ग्राम विकास अधिकारी (VDO) कैसे बनें?

ग्राम विकास अधिकारी (VDO) को पंचायत अधिकारी तथा ग्राम सेवक और सचिव भी कहते है, और इसे अंग्रेजी में VDO कहते है। ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी एक ही पद के दो नाम है, जबकि और ग्राम विकास अधिकारी ग्रामीण विकास मंत्रालय का कर्मचारी होता है, जो ग्राम प्रधान अर्थात सरपंच के साथ मिलकर गाँव के विकास के बारे में रूपरेखा तैयार करते है| ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी गाव के विकास के लिए दोनों साथ मिलकर कार्य करते है, और ग्राम पंचायत अधिकारी पंचायती राज विभाग का कर्मचारी होता है | ग्राम विकास अधिकारी एक ग़ैर राजपत्रित (Non Gazetted) सरकारी पद होता है, जिसे पहले लोग ग्राम सेवक के नाम से जानते थे | ग्राम विकास अधिकारी (VDO) कैसे बनें ? इसके लिए योग्यता,  कार्य,  वेतन और  तैयारी करनें के बारें में पूरी जानकारी दी जा रही है |

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ग्राम विकास अधिकारी क्या होता है (Village Development Officer- VDO)

ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत सचिव एवं न्याय मित्र कहलाता है| ग्राम पंचायत के मुख्य जनप्रतिनिधि मुखिया, उपमुखिया, ग्राम पंचायत सदस्य, समिति, सरपंच व पंच आदि होते है| ग्राम पंचायत सदस्य के अधिकार विभाजित होते है, ताकि एक ग्राम पंचायत सुचारू रूप से कार्य कर सके| ग्राम पंचायत गांव या छोटे शहर के स्तर पर पंचायती राज व्यवस्था के भारत में एक स्थानीय स्व-सरकारी संगठन (local self-government organization) का आधार है, और सरपंच अपने निर्वाचित प्रमुख के रूप में है|

ग्राम विकास अधिकारी बनने हेतु योग्यता (VDO Educational Eligibility)

ग्राम विकास अधिकारी (Village development officer) बनने के लिए अभ्यर्थी को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम 12वीं उत्तीर्ण होना तथा CCC कम्प्यूटर कोर्स में डिप्लोमा होना अनिवार्य है। कुछ भर्तियों में शैक्षणिक योग्यता स्नातक मांगी जा रही है, और राज्यों के अनुसार कंप्यूटर कोर्स की भी मांग की जा रही है, जैसे- महाराष्ट्र के लिए MSCIT, राजस्थान के लिए RSCIT, आदि।

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ग्राम विकास अधिकारी बनने हेतु आयु (VDO Age Limit)

ग्राम विकास अधिकारी बनने के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु 40 वर्ष होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग के ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को तीन वर्ष तथा एससी/एसटी को आयु में पांच वर्ष की छूट प्रदान की जाती है|

ग्राम विकास अधिकारी का वेतन (Gram Vikas Adhikari Salary)

ग्राम विकास अधिकारी की सैलरी 5200-20200 रुपये तथा ग्रेड पे 2000 रुपये मिलते है ।

ग्राम विकास अधिकारी चयन प्रक्रिया (Selection Process)

ग्राम पंचायत अधिकारी (Village Development Officer) के पद के लिए अभ्यर्थियों को सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में सम्मिलित होना होता है|

1. अभ्यर्थियों का चयन तीन चरणों के माध्यम से होता है- प्रथम चरण में अभ्यर्थी को लिखित परीक्षा देनी होती है

2. प्रथम चरण में सफल अभ्यर्थियों को द्वितीय चरण अर्थात साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है, जिसमें अभ्यर्थी की योग्यता का आकलन किया जाता है|

3. द्वितीय चरण में सफल अभ्यर्थियों को तृतीय चरण अर्थात शारीरिक योग्यता जाँच परीक्षा के लिए बुलाया जाता है, जिसमें शारीरिक व्यायाम, 1 मील दौड़, लम्बी कूद, 4 मील सायकिल रेस आदि शामिल होते है|

4. लिखित परीक्षा के लिए एक निर्धारित समय 1 घंटे 30 मिनट का समय प्राप्त होता है, जिसमें 30 अंक के 30 प्रश्न हिंदी और लेखन क्षमता से सम्बन्धित होंगे, 20 प्रश्न जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट के, और 30 प्रश्न सामान्य जागरूकता से सम्बन्धित होंगे और साथ ही साक्षात्कार के लिए 20 अंक निर्धारित होते है|

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ग्राम विकास अधिकारी लिखित परीक्षा पैटर्न (Gram Vikas Adhikari Exam Pattern)

