आज के समय में करियर को लेकर हर व्यक्ति चिंतित रहता है। हर कोई अपना करियर बनाने की भाग-दौड़ में लगा हुआ है। हर कोई एक-दूसरे से आगे निकलना चाहता है। परन्तु जब बात होती है विषय चयन की तो बच्चे सही समय पर सही निर्णय नहीं ले पाते जिससे हमारे करियर पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
अब यदि हम विषय चयन की बात करें तो आज के समय में आर्ट्स का चयन करने वाले छात्रों की संख्या बहुत बढ़ गई है। कुछ समय पहले तक लोग साइंस से बेहतर कोई विषय नही समझते थे और परिवार के दवाब में आ कर या समाज में खुद को बेहतर दिखाने के लिए साइंस या कॉमर्स की तरफ भागते थे परन्तु आज स्थिति कुछ और है। आज छात्र आर्ट्स की तरफ आकर्षित हो रहे हैं क्योंकि वह समझ चुके हैं आर्ट्स में भी बेहतर करियर विकल्प हैं। आर्ट्स के छात्र अपनी रुचि के अनुसार अपने किसी पंसदीदा विषय जैसे- भूगोल, राजनितिक विज्ञान, अंग्रेजी साहित्य, हिंदी साहित्य, इतिहास आदि से यूपीएससी सिविल सर्विसेज जैसी कुछ परीक्षाओं में सफलता हासिल कर समाज और करियर में एक उच्च स्थान हासिल कर सकते है।
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यूपीएससी की परीक्षा(UPSC Exam)
विषयसूची
आज के समय मे यूपीएससी का जो स्थान है वह किसी दूसरी नौकरी का नही है। लाखों की संख्या में लोग इस परीक्षा की तैयारी में लगे हुए हैं। आर्ट्स के छात्रों के लिए सबसे उच्च स्तर की नौकरी की बात की जाए तो पहला स्थान यूपीएससी का आता है यूपीएससी के जरिए देश की कुल 24 सरकारी सेवाओं में जाने का मौका मिल सकता है। UPSC मतलब संघ लोक सेवा आयोग(union Public Service Commission)। यूपीएससी के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं आयोजित की जाती है। UPSC के चयनित उम्मीदवार भारतीय प्रशासनिक सेवा (lAS), भारतीय पुलिस सेवा (lPS), भारतीय राजस्व सेवा (IRS) और भारतीय विदेश सेवा (lFS) आदि पदों पर भर्ती किए जाते हैं। यूपीएससी की परीक्षा मे कुल 24 सर्विसेज होती हैं इस परीक्षा को दो श्रेणी में बांटा गया है। ऑल इंडिया सर्विसेज और सेंट्रल सर्विसेज।
भारतीय प्रशासनिक सेवा(IAS)
यूपीएससी की सेवाओं में IAS (Indian Administrative services) भारतीय प्रशासनिक सेवा एक प्रतिष्ठित करियर विकल्प है। IAS को सबसे उच्च कोटि का अधिकारी माना जाता है। एक IAS अधिकारी प्रशासनिक भूमिका के तहत किसी जिले में जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर रूप में तैनात किया जाता है। एक IAS अधिकारी के कार्यों मे एक जिला, क्षेत्र विभाग का प्रशासनिक चार्ज, नीती कार्यान्वयन, नीति निर्माण आदि शामिल होते हैं। एक IAS अधिकारी कैबिनेट सेक्रेटरी, अंडर सेक्रेटरी आदि भी बन सकता है।
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भारतीय पुलिस सेवा (IPS)
सिविल सेवा परीक्षा देने के बाद IAS के बाद दूसरा उच्च पद IPS(India Police Service) यानी भारतीय पुलिस सेवा का है। IPS एक प्रशासनिक अधिकारी होता है। यह सेंट्रल गवर्नमेंट का अधिकारी होता है जिसे पूरे जिले की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। अपने पूरे जिले की कानूनी व्यवस्था IPS अधिकारी ही देखता है जिले की सुरक्षा और उसको अपराध से मुक्त करने की जिम्मेदारी IPS अधिकारी की ही होती है। एक IPS अधिकारी को IB,CBI और RAW का डायरेक्टर का पद भी मिल सकता है।
भारतीय राजस्व सेवा (IRS)
