क्या आपने एफसीआरए के बारे में सुना है, नही तो हम आपको बताते है यह एफसीआरए क्या है? एफसीआरए एक ऐसा संघ है जिसके द्वारा एनजीओ अपने देश के बाहर से भी आर्थिक सहायता ले सकते है। एफसीआरए के बारे में विस्तार से बताने के लिए हमने इस आर्टिकल के बारे में लिखने का सोचा है अगर आप भी इस एफसीआरए के बारे में जानने के उत्सुक है तो fcra full form और पूर्ण जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़िए।
एफसीआरए फुल फॉर्म | FCRA Full Form
विषयसूची
हिंदी में एफसीआरए का फुल फॉर्म “विदेशी अंशदान अधिनियम” और FCRA Full Form इंग्लिश में “Foreign Contribution Regulation Act.” होता है।
एनजीटी (NGT) क्या है | NGT Full Form
एफसीआरए क्या है | What Is FCRA ?
एफसीआरए एक ऐसी संघ है जिसके द्वारा कोई भी एनजीओ(NGO) या संस्था विदेशों से आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकती है। लेकिन शर्त बस यह है कि वो पैसा देशहित में लगना चाहिए अन्यथा आपकी संस्था या एनजीओ को एफसीआरए के द्वारा पैसे प्राप्त करने से रोका जा सकता हैं।
अभी पिछले वर्ष भी देश के कई एनजीओ और शिक्षा संस्था जैसे जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी, आईआईटी कानपुर, जामिया मिल्लिया इस्लामिया जैसे शिक्षा संस्था को एफसीआरए के द्वारा पैसे प्राप्त करने के लिए रोक दिया गया है। जिसके बाद उन्हें अगर कभी विदेशो से पैसे प्राप्त होंगे तो उन्हे एक एक पैसे का हिसाब सरकार को दिखाना होगा।
नैटग्रिड (NATGRID) क्या है | NATGRID Full Form
क्या है एफसीआरए रजिस्ट्रेशन | What Is FCRA Registration ?
- एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को साल 1976 में शुरू किया गया था। एफसीआरए के द्वारा विदेशो से आए हुए पैसों पर नियंत्रण रखा जाता है। ताकि किसी भी तरह यह पैसों का इस्तेमाल देश के अंदर किसी भी तरह की आतंकी, और भ्रष्टाचार के लिए इस्तेमाल ना हो पाए।
- एफसीआरए सभी संस्था जो भी विदेशो से फंड प्राप्त करते है उन संस्था पर अपना नियंत्रण रखता है।
- विदेश से फंड या पैसे प्राप्त या मांगने के लिए किसी भी संस्था के पास सबसे पहले एफसीआरए रजिस्ट्रेशन नंबर होना अनिवार्य है। अन्यथा वो ऐसा करने में असफल हो जायेंगे।
- एफसीआरए का रजिस्ट्रेशन 5 साल के बनता है जिसके बाद किसी भी संस्था को इसे रिन्यू करवाना होता है।
- एफसीआरए के द्वारा प्राप्त फंड से संस्था या कोई भी एनजीओ सामाजिक और सांस्कृतिक कार्य या शिक्षा के लिए इस फंड का इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन आपको एफसीआरए द्वारा प्राप्त फंड को कई नियमो के तहत की इस्तेमाल करना पड़ता है। जिनमे इनकम टैक्स रिटर्न, समय समय पर अलग अलग प्रकार के लाइसेंस रिन्यू करवाना आदि चीजे जुड़ी हुई रहती है।
- अगर कभी सरकार को फंड के इस्तेमाल में कुछ गलत लगता है तो सरकार के पास अधिकार होता है कि वो उस। संस्था या एनजीओ का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दी जिसके पश्चात वो एनजीओ या संस्था विदेशों से आर्थिक फंड प्राप्त नही कर सकती।
नैक मूल्यांकन (NAAC Rating) क्या है | NAAC Full Form
क्या हर कोई एफसीआरए के द्वारा फंड दे सकता है | Is Anyone Can Donate Through FCRA ?
आपको ऊपर पढ़ कर ऐसा लगा होगा कि कोई भी संस्था या एनजीओ विदेशो से फंड जेनरेट कर सकते है पर ऐसा नहीं है कोई हर कोई ऐसा नहीं कर सकता।
एफसीआरए के अनुसार अगर कोई व्यक्ति पॉलिटिक्स में सक्रिय है तो वो एफसीआरए के द्वारा पैसा नही प्राप्त कर सकता है।
कोई भी राजनीतिक दल भी एफसीआरए के द्वारा फंड प्राप्त नही कर सकती है।
किसी भी कोर्ट के जज चाहे वो डिस्ट्रिक कोर्ट के जज हो या हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वो किसी भी तरह से विदेश से फंड प्राप्त नही कर सकते।
मीडिया कंपनी या मीडिया में काम कर रहे लोग भी किसी भी तरह से फंड जेनरेट नही कर सकते एफसीआरआर के द्वारा।
साथ ही साथ आपको यह भी बता दे कि हर कोई विदेशी कंपनी फंड भेज भी नही सकती सिर्फ वही कंपनी एफसीआरए के द्वारा फंड दूसरे संस्था या एनजीओ को दे सकते है जिनके कंपनी के 50 प्रतिशत से ज्यादा शेयर भारत में मौजूद हो।
एफएटीएफ (FATF) क्या है | FATF Full Form
एफसीआरए अधिनियम में परिवर्तन | Amendments In FCRA Act
जैसे कि हम सबको पता है एफसीआरए की शुरुवात साल 1976 में हुई थी। जिसके द्वारा विदेशो से प्राप्त फंड पर निगरानी रखी जा सके इसके लिए एफसीआरए की शुरुवात की गई।
एफसीआरए के अधिनियम में भी समय समय पर परिवर्तन आता है और सरकार नए नए अधिनियम लागू करके अपना नियंत्रण रखना चाहती है। साल 2010 में भी इस एफसीआरए में और अधिनियम जोड़ गए और इसको और मजबूत किया गया।
बीआरओ (BRO) का मतलब क्या है | BRO Full Form
एफसीआरए की शुरुवात साल 1976 में किया गया था। एफसीआरए के द्वारा विदेशो से आए हुए पैसों पर नियंत्रण रखा जाता है। ताकि किसी भी तरह यह पैसों का इस्तेमाल देश के अंदर किसी भी तरह की आतंकी, और भ्रष्टाचार के लिए इस्तेमाल ना हो पाए।
FCRA का इंग्लिश में फुल फॉर्म “Foreign Contribution Regulation Act.” और हिंदी में “विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम” होता है।