किसी भी कर्मचारी के लिए पेंशन योजना बहुत ही महत्वपूर्ण होती है| यह उसके रिटायर्ड होने के बाद के भविष्य का निर्धारण करती है | भारत सरकार ने वर्ष 2004 में एनपीएस अर्थात नेशनल पेंशन योजना का शुभारम्भ किया था| इस योजना को लेकर कर्मचारी खुश नहीं है वह चाहते है कि बीच पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल किया जाए इसके लिए सभी कर्मचारी वर्ष 2004 से संघर्षरत है| इसके लिए कर्मचारियों द्वारा धरना प्रदर्शन, आन्दोलन लगभग 17 वर्षों से किया जा रहा है | मिडिया सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार कानून मंत्रालय से पुरानी पेंशन योजना को पुनः फिर से शुरू करने के लिए राय मांगी गयी है| अतः प्रत्येक कर्मचारी को यह जानना आवश्यक हो जाता है कि नई पेंशन योजना और पुरानी पेंशन योजना में क्या अंतर है | इस लेख माध्यम से आपको OPS और NPS क्या है ? OPS और NPS के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है|
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पुरानी पेंशन योजना क्या है (What is Old Pension Scheme-OPS)
कर्मचारियों का मानना है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था अच्छी थी | जब कर्मचारी नौकरी से सेवानिवृत हो जाता था उस समय उसको प्राप्त होने वाली अंतिम सेलरी का पचास प्रतिशत पेंशन के रूप में तय कर दिया जाता था | पेंशन निर्धारण के समय में कर्मचारी कि सेवा अवधि की कोई शर्त नहीं होती थी इसका अर्थ यह था कि कर्मचारी चाहे 40 वर्ष की नौकरी की हो या सिर्फ 10 वर्ष की इसका किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ता था| यह पेंशन कर्मचारियों को केंद्र सरकार या राज्य सरकार के द्वारा प्रदान की जाती थी | इसके अतिरिक्त कर्मचारियों को जीपीएफ पर रिटर्न प्राप्त करने की गारंटी रहती थी|
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नई पेंशन योजना क्या है (What is New Pension Scheme-NPS)
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) सरकारी कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी एक सामाजिक सुरक्षा पहल है। नई पेंशन व्यवस्था 1 जनवरी 2004 या उसके बाद सशस्त्र बलों को छोड़कर सार्वजनिक, निजी और यहां तक कि असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य योगदान है। राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा प्रशासित और रेगुलेट किया जा रहा है। हालाँकि एनपीएस स्कीम को वर्ष 2009 से सभी वर्गों के लोगो के लिए शुरू कर दी गयी थी | जिसमें कोई भी व्यक्ति पेंशन खाते में योगदान देकर इस स्कीम का लाभ उठा सकता है ।
एनपीएस के अंतर्गत एक निर्धारित धनराशि प्रतिमाह कंट्रीब्यूट की जाती है और सेवानिवृत होने पर कर्मचारी कुल राशि का सिर्फ 60 फीसदी ही निकाल सकते है| जबकि शेष 40 फीसदी धनराशि से कर्मचारी को इंश्युरेंस कम्पनी का एन्यूटी प्लान खरीदना होता है| इस इंश्युरेंस प्लान पर प्रतिमाह मिलनें वाला ब्याज कर्मचारी को पेंशन के रूप में प्राप्त होता है| इसमें इस बात की कोई गारंटी नही होती है, कि कर्मचारी को पेंशन के रूप में प्रतिमाह कितनी धनराशि मिलेगी|
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ओपीएस और एनपीएस योजना में क्या अंतर है (OPS & NPS Scheme Difference)
- पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के लिए जीपीएफ (GPF) की सुविधा मिलती है, परन्तु नई पेंशन योजना में जीपीएफ की सुविधा नही है|
- ओपीएस में कर्मचारी को पेंशन देने के लिए उनके वेतन से किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाती है, जबकि एनपीएस में सैलरी से हर महीने 10 प्रतिशत की कटौती निर्धारित है|
- पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी के सेवानिवृत्त होनें पर अंतिम वेतन का 50 फीसद मिलने की गारंटी है, जबकि नई स्कीम में इस बात की कोई पुष्टि नही है कि आपको कितनी पेंशन मिलेगी| क्योंकि यह पूर्ण रूप से बीमा कम्पनी और शेयर मार्केट पर निर्भर है|
- पुरानी पेंशन सरकार द्वारा दी जाती है जबकि नई स्कीम में कर्मचारी पेंशन के लिए बीमा कम्पनी पर निर्भर है|
- किसी प्रकार के विवाद की स्थिति में आप सरकार से लड़ सकते है, जबकि नई योजना में कर्मचारी को बीमा कम्पनी से लड़ना होगा |
- ओपीएस में यदि कर्मचारी की मृत्यु नौकरी के दौरान होती है, तो उन्हें डेथ ग्रेच्युटी 20लाख रुपये मिलते है, जबकि एनपीएस में डेथ ग्रेच्युटी जैसी कोई सुविधा नही है|
- पुरानी पेंशन में आने वाले लोंगों को सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन और नौकरी की सुविधा मिलती है, जबकि न्यू पेंशन स्कीम में पेंशन और नौकरी को समाप्त कर दिया गया है|
- पुरानी स्कीम में पेंशनर को प्रत्येक 6 माह के पश्चात महँगाई तथा वेतन आयोगों का लाभ भी मिलता है, जबकि नई योजना में एक निर्धारित पेंशन ही मिलेगी |
- ओपीएस योजना में पेंशनर जी0 पी0 एफ0 से ऋण लेने की सुविधा उपलब्ध है, जबकि एनपीएस में लोन की कोई सुविधा नही है|
- ओल्ड पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के दौरान कर्मचारी को कोई टैक्स नही देना पड़ता है परन्तु एनपीएस स्कीम में रिटायरमेंट के दौरान सिर्फ 60% धनराशि मिलेगी और उस पर टैक्स लगेगा|
- पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ पर एक निश्चित ब्याज दर मिलती है, लेकिन नई पेंशन योजना पूर्ण रूप से शेयर बाजार पर आधारित है|
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एक्सपर्ट्स की राय (Experts Opinion)
कुछ एक्सपर्ट्स के मुताबिक पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित विकल्प है परन्तु नई पेंशन योजना के अंतर्गत पैसे का निवेश इक्विटी में भी होता है| जिसके कारण कर्मचारी के एक लम्बी अवधि की नौकरी के बाद रिटायर होने पर रिटर्न काफी अधिक मिल सकता है| दूसरी बात यह है, कि नई पेंशन स्कीम टैक्स या कर के मामले में काफी बेहतर है क्योंकि एलआईसी प्रीमियम और पीपीएफ में इन्वेस्टमेंट आदि को मिलाकर न्यू पेंशन स्कीम कंट्रीब्यूशन पर 1 लाख 50 हजार तक की कटोती के लिए दावा कर सकते है| इसके अलावा 50 हजार तक का अन्य कटोतियों के दावा पेश किया जा सकता है| कुल मिलाकर 2 लाख रुपये तक का दावा किया जा सकता है| लेकिन कर्मचारी को इस बात का ध्यान रखना होगा, कि यदि किसी वर्ष कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन 6 लाख 50 हजार से अधिक हो जाता है, तो अतिरिक्त धनराशि को इनकम में एड कर दिया जाता है, जिस पर कर्मचारी को टैक्स चुकाना होता है|