विषयप्रश्नों की संख्याअंकसमय
भाग-1 हिंदी लेखन क्षमता50100  2 घंटा
भाग-2 सामान्य बुद्धि परीक्षण50100
भाग-3 सामान्य जागरूकता50100
कुल150100

ग्राम विकास अधिकारी लिखित परीक्षा पाठ्यक्रम (Gram Vikas Adhikari Exam Syllabus)

1. हिंदी लेखन क्षमता (Hindi Writing Capacity) 

इस प्रश्न पत्र में रस, समास, पर्यायवाची, विलोम, तत्सम एवं तदभव, सन्धियां, वाक्यांशों के लिए शब्द निर्माण, लोकोक्तियाँ एवं मुहावरे, वाक्य संशोधन – लिंग, वचन, कारक, वर्तनी आदि से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है| यह भाग यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद की 10वीं की  परीक्षा या इसके समकक्ष परीक्षा के बराबर की होती है|

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2. कॉमन इंटेलिजेंस टेस्ट (Common Intelligence Tests)

इस प्रश्न पत्र में पूछे जाने वाले प्रश्नों का उद्देश्य विभिन्न तत्वों का विश्लेषण कर पहचान करने एवं तर्क करनें की क्षमता का आकलन किया जाता है,  इस भाषा में ऐसे प्रश्न भी पूछे जायेंगे जो अनुदेशों को समझने, सम्बन्धो , समानताओं  का पता लगाने, निष्कर्ष निकालनें  तथा बौद्धिक क्रियाओं से सम्बंधित होंगे| रिश्ते की अवधारणाएं, उपमा, समस्या को सुलझाना,निर्णय लेना, अंतरिक्ष दृश्यता, दृश्य स्मृति, मतभेद, समानता, प्रलय, मौखिक और आकृति वर्गीकरण, विश्लेषण, अवलोकन आदि विषयों से प्रश्न पूछें जाते है|  

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3. सामान्य जानकारी (General Information)

इस प्रश्न पत्र में अभ्यर्थियों सामान्य जानकारी तथा समाज में उसकी उपयोगिताओं के सम्बन्ध में, योग्यता आकलन से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है|  इस भाग में विशेष रूप से भारत से सम्बंधित ऐतिहासिक, भौगोलिक तथ्यों से सम्बंधित एवं वैज्ञानिक पहलुओं से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है ।

भारतीय भूगोल, भारतीय संविधा, नवर्तमान घटनाक्रम – राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय, भारतीय इतिहास,  विज्ञान प्रौद्योगिकी, भारतीय अर्थव्यवस्था, यूपी संस्कृति और विरासत, भारतीय राजनीति, आईटी और अंतरिक्ष, भारतीय संस्कृति और विरासत आदि महत्वपूर्ण विषयों से प्रश्न पूछें जाते है|

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ग्राम पंचायत अधिकारी के कार्य और अधिकार (Gram Vikas Adhikari Work and Authority)

ग्राम पंचायत अधिकारी को पंचायत कार्यालय का प्रभारी कहा जाता है, साथ ही यह पंचायत कार्यालय से संबंधित कार्यों को देखते है, जिनमें सरकारी योजनाओं का लेखा- जोखा देखना और रखना दोनों ही शामिल होते है| पंचायत के जन प्रतिनिधि द्वारा पास किया बजट और उनके कागजात संबंधी कामों को भी पंचायत सचिव ही देखते है, जबकि न्याय संबंधित कार्यों की जिम्मेदारी सरपंच व पंच की होती है, परंतु उनकी कागजी कार्रवाई एवं लेखा-जोखा का कार्य ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा किया जाता है|

1. बैठकों का कार्य-व्यवहार संभालना और उनमें अनुशासन बनाए रखना

2. एक वर्ष समय में ग्राम सभा की कम से कम चार बैठकों का आयोजित करना

3. विभिन्न निर्माण कार्यों को लागू करना और फीसों की वसूली करवाना आदि शामिल है

4. ग्राम सभा व ग्राम पंचायत की बैठकों का आयोजित करना और उनकी अध्यक्षता करना

5. जन्म, मृत्यु और विवाह और अन्य अभिलेखों के रख-रखाव के पंजीकरण के रूप में पंजीकरण

6. ग्राम पंचायत द्वारा पास की गई कार्य योजनाओं और प्रस्तावों का लागू करवाना

7. नियमानुसार रखी गई विभिन्न रजिस्टरों व पंचायत संबंधी कागजात के रख-रखाव की व्यस्था करना

8. ग्राम पंचायत में कार्य करते कर्मचारियों की देख रेख से लेकर दिशा निर्देश व नियंत्रण करना मुखिया के कार्य क्षेत्र में शामिल है

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