डीजीपी कैसे बने | फुल फॉर्म | अधिकारी के कार्य | अधिकार सीमा | पद और तैयारी की जानकारी हिंदी में

डीजीपी कैसे बने – भारत में पुलिस विभाग का जन्मदाता लार्ड कार्नवालिस (Lord Cornwallis) को माना जाता हैं। इसी विभाग में डीजीपी एक उच्च पद हैं। संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission-UPSC) के द्वारा आयोजित होने वाली आईपीएस (IPS) की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को डीजीपी (DGP) का पद प्रदान किया जाता हैं। इस पद पर बैठे व्यक्ति को बहुत ही सम्मान और अच्छा वेतन प्रदान किया जाता हैं। यदि आप को डीजीपी के विषय में जानकारी नहीं है, तो इस लेख के माध्यम से आपको डीजीपी कैसे बने? इसकी जानकारी देने के साथ ही आपको यहाँ DGP Full form (डीजीपी फुल फॉर्म) और डीजीपी बननें हेतु योग्यता और सैलरी के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है।

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डीजीपी क्या है (What is DGP)

डीजीपी (DGP) अपने कार्य क्षेत्र में कानून व्यवस्था को बनाये रखने के प्रति जिम्मेदार होता हैं। इस पद पर बैठे व्यक्ति को कई प्रकार की विशेष शक्तियाँ प्रदान की जाती हैं। इन विशेष शक्तियों का प्रयोग करके वह अपने क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित करता हैं।  यह पद  पुलिस विभाग (Police Department) का अंतिम और शीर्ष पद होता हैं। आईपीएस अर्थात भारतीय पुलिस सेवा में जब कोई व्यक्ति का चयन हो जाता तो उसके कुछ समय के बाद प्रमोशन के माध्यम से इस पद तक पहुंचा जा सकता है।

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डीजीपी फुल फॉर्म (DGP Full form)

डीजीपी का फुल फॉर्म Director General Of Police होता है, हिंदी भाषा में इसे पुलिस महानिदेशक कहा जाता हैं। डीजीपी का पद राज्य की पुलिस सेवा का प्रधान होता है, परन्तु केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस कमिश्नर का प्रावधान किया गया हैं। DGP का पद थ्री स्टार रैंक का होता है और इसे कैबिनेट के समकक्ष माना जाता हैं। इस पद पर नियुक्त व्यक्ति की शक्तियाँ और जीवन शैली अन्य युवाओं को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं।

DGP Full form In EnglishDirector General Of Police
डीजीपी फुल फॉर्म इन हिंदीपुलिस महानिदेशक

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डीजीपी का वेतन (DGP Salary)

डीजीपी या पुलिस महानिदेशक को 56000 से 80000 रुपये प्रतिमाह वेतन प्रदान किया जाता हैं। वेतन के अतिरिक्त कई प्रकार के भत्ते और सुविधाएं भी दी जाती है।

डीजीपी कैसे बने (How to Become DGP)

डीजीपी के लिए भारतीय पुलिस सेवा अथार्त आईपीएस की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती हैं। यह परीक्षा भारत की कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है, इसको उत्तीर्ण करने के लिए अभ्यर्थी को नियमित रूप से निर्धारित पाठ्यक्रम के अंतर्गत तैयारी करनी होती हैं। पीसीएस की परीक्षा में सफल होने के बाद डीजीपी के पद के लिए मार्ग प्रशस्त हो जाता हैं।

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डीजीपी से पूर्व आईपीएस हेतु परीक्षा (DGP Post Before IPS Examination)

संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा आईपीएस परीक्षा का आयोजन किया जाता हैं। इस परीक्षा के तीन चरण होते है-

  • प्रारंभिक परीक्षा (Pre Examination)
  • मुख्य परीक्षा (Main Examination)
  • साक्षात्कार (Interview)

डीजीपी बनने हेतु शैक्षिक योग्यता (DGP Educational Qualification)

प्रारंभिक परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अभ्यर्थी को किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से स्नातक उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।

