लाई करने का बटन दिखेगा, अगर आप पद के लिए आवेदन करना चाहते है तो अप्लाई बटन पर क्लिक करे और अपना पंजीकरण करे।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की चयन प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती के नियमों में बदलाव कर दिए गए हैं ,आंगनवाड़ी वर्कर्स की चयन प्रक्रिया के लिए जो समिति बनाई गई है उस समिति के अनुसार अब एक महिला अधिकारी का होना अनिवार्य कर दिया गया है और चयन प्रक्रिया में पहली वरीयता गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के सदस्य को दी जाए जाएगी।
- शहरी क्षेत्र में सलाना आय सीमा 56460 रु
- ग्रामीण क्षेत्रों सलाना आय सीमा 46080 रु
- तय की गई है जिन कार्यकर्ताओं की आयु 62 साल की हो जाएगी उनकी सेवा स्वता समाप्त हो जाएगी
- यदि कोई कार्यकर्ता व सहायिका किसी लाभ के पद पर होती है उस पद के शपथ लेने के साथ ही इसकी सेवाएं समाप्त हो जाती हैं ।
आंगनबाड़ी भर्ती के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता के योग्यता
जो महिला कार्यकर्ता के लिए आवेदन करना चाहती हैं उनका 10 वीं पास होना जरूरी है और जो महिलाएं सहायिका के पद पर आवेदन करना चाहती हैं उनका 8वी पास होना जरूरी है। और जो ज्यादा योग्यता प्राप्त हैं वह महिला भी आवेदन कर सकती हैं।
चयन प्रक्रिया
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं चुनाव प्रक्रिया में पर्सनल इंटरव्यू भी होता है के लिए 25 अंक तय किए गए हैं इन 25 अंकों को अलग-अलग योग्यता के आधार पर रखा गया है
इन 25 अंकों में से 10 अंक शैक्षणिक योग्यता के आधार पर दिए जाते हैं इनमें से 7 अंक राज्य की ओर से निर्धारित योग्यता पर दिए जाते हैं जो इस प्रकार है
- ग्रेजुएशन डिग्री के लिए 2 अंक दिए जाते हैं।
- पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए 1 अंक दिया जाता है।
- नर्सरी टीचर या बाल सेविका के रूप में कार्य करने वाली महिलाओं को 3 अंक दिए जाते हैं।
- किसी आवेदक की दो बेटियां होने पर 2 अंक दिए जाते हैं।
- पति से अलग रहने वाली , तलाकशुदा और अनाथ आश्रम में रहने वाली आवेदक महिला को 3 अंक दिए जाते हैं।
- एससी एसटी ओबीसी महिला आवेदक को 2 अंक दिए जाते हैं।
- 40 फीसदी और उससे अधिक विकलांग आवेदक को 2 अंक दिए जाते हैं।
25 नंबरों का विभाजन इस प्रकार किया जाता है जिस महिला आवेदक के अंक सबसे ज्यादा होते है उसे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में चुन लिया जाता है। अगर दो महिला आवेदकों का स्कोर एक जैसा होता है तो उस महिला को वरीयता दी जाती है जिस महिला की उम्र ज्यादा होती है।
सारांश में बताऊ तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के चयन प्रक्रिया विभिन्न राज्यों द्वारा अलग-अलग होती है। लेकिन अधिकतर राज्यों में इस प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण होते हैं:
- लिखित परीक्षा: राज्य सरकार द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को अगली चयन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए अनुमति देती है।
- इंटरव्यू: लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। इंटरव्यू में उम्मीदवार के ज्ञान, कौशल और व्यक्तित्व का मूल्यांकन किया जाता है।
- दस्तावेज़ सत्यापन: चयनित उम्मीदवारों की दस्तावेज़ों की सत्यापन प्रक्रिया भी होती है जिसमें उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता, आयु, जाति आदि को सत्यापित किया जाता है।
