किसी भी राष्ट्र के निर्माण में देश की सड़कें मुख्य भूमिका का निर्वहन करती है | यह सड़कें एक स्थान को दूसरे स्थान से जोड़ने का कार्य करती है | इसके द्वारा यातायात को सरल और सहज बनाया जाता है | आवागमन आसान होने से दूरस्थ स्थानों में भी आधुनिक सुविधाएँ आसानी से पहुंचाई जा सकती है | BRO भी एक भारत सरकार का संगठन है | यह भारत के सीमान्त क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क का निर्माण तथा प्रबंधन का कार्य करता है | इस पेज पर BRO Full Form in Hindi, बीआरओ क्या है, स्थापना, मुख्यालय, कार्य के विषय में जानकारी प्रदान की जा रही है|
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बीआरओ फुल फॉर्म (BRO Full Form in Hindi)
विषयसूची
BRO (बीआरओ) का फुल फॉर्म Border Roads Organization है | हिंदी में इसे ‘सीमा सड़क संगठन’ के नाम से जाना जाता है | यह एक सड़क निर्माण कार्यकारी बल होनें के साथ ही भारतीय सेना का अभिन्न अंग है | इसके द्वारा भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों और मैत्रीपूर्ण पड़ोसी देशों में सड़क नेटवर्क का विकास और रखरखाव का कार्य संपन्न किया जाता है|
Lastest Update 16 November 2021
बीआरओ अर्थात सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation) नें पूर्वी लद्दाख में 19024 फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करा लिया है। वास्तव में यह करिश्मा भारत के लिए बहुत ही सराहनीय है| सबसे खास बात यह है कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के दोनों बेस कैंप की ऊंचाई को भी मात देकर बनायी गयी इस सड़क के लिए BRO को यूनाइटेड किंग्डम (UK) स्थित गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book World Record) में नाम दर्ज करानें के लिए सर्टिफिकेट भी प्राप्त हो चुका है|
बीआरओ का मतलब क्या है (What Is BRO)
यह भारत सरकार के आधीन एक सरकारी संगठन है | इसके द्वारा राष्ट्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने हेतु सड़कों का निर्माण किया जाता है | इस संगठन के द्वारा सशस्त्र बलों की रणनीतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता के साथ भारतीय सीमा में सड़कों का जाल बिछाया जाता है, जिससे भारतीय सेना को आपात स्थिति में बहुत ही कम समय में बॉर्डर तक पहुंचाया जा सके | युद्ध के समय सेना को रसद और साजों- सामान की पूर्ति की जा सके|
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बीआरओ की स्थापना (Establishment)
बीआरओ की स्थापना 7 मई 1960 को हुई थी | स्थापना के समय इसके द्वारा केवल दो परियोजनाओं के साथ अपना परिचालन शुरू किया था | यह दोनों परियोजनाएं Project Tuskar और Project Beacon थी | कुछ समय के बाद Project Tuskar का नाम बदल कर Project Vartak कर दिया गया था | पूर्व के लिए Project Vartak और पश्चिम के लिए Project Beacon को निर्धारित किया गया था | वर्तमान समय इस संगठन के द्वारा 13 से अधिक प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है |
इस संगठन के द्वारा सड़क निर्माण में मजबूत पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखा जाता है | कुछ वर्षों में भारत की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस संगठन का कार्य और अधिक उत्तरदायित्व का हो गया है | इसके द्वारा भारत- पाकिस्तान और भारत- चीन बॉर्डर पर सेना की पहुंच आसान बनाने के लिए बड़े स्तर पर कार्य किया जा रहा है|
बीआरओ के द्वारा किये गए कार्य (Work Done By BRO)
इस संगठन के भारत के राज्यों को परस्पर एक दूसरे से जोड़ने का कार्य बहुत ही बड़े स्तर पर किया गया है | इसके द्वारा बिहार, कर्नाटक, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ इत्यादि राज्यों में सड़क निर्माण किया गया है इससे राज्यों में सड़क बुनियादी ढांचे का कम समय में विकसित किया गया है|
बीआरओ का उद्देश्य (BRO Mission)
इस संगठन का उद्देश्य इस प्रकार है-
1.भारतीय सेना की सामरिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु बुनियादी ढांचे के विकास और रखरखाव करना |
2.इसके द्वारा अपने अनुभवों से राष्ट्रीय विकास परियोजनाओं में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी को सहयोग प्रदान करना है |
3.यह अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग करने में नेतृत्व करने का कार्य करता है |
4.निर्माण कार्य में सर्वोच्च कौशल और दक्षता को प्राप्त करना है|
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बीआरओ के कार्य (BRO Functions)
इसके कार्य इस प्रकार है-
1.इस संगठन के द्वारा भारत सरकार के विभागों के द्वारा सौपें गए कार्यों को पूरा किया जाता है|
2.बीआरओ को राज्य सरकारों, अर्ध-सरकारी संगठनों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के द्वारा कार्य प्रदान किये जाते है |
3.युद्ध के समय भारत को सहजता प्रदान करने के लिए भारत सरकार के द्वारा निर्धारित किये गए अतिरिक्त कार्यों को बहुत ही तेजी के साथ पूरा किया जाता है |
4.इसके द्वारा नियंत्रण रेखा बनाए रखने के लिए सड़कों का विकास और रखरखाव किया जाता है |
5.यह कंक्रीट पुल, स्थायी इस्पात, एयरफील्ड का निर्माण बड़े स्तर पर करता है|
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बीआरओ का मुख्यालय (Headquarters of BRO)
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है | इसको मजबूत करने के लिए भर्ती और प्रशिक्षण केंद्र, संयंत्र या उपकरण के ओवरहाल के लिए उच्च स्तर पर कार्यशालाएं और इन्वेंट्री प्रबंधन के लिए इंजीनियर स्टोर डिपो का निर्माण किया गया है | इस संगठन के द्वारा अफ़ग़ानिस्तान, भूटान, म्यांमार और श्रीलंका में भी अधोसंरचना निर्माण कार्य किया जाता है|