शेयर मार्केट (Share Market in Hindi) क्या है? जानिए हिंदी में।

शेयर मार्केट क्या है?

Share Market in Hindi:  शेयर मार्केट वह बाजार है जहाँ कोई भी नागरिक लिस्टेड कंपनी के शेयर खरीद या बेच सकता है।
भारत में दो प्रमुख बाजार है

  • NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज)
  • BSE (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज)

किसी भी कम्पनी को अपने शेयर बाजार में लाने के लिए के लिए NSE या BSE में लिस्ट/रजिस्टर करना होता है।

शेयर मार्केट के प्रकार:

  1. प्राइमरी  मार्केट
  2. सेकेंडरी मार्किट

प्राइमरी मार्केट, एक ऐसा बाजार है जहाँ निवेशक हिस्सेदारी (Shares) सीधे कंपनी से खरीदता है। शायद आपने आई.पी.ओ का नाम सुना हो ? सभी कंपनियां आई.पी.ओ (IPO) के माध्यम से अपने शेयर बेचकर बाजार से पैसा उठती है।

सेकेंडरी मार्केट,  एक ऐसा बाजार है, जहाँ shares की सौदेबाजी निवेशकों के बीच होती है।

शेयर मार्केट में क्या ख़रीदा बेचा जाता है?

शेयर मार्केट में मुख्यत चार वित्तीय प्रपत्र(फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट) का सौदा किया जाता है जो की निम्नवत है:-

  1. शेयर
  2. बॉन्डस
  3. म्यूच्यूअल फंड्स
  4. डेरिवेटिव्स

शेयर क्या है ?

शेयर किसी कंपनी में हिस्सेदारी की न्यूनतम इकाई है जिसका मूल्य कंपनी आईपीओ(I.P.O) लाने समय तय करती है।
जब आप शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदते हैं।
इसका मतलब यह है कि अगर कंपनी समय के साथ लाभ कमाती है तो शेयरधारकों को लाभांश के साथ पुरस्कृत किया जाता है।

आप अपने शेयर किसी दूसरे को अधिक मूल्यों पर बेच भी सकते है।

बॉन्डस किसे कहते है ?

सरकार या कंपनियां जब बिना हिस्सेदारी (Share) बेचे बाजार पैसा लेना चाहती है, तो बांड्स (Bond) का सहारा लिया जाता है।
दरअसल बांड कर्ज के बदले दिया गया वो प्रमाणपत्र है, जो बांड धारक को बताई गई अवधी पर सूद (interest) के साथ धन वापसी की गारंटी लेता है  बांड शेयर से सुरक्षित निवेश है।

म्यूच्यूअल फंड्स क्या है ?

शेयर मार्किट में अप्रत्यक्ष निवेश के लिए म्यूच्यूअल फंड मासिक वेतनभोगी लोगो(salaried people)  का पसंदीदा वित्तीय प्रपत्र(financial instrument)  है।

म्यूच्यूअल फंड एक ऐसा फंड है जहां आपके और आपके जैसे हजारों लोगों द्वारा दिए गए पैसों को जमा कर शेयर बाजार में निवेश किया जाता है।

आपके दिए गए पैसों को कभी भी एक जगह नहीं लगाया जाता,  यह आपके द्वारा चुने गए जोखिम के स्तर के अनुसार अलग-अलग वित्तीय प्रबंधन में निवेश किया जाता है।

म्यूच्यूअल फंड के पैसों का कितना प्रतिशत कहां लगाना है इसका निर्णय अत्यंत कुशल, अनुभवी, और योग्य मैचुअल फंड मैनेजर्स के द्वारा किया जाता है।

म्यूचुअल फंड में निवेश के फायदे
  • बैंक एफ.डी (FD), आर.डी (RD) या बैंक द्वारा दिए गए किसी भी ब्याज से ज्यादा ब्याज।
  • शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव का न्यूनतम जोखिम।
  • बच्चों के भविष्य और बुढ़ापे के लिए पर्याप्त धन जमा करने में सहायक।
  • पावर आफ कंपाउंडिंग का फायदा

एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि आप अपनी बचत का सारा पैसा म्यूच्यूअल फंड या किसी अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में ना लगाएं। आप अपनी  बचत को विभिन्न जगहों पर निवेश करें।
हम जल्दी ही इस पर एक लेख लाने वाले हैं  जो कि आपको या निर्णय लेने में मदद करेगा।

डेरिवेटिव्स या व्युत्पन्न:

दो या दो से अधिक पार्टियों के बीच एक अनुबंध है, जिसका मूल्य एक अंतर्निहित वित्तीय परिसंपत्ति (Like Securities) या परिसंपत्तियों (Like Index) पर आधारित है। सामान्य अंतर्निहित उपकरणों में बॉन्ड, कमोडिटीज, मुद्राएं, ब्याज दरें, बाजार सूचकांक और स्टॉक शामिल हैं।
आसान शब्दो में डेरिवेटिव्स पर हानि या लाभ इसके कारक या मूल पर निर्भर करती है उदाहरण के लिए मान लेते है चीनी एक डेरिवेटिव है
तो अब चीनी का दाम/मूल्य गन्ने के मूल्य पर निर्भर करेगा। मतलब गन्ना महंगा तो चीनी और गन्ना सस्ता तो चीनी के दाम भी गिर जायेंगे।

एक अन्य उदाहरण के साथ समझे तो डेरिवेटिव वह माध्यम है जहां आप शेयर्स या सिक्योरिटी में डायरेक्ट पैसा न लगाकर उनकी स्थितियों पर पैसा लगाते हैं यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे आप किसी टीम की हार व जीत पर पैसा लगाते हैं यह किसी  खिलाड़ी की परफॉर्मेंस पर।

आज कल डेरिवेटिव में ट्रेड(सौदे) सबसे ज्यादा होती है जिसके चार प्रकार होते है।

  1. फॉरवर्ड(Forward)
  2. फ्यूचर(future)
  3. ऑप्शन(option)
  4. स्वैप(swap)

अभी शुरुवात के लिए इतना ही काफ़ी है और ज्यादा डिटेल में हम जल्दी अपने अगले लेख में समझायेंगे।

आईपीओ(IPO) क्या है | कैसे निवेश करें।

कैसे करे शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत ?