- अंतिम चयन: उम्मीदवारों के लिए उनके लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों का एकीकरण किया जाता है और फिर उन्हें अंतिम चयन के लिए चयनित किया जाता है। अंतिम चयन में उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता, आयु, जाति, जन्म स्थान और कुल अंकों का विवरण देखा जाता है। जिन उम्मीदवारों को अंतिम चयन किया जाता है, उन्हें आगे बढ़ने के लिए उचित प्रशिक्षण दिया जाता है।
चयन प्रक्रिया में अधिकतर राज्यों में अन्य भी चरण हो सकते हैं जैसे कि शारीरिक योग्यता टेस्ट, जनसंचार क्षमता टेस्ट, लोक सेवा आयोग के द्वारा चयन आदि। चयन प्रक्रिया के अंत में जिन उम्मीदवारों का चयन किया जाता है, उन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नियुक्ति की जाती है और वे समाज की सेवा करते हुए बच्चों और महिलाओं के लिए स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और विकास से संबंधित काम करते हैं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय | Anganwadi Worker Salary
अब बात करते हैं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय क्या होता है जो महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पद पर होती है उनको 8000 मानदेय के रूप में दिया जाता है और जो महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सहायिका के पद पर होती है उनको 4000 मानदेय के तौर पर लिया जाता है।
आंगनवाड़ी की नौकरी कौन महिलाएं कर सकती है?
- जिन महिलाओं की शैक्षिक योग्यता 8वीं से 10वीं कक्षा तक हो।
- वह महिलाएं जो गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर है।
- जिनको 6 वर्ष तक के बच्चों की देखभाल करना अच्छी तरह से आता है।
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं टीकाकरण स्वास्थ संबंधी जानकारी भी होना चाहिए।
- सामान बांटने के लिए घर घर जाना पड़ता है इसलिए बातचीत करने का तरीका एकदम सरल व स्पष्ट होना चाहिए।
हमने इस आर्टिकल के माध्यम आंगनबाड़ी क्या है, कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध कराता है ,आंगनबाड़ी भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता क्या होनी चाहिए ,आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता व सहायिका के कार्यों से अवगत कराया । और आंगनवाड़ी कैसे बच्चों के विकास व बृद्धि में सहायता करती यह भी बताया, किन्तु अगर कुछ छूट गया या आप कुछ और जानना चाहते है तो कमेंट करके बताये।
यदि आपको यह लेख जानकारीपूर्ण और रोचक लगा तो अपने मित्रों और परिवार में जरूर शेयर करें हमें इससे आगे बढ़ने में प्रोत्साहन और बल मिलेगा, धन्यवाद।
एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सैलरी 4000 से 8000 रूपए के बीच होती है और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिए 3000 से 6000 और आंगनवाड़ी सहायिका का वेतन 2000 से 4000 के बीच निर्धारित किया गया है।
आंगनवाड़ी सुपरवाइजर का निर्धारित वेतन लगभग ₹20,000 होता है।
इस समय लगभग 1 लाख 90 हज़ार आँगनवाड़ी केंद्र उत्तर प्रदेश में है जिसमें 4 लाख से भी ज्यादा आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता प्रदेश को अपनी सेवाएं दे रहे है।
हमें पता नहीं की आप किस जनपद से है आंगनवाड़ी की नौकरी में निकली रिक्तियों के आधकारिक वेबसाइट पर जाये अपने जनपद या जिले से खोजे। यह बहुत आसन है अधिक जानकारी के लिए लेख पढ़े।
शुरुवात में आंगनवाड़ी योजना का नाम आंगन आश्रय था इसी नाम से इसका शुभारम्भ क्या गया था इस योजना के अंतर्गत गांव और दुर्गम स्थानों में रहने वाले बच्चों तथा उनकी माताओं को कुपोषण एवं खराब स्वास्थ्य से बचाना था। भारत सरकार ने “बाल विकास सेवा केंद्र” के नाम से इस योजना की शुरुआत की थी।
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