What is the third wave of corona? When will it come Remedy | Complete information In Hindi:
कोरोना वायरस, जिसकी शुरुआत पिछले साल चीन के वुहान प्रांत के सीफ़ूड(समुद्री भोजन) और पोल्ट्री बाजार मे हुई थी, आज दुनिया भर के लिए यह एक घंभीर समस्या बन गयी है । यह वायरस आज तक 70 देशों में फैलने के बाद, लाखो कि मौत और लगभग 1 लाख से ज़्यादा लोगो के बीमारी कि वजह बन चुकि है । इस कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों में से अमेरिका भी है।
इस देश में दूसरी लहर के लगभग ढाई महीने के बाद तीसरी लहर ने दस्तक दी थी और इसमें पहले से भी ज्यादा मौतें हुई थीं। कोरोना वायरस के लक्षण एक ज़ुखाम से लेकर ज़्यादा गंभीर रोगों कि वजह हो सकती है इस वायरस से इंसान और जानवर दोनों भुगत सकते है।
यह वायरस को अभी “SARS-COV-2” का नाम रखा गया है और इसकि वजह से आने वाली बीमारी को “Corona Disease 2019” जिसका सक्षिप्त नाम “COVID-19” दिया गया था। आज हम आपको बताने जा रहे है कि कोरोना की तीसरी लहर क्या हैं इसकि शुरुवात कैसे हुई।
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कोरोना की तीसरी लहर क्या हैं? ( What is The Third Wave of Corona)
विषयसूची
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी प्रभावित किया है। हालांकि कोरोना की चपेट में आने के अलावा कोरोना से बचने के लिए घरों में रहने के कारण से भी बच्चों के स्वास्थ्य पर काफी असर हुआ है।
इससे न केवल बच्चों के मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है।
हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बड़े कुछ बातों का ध्यान रखें तो बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर के साथ-साथ इन परेशानियों का सामना किया जा सकता है।
तीसरी लहर में बच्चों के कोविड से प्रभावित होने को लेकर लोगो के मन में बहुत से सवाल हैं।
इस महामारी का बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा है। बच्चे 1 वर्ष से भी ज्यादा समय से घरों में कैद हैं, परिवारों में महामारी का माहौल फैला हुआ है। लोगो के रोजगार छुट गये है, जिससे आपसी तनाव काफी बढ़ गया है।
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कोरोना की तीसरी लहर कब आएगी? ( When Will The Third Wave of Corona Come)
निदेशक एम्स के डॉ. रणदीप गुलेरिया ने आगे कहा कि कोरोना की तीसरी लहर कब आएगी और कितनी हानिकारक साबित होगी यह हमारे व्यवहार पर निर्भर करता है।
कोविड अनुरुप व्यवहार, भीड़ से बचने, वैक्सीन लगवाने से इसमें देरी होगी और तीव्रता कम होगी।
मानव व्यवहार पर निर्भर है। वायरस कैसे व्यवहार करेगा हम भविष्यवाणी नहीं कर सकते। ये कहना मुश्किल है की तीसरी लहर कब आएगी। इन लोगों को संभावित तीसरी लहर से काफी हद तक सुरक्षित माना जा रहा है।
डॉ.गुलेरिया ने कहा कि अगर हम कोरोना से बचाव के उपायों को प्रयोग में लाने में कोई लापरवाही नहीं करते हैं तो तीसरी लहर को अधिक प्रभावी होने से रोका जा सकता है।
हलाकि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। यह लहर पिछली लहरों की तुलना में कम प्रभावशाली होगी ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।
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कोरोना वैक्सीनेशन ही एक मात्र उपाय (Corona Vaccination is The Only Solution)
विशेषज्ञों ने कहा है की टीकाकरण ही इसका एकमात्र जवाब है। भारत ने प्रतिदिन 40 लाख से ज्यादा टीकाकरण खुराक देना शुरू कर दिया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, केरल और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने 60 साल से ऊपर की आबादी के बड़े प्रतिशत को पहले ही दोनों टीके दिए हैं।
हलाकि ग्रामीण इलाकों में कुल टीकाकरण बहुत कम हुए है। तमिलनाडु, पंजाब, उत्तर प्रदेश, असम, बिहार और झारखंड में 45 वर्ष से अधिक आयु वालों के कम अनुपात में टीका लगाया गया है।
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आपको बता दे की कोरोना की वैक्सीन को लेकर अब तक जो तथ्य भारत सरकार और वैक्सीन निर्माताओं की तरफ़ से रखे गए हैं, उससे यही साबित होता है कि वैक्सीन की दो डोज़ लगने के 15 दिन बाद अगर आपको कोरोना संक्रमण होता भी है तो अस्पताल जाने, आईसीयू और वेंटिलेर तक पहुँचने की नौबत नहीं आएगी।
पिछले महीने तक भारत सरकार ने कहा था कि वैक्सीन ही मौत से बचाव का उपाय है।
वैक्सीन आपको कोविड-19 के गंभीर संक्रमण, अस्पताल जाने और मौत से 100 फ़ीसद सुरक्षा प्रदान करती है।
इस वजह से वैक्सीन के बाद जिनको कोरोना संक्रमण हो भी रहा था, उन्होंने भी वैक्सीन लगाने की कहा था कोरोना से बचने के लिए मात्र वैक्सीन ही उपाय है।
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डेल्टा प्लस वेरियंट मचाएगा तबाही?( Will The Delta Plus Variant Cause Havoc)
भारत में डेल्टा वैरिएंट सबसे पहले पाया गया था, जिसे वैज्ञानिकों द्वारा B.1.617.2 कहा गया। जानकारी के अनुसार 12 राज्यों से अब तक डेल्टा प्लस संस्करण के 51 मामलों का पता चला है।
शेष 15 जिलों में नए मामले सामने आये है जिसमे से ज्यादातर शहरी हैं, जून में महामारी के केस फिर से बढ़े है, लेकिन अच्छी बात यह है कि 3 महीने से इनकी मृत्यु दर के आकड़े कम हुए है।
लेकिन अब यह 45 % से अधिक हो गई है और तब से इसमें उतार-चढ़ाव होता आया है। भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का कारण डेल्टा वैरिएंट ही थी।
इसी वायरस के म्यूटेशन का एक वर्जन है डेल्टा प्लस, नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्युनाइजेशन इन इंडिया ने डेल्टा प्लस वैरिएंट की पहचान 11 जून को ही की थी।
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