आज हम प्लाज्मा थेरेपी(Plasma Therapy) के बारे मे जानेंगे,आखिर ये है क्या और इस महामारी (कोरोना ) मे ये इतनी चर्चा में क्यों है |वर्तमान समय में यह इलाज के लिए कारगर है | देश में कोरोना की लहर हर रोज लाखों लोगों पर कहर बरपा रही है।
अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड्स और दवाइयों की आपूर्ति के बाद अब कोविड संक्रमित मरीजों को ठीक करने के लिए प्लाज्मा थेरेपी की मांग हो रही है।
अगर आप किसी को प्लाज्मा डोनेट करना चाहते हैं तो ये आपके काम की खबर है। इस थेरेपी से यह पता लगाया जा रहा है की इससे वैज्ञानिक कोरोना वायरस का इलाज संभव है या नहीं |
इसी बीच जो मरीज ठीक हुए है ,वो प्लाज्मा थेरेपी के लिए दान करने को तैयार हैं |
बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर से लेकर हॉलीवुड के टॉम हेंग्स और उनकी पत्नी ने भी मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा डोनेट किया है।
दुनिया भर मे सिलेब्रिटीज ही नही जो मरीज ठीक हो चुके है, अपनी एंटीबाडीज़ डोनेट करने के लिए आगे आए है|
दिल्ली ,लखनऊ और केरला के मरीज प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हुये हैं |
प्लाज्मा आखिर है क्या ( What is Plasma)
विषयसूची
प्लाज्मा थेरेपी को कायलसेंट प्लाज्मा थेरेपी (Convalescent plasma therapy) भी कहा जाता है।
इसमें कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के शरीर से प्लाज्मा निकालकर संक्रमित व्यक्ति की बॉडी में इंजेक्शन की मदद से इंजेक्ट किया जाता है।
प्लाज्मा हमारे खून का पीला तरल हिस्सा होता है ,जिसके जरिये सेल्स और प्रोटीन शरीर की विभिन्न कोशिकाओं तक पहुँचते हैं |
हमारे शरीर में 55% प्लाज्मा होता है | प्लाज्मा के गुण ठोस एवं ,द्रव या गैस के गुणों से काफी विपरीत है ,इसलिए इसे पदार्थ की एक भिन्न अवस्था माना जाता है | गैस की तरह प्लाज्मा का भी कोई निश्चित आकार व आयतन नही है |
प्लाज्मा के बारे मे एक बात जानना आवश्यक है जब कोई व्यक्ति किसी बीमारी से ठीक होता है और अपना प्लाज्मा डोनेट करता है तो डोनर को किसी प्रकार कि कोई दिक्कत या कमजोरी नही होती है|
प्लाज्मा थेरेपी को कैसे किया जाता है ( How Plasma Therapy is Performed)
प्लाज्मा थेरेपी को करने के लिए डॉक्टर बहुत ही सावधानी से काम करते हैं ताकि जो इस थेरेपी को करवा रहे हैं ,उन लोगो को किसी भी प्रकार से कोई तकलीफ ना हो ,ना ही उन्हें दर्द का सामना करना पड़े| इस थेरेपी को करने के लिए महज 1-3 घंटे का समय लगता है |
इसकी प्रकिया की शुरुआत में बाँह में सुई लगाकर उनका खून निकाला जाता है जिसके लिए ( centrifuge machine) का उपयोग किया है | थेरेपी कराने वाले व्यक्ति के खून से प्लाज्मा निकाल कर इंजेक्शन में डालकर उसे लोगों के शरीर में डाला जाता है |
इंजेक्शन वाली जगह को अच्छे से साफ करके बैंडेज की जाती है ,जिसके बाद यह प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है |
प्लाज्मा थेरेपी के लाभ(Benefits of plasma therapy)-
- अभी हाल ही में यह थेरेपी कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों को ठीक करने में कारगर साबित हुई है ,इसलिए दुनिया भर में यह काफी चर्चा में है और इससे अनेक फायदे भी हैं |
- इस थेरेपी से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाता है |
- यह थेरेपी से चेहरे ,बाल अन्य समस्याओं का इलाज किया जाता है |
- इस थेरेपी को करने में अधिक समय नहीं लगता है |
- दर्द भी महसूस नहीं होता है |
- जल्द ही लाभ भी दिखाई देने लगता है |
- एक स्वस्थ व्यक्ति के दान किए गये प्लाज्मा से दो मरीजो का इलाज किया जा सकता है |
- अभी तक इस थेरेपी के सकारात्मक प्रभाव देखे गए हैं |
- शोध में पाया गया है ,कि कॉनवेलेसेंट प्लाज्मा थेरेपी कुछ समय के लिए कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इम्यूनिटी पैदा करती है |
प्लाज्मा डोनेट कौन कर सकता है?( Who can do plasma donate)
कोरोना के बढ़ते कहर को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने प्लाज्मा डोनेट के लिए मंजूरी दे दी है और साथ ही कुछ गाइडलाइड भी जारी की गई हैं।
केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में प्लाज्मा डोनेट के बारे में क्या करें और क्या नहीं करें तो लेकर सूचना दी गई है।
- जिनकी उम्र 18 वर्ष की हो चुकी है और पूरी तरह से स्वस्थ हैं वे भी प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं।
- प्लाज्मा डोनेट करने वाले की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव (RT PCR test) होनी चाहिए।
- उसकी हार्ड कॉपी और आधार कार्ड की कॉपी भी साथ होनी चाहिए।
- जो लोग कोरोनोवायरस से उबर चुके हैं, वे रिकवरी के 28-30 दिनों के बाद ही अपना प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं।
- जिन लोगों में बुखार, सर्दी, खांसी, जैसे सिम्टम्स हों वे भी प्लाज्मा का डोनेट कर सकते हैं, क्योंकि उनमें एसिम्प्टोमेट्रिक रोगी (asymptomatic patient) की तुलना में SARS-Cov-2 IgG एंटीबॉडी रखने की अधिक क्षमता होती है।
- 50 किलोग्राम या ज्यादा और शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति भी ब्लड दे सकते हैं।
- 60 साल तक के स्वस्थ व्यक्ति प्लाज्मा दे सकते हैं।
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