सिविल सेवा के मुख्य पदों में IRS (Internal Revenue Service) का स्थान भी है जिसका मतलब है भारतीय राजस्व सेवा। इस सेवा के अंतर्गत वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग में कार्य किया जाता है। एक IRS का मुख्य कार्य शासन, सुरक्षा और विकास के लिए राजस्व का संग्रह करना होता है। IRS अधिकारी को इनकम के टैक्स, कस्टम डिपार्टमेंट CBI या IB आदि के लिए नियुक्त किया जाता है। टैक्स से संबंधित मामलों को देखना और उनमें सुधार करने का कार्य IRS अधिकारी का ही है।
भारतीय विदेश सेवा(IFS)
सिविल सेवा के IAS, IPS, IRS पद के बाद IFS (Indian Foreign Service) भारतीय विदेश सेवा का स्थान आता है। एक IFS अधिकारी का कार्य दूसरे देश में अपने प्रतिनिधित्व करना होता है। भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अंतर्गत भारतीय विदेश मंत्रालय के कार्यों का संचालन होता है। एक IFS अधिकारी का मुख्य कार्य संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संगठनों में अपने दूतावासों, उच्चायोगों और स्थायी मिशनों में भारत का प्रतिनिधित्व करना होता है। IFS अधिकारी की नियुक्ति दूतावास, वाणिज्य एवं विदेश मंत्रालय में होती है।
सिविल सेवा के अन्य पद
UPSC में चार मुख्य पदों के अलावा भी पद है जिसमें आप स्थान पा सकते है। UPSC में कुल 24 पद हैं जिसमे IAS,IPS,IRS और IFS के अलावा भारतीय वन सेवा (IFOS), भारतीय सूचना सेवा (IIS), भारतीय डाक सेवा (IPOS), भारतीय व्यापार सेवा (ITS), रेलवे सुरक्षा बल (RPF) पॉन्डीचेरी सिविल सेवा (PCS) आदि जैसी कई सेवाएं शामिल है। इन सब पदों की गरिमा भी कुछ कम नही है परंतु छात्रों की प्राथमिकता IAS,IPS,IRS और IFS के पदों के लिए ही रहती है।
UPSC के सभी पदों की जानकारी के बाद हम बात करते हैं इसके लिए किस विषय में पढ़ाई की जाए। UPSC के लिए सबसे पहले छात्र का किसी भी विषय मे स्नातक होना जरूरी है। साइंस या कॉमर्स की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके लिए छात्र आर्ट्स से पढ़ाई कर के भी UPSC की परीक्षा दे सकते हैं।
UPSC के लिए छात्र ग्रेजुएशन करते-करते भी तैयारी कर सकते हैं क्योंकि इसकी तैयारी के लिए छात्रों को थोड़ा समय लगता है। छात्रों को पहले छठी से बारहवीं कक्षा तक NCERT की किताबों से तैयारी करनी चाहिए। छात्रों को इतिहास, राजनीति, भूगोल, अर्थव्यवस्था, नैतिक, सिद्धांत, सामान्य ज्ञान आदि विषयों की अच्छी जानकारी होना आवश्यक है। इसके अलावा छात्र लाइब्रेरी का उपयोग करें, समाचार पत्र पढ़ने की आदत डालें और करंट अफेयर्स की जानकारी रखें। कुछ छात्र स्नातक किसी एक विषय में करते है और UPSC की परीक्षा के समय उस विषय का चयन करते हैं जिससे उन्हें लाभ होता है।
UPSC की परीक्षा में कुल 9 पेपर होते है। जिसमे प्रथम चरण में प्रीलिम्स परीक्षा होती है जिसमें दो पेपर होते हैं, और दूसरे चरण में मेन्स परीक्षा होती है जिसमे सात पेपर होते हैं। इन परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने के बाद साक्षात्कार होता है।
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PCS की परीक्षा
UPSC के बाद यदि किसी बेहतर करियर विकल्प की बात की जाए तो PCS का नाम लिया जाएगा। पीसीएस(Provincial Civil Service) जिसे राज्य सिविस सेवा के नाम से जाना जाता है। PCS की परीक्षा हर साल राज्य सेवा आयोग द्वारा आयोजित किया जाता है। PCS की परीक्षा दे कर छात्र SDM, RTO, DSP आदि जैसे प्रतिष्ठित पदों पर नौकरी पा सकते हैं। PCS की परीक्षा में 56 से अधिक पद है जिसमें छात्रों को नौकरी मिल सकती है।
