प्राचीन समय से भारत और सम्पूर्ण विश्व में राजतन्त्र स्थापित था इसमें सम्पूर्ण क्षेत्र छोटे- छोटे राज्यों में विभाजित रहता था। प्रत्येक राज्य अपने राज्यों की सीमाओं में वृद्धि करने के लिए युद्ध लड़ता था। इस युद्ध में जिस राज्य के पास अच्छे अस्त्र- शस्त्र होते थे उसी की विजय होती थी। धीमे- धीमे इन युद्धों में विज्ञान का आगमन हुआ जिसके द्वारा बहुत खतरनाक हथियारों का आविष्कार हो चुका वर्तमान समय में बैलिस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइल चर्चा का विषय बनी हुई। आज के समय में प्रत्येक देश को अपनी सुरक्षा हेतु बैलेस्टिक मिसाइल की आवश्यकता है। भारत ने भी कई बैलेस्टिक मिसाइलों का निर्माण किया है जिससे दुश्मन देशों से अपनी सुरक्षा और युद्ध के समय उनको सही जवाब दिया जा सके। इस लेख में हम आपको बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की जा रही है।
बैलिस्टिक मिसाइल किसे कहते है (Ballistic Missile Kya Hai) ?
इस मिसाइल को हिंदी में प्रक्षेपास्त्र के नाम से जाना जाता है। इसका प्रयोग हवा, पानी और आकाश से कही पर भी सुनिश्चित टारगेट बनाकर हमला किया जा सकता है। यह अपने टारगेट को आर्बिटल बैलिस्टिक मार्ग के माध्यम से तय करती है।
इसके द्वारा परमाणु बम को भी ले जाया जा सकता है। इसका अर्थ यह है कि दुश्मन देश पर परमाणु हमला इस मिसाइल के द्वारा किया जा सकता है।
जब इस मिसाइल को छोड़ा जाता है तो यह पहले अपने स्थान से 45 डिग्री के कोण पर सर्वप्रथम ऊपर कि ओर जाती है। फिर यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण नीचे की ओर आती है।
इसका प्रयोग अधिक ऊंचाई से किया जाता है और इसकी स्पीड बहुत ही अधिक होती है जिस कारण यह राडार के पकड़ में नहीं आ पाती है। इस कारण यह अपने टारगेट को भेदने में सक्षम हो जाती है।
बैलिस्टिक मिसाइल की मारक क्षमता 5000 किलोमीटर से लेकर 10000 किलोमीटर तक होती है।
इस मिसाइल में दिशा यंत्र लगा होता जिसके द्वारा मिसाइल को प्रारम्भ में ही गाइड कर दिया जाता है, इसके फलस्वरूप मिशन भेदने में आसानी होती है।
वर्तमान समय में इन मिसाइलों में रॉकेट इंजन का प्रयोग किया जाता है। इसको भेजने के लिए प्रोपेल का उपयोग किया जाता है।
क्रूज मिसाइल किसे कहते है(Cruise Missile Kya Hai)?
क्रूज मिसाइल को हिंदी में क्रूज प्रक्षेपास्त्र के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रकार की नियंत्रित मिसाइल है। इस मिसाइल में अधिकांशतः जेट इंजन का प्रयोग किया जाता है।
जेट इंजन में ज्वलनशील विस्फोटक का प्रयोग किया जाता है इसी ज्वलनशील विस्फोटक के कारण यह अपने लक्ष्य तक पहुंचने और उसे भेदने में सक्षम हो पाती है।
क्रूज मिसाइल पृथ्वी से 15 से 20 मीटर की ऊंचाई पर चलती है। इस मिसाइल में एक यह विशेषता है कि यह अपना मार्ग स्वयं निर्धारित कर लेती है।
लक्ष्य को भेदते समय यदि टारगेट अपने मूल स्थान से थोड़ा बहुत इधर- उधर भी हो जाता है, तो वह परिवर्तित स्थान पर जाकर अपने टारगेट पर जाकर उसको नष्ट कर देती है। क्रूज मिसाइलों का उपयोग बहुत अधिक सटीक टारगेट और लंबी दूरी तय करके अपने लक्ष्य को भेदने के लिए तैयार किया गया है।
बैलिस्टिक मिसाइल एंड क्रूज मिसाइल में अंतर (Difference)
क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल में अंतर इस प्रकार है-
बैलिस्टिक मिसाइल | क्रूज मिसाइल |
बैलिस्टिक मिसाइल का आकर बहुत ही बड़ा होता है। | क्रूज मिसाइल आकार कम होता है। |
इसके द्वारा बड़े और वजनदार बमों को ले जाया जा सकता है। | इसके द्वारा बहुत ही कम वजन का बम ले जाया जा सकता है। |
इसे अपने टारगेट पर पहुंचने से पहले ही नष्ट किया जा सकता है। | एक बार छोड़े जाने के बाद इस पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता है। |
यह मिसाइल ऊंचाई पर होने के कारण इसे छुपाना आसान नहीं होता है। | क्रूज़ मिसाइल पृथ्वी की सतह से 15 से 20 मीटर की ऊंचाई पर सामानांतर चलती है इस कारण इसे छुपाया जा सकता है। |
बैलिस्टिक मिसाइल के साथ उसका ईंधन रख दिया जाता है इसकी प्रक्रिया में प्रयोग किया जाने वाला ऑक्सीजन भी उसी के साथ स्टोर रहती है। | मिसाइल छोटी होने के कारण इसमें ईंधन रिजर्व में नहीं रखा जाता है। |
बैलिस्टिक मिसाइल अर्धचंद्राकार मार्ग पर चलकर अपने टारगेट को भेदती है। | क्रूज़ मिसाइल पृथ्वी के समान्तर चल कर टारगेट को भेदती है। |