आपको जानकार ख़ुशी होगी की अब शेयर मार्किट में निवेश पहले जैसे जटिल नहीं रह गया।

आपको बस अपने ब्रोकर का चयन करना है और कुछ आसान चरण में रेजिस्टशन के बाद आप शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं।
वैसे तो बाजार में ब्रोकर्स की भरमार है किन्तु गुडवत्ता और भरोषे की बात करे तो निम्न में से कोई भी ब्रोकर चुन ले।

  1. Angel Broking
  2. Zerodha
  3. Upstox

जरूर पढ़ें:  HSRP Online Apply कैसे करे(How to apply High-security number plates)

किसी भी शेयर का दाम कैसे घटता बढ़ता है?

किसी भी  कंपनी के शेयर की कीमत(Price) बहुत से कारणों की वजह से घटती या बढ़ती रहती है लेकिन हम केवल महत्वपूर्ण कारणों की बात करेंगे।

  1. मांग और आपूर्ति (Demand and supply)
  2. मौलिक कारक (Fundamental factors)
  3. अर्थव्यवस्था (Economy)
  4. सरकारी नीतियां (Government policies)
  5. राजनीतिक परिदृश्य (Political scenario)
  6. लाभांश की घोषणा (Dividend declarations)

मांग और आपूर्ति (Demand and supply)

जब किसी  कंपनी के शेयर को अधिक मात्रा में निवेशकों द्वारा  बेचा जाता है तो उस शेयर की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिलती है।

इसके विपरीत अगर किसी शेयर में निवेशकों की लोकप्रियता बढ़ने के कारण उसकी खरीदारी  बढ़ती है तो शेयर का दाम भी  बढ़ने लगता है।

मौलिक कारक (Fundamental factors)

किसी भी कंपनी के  वित्तीय उतार चढ़ाव वह मालिक कारक है जिसके कारण शेयर के दाम घटते बढ़ते हैं। यह कारण कुछ भी हो सकते हैं कंपनी को होने वाला लाभ, हानि  या फिर बढ़ता हुआ कर्ज।

अर्थव्यवस्था (Economy)

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था उस देश के शेयर मार्केट पर खासा असर डालती है।
यही वह समय होता है जब निपुण और दूरदर्शी निवेशक  शेयर मार्केट में खूब पैसा बनाते हैं। जब किसी देश की अर्थव्यवस्था में बदलाव किए जाते हैं तो इसके फल स्वरुप  बाजार में उत्पादों के दाम कम या ज्यादा हो जाते हैं इसीलिए संबंधित कंपनी को लाभ या हानि भी होती है।

सरकारी नीतियां (Government policies)

सरकार की नीतियों की वजह से अक्सर शेयरों कीमतों में बदलाव आते देखा गया है।
यदि सरकार द्वारा घोषित नीतियों को निवेशकों द्वारा अनुकूल माना जाता है, तो संबंधित उद्योगों और क्षेत्रों के शेयर की कीमतें बढ़ती हैं।

राजनीतिक परिदृश्य (Political scenario)

भारत में जो राजनीतिक परिदृश्य है उसकी वजह से  शेयर बाजार में हमेशा उथल-पुथल रहती है और निवेशक हमेशा भय में रहता है कि उसका ध्यान कहीं खतरे में ना आ जाए।

लाभांश की घोषणा (Dividend declarations)

हालांकि यह कारक मामूली है लेकिन भारत में शेयर की कीमत को लाभांश की घोषणा के बाद अक्सर  बढ़ते हुए देखा गया है।
कीमत में वृद्धि का कारण यह है क्योंकि निवेशक आमतौर पर कंपनियों को लाभांश की घोषणा करते हुए वित्तीय रूप से मजबूत और स्थिर होने का अनुभव करते हैं। हालांकि, अगर किसी कंपनी द्वारा लाभांश की घोषणा निवेशकों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं करती है, तो इससे  कीमत घटने की संभावना बढ़ जाती है।

निष्कर्ष

Share Market वह मार्केट जा कंपनी  अपने  उपक्रम और उत्पाद को बढ़ाने के लिए बाजार में अपनी कंपनी की हिस्सेदारी के बदले धन लेती है । भविष्य में अगर कंपनी लाभ कमाती  तो शेयरधारकों को भी लाभांश देती है।
तो इस तरह आप किसी कंपनी की हिस्सेदारी खरीद कर उसके लाभ और हानि में शामिल हो जाते हैं कंपनी का लाभ और हानि  आंशिक रूप से आपको भी प्रभावित करता है।

अगर आपको इस लेख में कोई भी व्याख्या, शब्द समझ नहीं आ रहा हो या हमसे कोई त्रुटि रह गई हो तो  हमें कमेंट जरूर करें।
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