डीजीपी बनने हेतु प्रारंभिक परीक्षा (DGP Pre Examination)

इस परीक्षा में दो पेपर होते हैं, पहला पेपर 200 अंको का होता है, इस पेपर हेतु दो घंटे का समय निर्धारित किया गया है,  इसमें यह टॉपिक पूछे जाते है-

1.National Current Affairs
2.National History
3.राष्ट्रीय आंदोलन
4.भारत और विश्व का भूगोल
5.सिस्टम गवर्नेंस (संविधान, योजनाएं, Public Policy)
6.आर्थिक-सामाजिक विकास (गरीबी, जनसंख्या)
7.Environmental Ecology
8.Biodiversity
9.Climate Change

प्रारंभिक परीक्षा का दूसरा पेपर भी 200 अंकों का ही होता है, इसके लिए भी 2 घंटे का समय निर्धारित किया गया हैं। इसमें पूछे जाने वाले टॉपिक इस प्रकार है-

1.Logical Reasoning
2.Analytical Ability
3.Decision Making
4.Problem Solving
5.General And Mental Ability
6.Basic Maths
7.Data Interpretation

यह दोनों पेपर ऑब्जेक्टिव टाइप (वस्तुनिष्ठ) होते है।

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डीजीपी बनने हेतु मुख्य परीक्षा (DGP Main Examination)

मुख्य परीक्षा में नौ पेपर होते हैं, इसमें से दो पेपर क्वालीफाइंग होते है इनकों केवल उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता हैं। यह दोनों पेपर भाषा के होते है, पहले पेपर में संविधान में वर्णित एक भारतीय भाषा और दूसरा पेपर अंग्रेजी भाषा का होता हैं। यह दोनों पेपर 300-300 अंकों के होते हैं। इनके अतिरिक्त एक पेपर निबंध का होता है, इसमें दिए गए टॉपिक पर अपने विचार प्रकट करने होते हैं। इस पेपर हेतु 250 अंक निर्धारित किये गए हैं।

अब शेष बचे पेपर जनरल स्टडीज के होते हैं, यह प्रत्येक 250-250 अंकों के होते हैं। दो ऑप्शनल सब्जेक्ट्स के पेपर होते हैं। मुख्य परीक्षा कुल 1750 अंकों की होती है। इसमें Physics, Chemistry, Botany, Law, Management आदि विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं। अभ्यर्थी अपनी सुविधा के अनुसार ऑप्शनल सब्जेक्ट्स को चुन सकता है।

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डीजीपी बनने हेतु साक्षात्कार (DGP Interview)

जब अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा को उत्तीर्ण कर लेता है तो उसे साक्षात्कार (इंटरव्यू) के लिए बुलाया जाता हैं। यह चयन प्रक्रिया का एक बहुत महत्वपूर्ण भाग होता हैं। इसमें आपके ज्ञान, आत्मविश्वास, और समस्याओं से निपटने की क्षमता को जांचा और परखा जाता हैं। यह इंटरव्यू विशेषज्ञों के एक पैनल के द्वारा लिया जाता है, जिसमें मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ का बहुत ही महत्वपूर्ण रोल होता है जो आपकी प्रत्येक एक्टिविटी को बहुत ही बारीकी से परखता और अपनी राय अन्य पैनल के सदस्यों के समक्ष रखता हैं।

वह आपकी मानसिक स्थिति का सहीं आंकलन करने में सक्षम होता हैं। इंटरव्यू के लिए 45 मिनट का समय निर्धारित होता है और यह 275 अंकों का होता हैं। अगर आप साक्षात्कार में अच्छा प्रदर्शन करते है तो आपका चयन एक पीसीएस अधिकारी के रूप में कर लिया जाता और आपको ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाता हैं।  ट्रेनिंग के पश्चात आपको फ़ाइनल नियुक्ति पत्र प्रदान कर दिया जाता हैं। कुछ वर्षों तक कार्य करने के उपरांत आपको डीजीपी के पद पर प्रमोशन प्रदान कर दिया जाता है।

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