PCS की परीक्षा भी तीन चरण में होती है। जिसमें पहले प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और फिर साक्षात्कार होता है। इसके लिए भी छात्रों को NCERT की किताबों से ही पढ़ाई शुरू करनी चाहिए। इसके अलावा सामान्य ज्ञान, विश्व भूगोल, राजनिति, अर्थव्यवस्था, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन आदि जैसे विषयों को भी पढ़ना जरूरी है। PCS की परीक्षा के लिए भी UPSC की तरह ही कड़ी मेहनत की जरूरत है तभी छात्र सफलता हासिल कर सकते हैं। PCS की परीक्षा के लिए छात्र का किसी भी विषय में स्नातक होना जरूरी है। आर्ट्स के छात्रों के लिए यह भी एक बेहतर करियर विकल्प हैं।
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SSC की परीक्षा
UPSC और PCS के बाद SSC की बात करते हैं। SSC (Staff Selection Commission ) का मतलब है कर्मचारी चयन आयोग। भारत सरकार द्वारा यह परीक्षा आयोजित की जाती है SSC के अंतर्गत बहुत सारी परीक्षाएं जैसे CHSL, CGL, GD, CPO, JE, ट्रांसलेटर, स्टेनोग्राफर आदि आयोजित की जाती है।
SSC के अंतर्गत छात्र दसवीं, बारहवीं और ग्रेजुएशन के आधार पर परीक्षा दे सकते हैं और उनकी योग्यता के आधार पर ही उन्हें पद मिलता है। SSC के अंतर्गत बहुत सारी नौकरियों का विकल्प होता है। छात्र अपनी रुचि के अनुसार परीक्षा का चुनाव करके बेहतर पद पर नौकरी पा सकते है। इस परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को हिंदी, अंग्रेजी, गणित, सामान्य ज्ञान, रीजनिंग, करंट अफेयर्स आदि विषयों को पढ़ने की जरूरत होती है। इसकी पहले लिखित परीक्षा होती है उसको उत्तीर्ण करने के बाद साक्षात्कार होता है।
DSSSB की परीक्षा
इन सब विकल्पों के बाद बात की जाए तो DSSSB भी अच्छा विकल्प है।DSSSB (Delhi Subordinate Service Selection Board) का मतलब है दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड। इस बोर्ड के अंतर्गत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के विभागों में विभिन्न पदों पर भर्ती करने के लिए परीक्षा आयोजित की जाती है। इस परीक्षा के लिए छात्र की बारहवीं या स्नातक होनी चाहिए। DSSSB की परीक्षा उत्तीर्ण करके छात्र टीजीटी, पीजीटी, सहायक शिक्षक, एलडीसी हेड क्लर्क, पटवारी, काउंसलर, आदि जैसे पदों पर नौकरी पा सकते हैं। इस परीक्षा की तैयारी करने के लिए छात्रों का अंग्रेजी, हिंदी, गणित, सामान्य ज्ञान, रीजनिंग, करंट अफेयर्स आदि विषयों को पढ़ने की जरूरत है।
अन्य करियर विकल्प
ये तो बात हो गई हमारे उच्च स्तर की प्रतिष्ठित सरकारी नौकरियों की जिससे हमारे आर्ट्स के छात्र अपने करियर को बेहतर बना सकते है। जिसके लिए उन्हें साइंस की आवश्कता नहीं है। आर्ट्स के छात्रों के लिए विकल्प तो बहुत हैं जिसमें सरकारी नौकरी सबसे बेहतर विकल्पों में से एक है इसमें बस छात्रों को कुछ समय मन लगा कर मेहनत करने की जरूरत है।
आर्ट्स के छात्र सरकारी नौकरी के अलावा लेखक, इतिहासकार, पुरातत्वविद, कलाकार, संगीतकार, वकील, शिक्षक आदि क्षेत्रों में भी अपना करियर बना सकते हैं या वह अपना कोई बिजनेस शुरू कर सकते हैं। उनके पास विकल्पों की कमी नही है।
आर्ट्स के छात्रों के करियर विकल्पों की बात तो हो गई परंतु यहां सबसे महत्वपूर्ण बात है कि वह किस तरह अपने विकल्पों का चुनाव करते हैं। कई बार छात्र सही चुनाव नहीं कर पाते उन्हें लगता है कि वह आर्ट्स ले तो रहे है परंतु इससे उनका करियर बेहतर नही हो पाएगा इसके लिए उन्हें साइंस लेना सही रहेगा। उन्हे लगता है की साइंस ले कर ही वह कोई अच्छी नौकरी पा सकते हैं या आगे बढ़ सकते हैं। ये सोचने की बजाए छात्रों को यह देखना चाहिए की उनकी रूचि किस विषय में है, उससे संबंधित जानकारी एकत्रित करनी चाहिए और अनुभवी लोगों से बात करके उनसे सलाह लेनी चाहिए। उसके बाद सभी विकल्पों का अन्वेषण करके यह देखना चाहिए वह आपको भविष्य में किस तरह लाभ देगा उसके बाद अपनी रूचि को ध्यान में रखते हुए उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।