फोन पर अचानक “Network” गायब, कॉल/SMS बंद… और उसी समय बैंक/UPI से पैसे उड़ गए? बहुत मुमकिन है कि ये SIM Swap/Port-Out Fraud हो. इसमें ठग आपके नंबर की डुप्लीकेट SIM निकलवा लेते हैं या eSIM में शिफ्ट करा देते हैं, ताकि OTP/बैंक अलर्ट उनके पास पहुँचें—और आपका अकाउंट साफ! इस हिंदी गाइड में मैं आसान भाषा में समझा रही हूँ: SIM swap कैसे होता है, eSIM/Call-Forwarding वाले ट्रिक्स क्या हैं, Port-Out PIN की अहमियत, और 12 ठोस सेफ़्टी तरीके जिनसे आप और आपका परिवार बच सकते हैं.

UPI फ्रॉड से बचाव—10 Golden Rules” (फैमिली ट्रेनिंग + ट्रांजैक्शन अलर्ट्स)
SIM Swap/Port-Out Fraud होता कैसे है?
विषयसूची
- Fake KYC/Impersonation: ठग आपके नाम पर झूठे डॉक्यूमेंट देकर डुप्लीकेट SIM निकाल लेते हैं.
- eSIM Trick: कॉल पर customer-care बनने का नाटक—कहेंगे “eSIM एक्टिवेट करें/Net तेज़ होगा”—आपसे QR ईमेल/कोड ले लेते हैं और आपका नंबर eSIM में ट्रांसफर कर लेते हैं.
- Port-Out without consent: आपके नंबर से PORT मैसेज भेजकर दूसरी कंपनी में शिफ्ट; अगर आपने Port-Out PIN/SIM lock नहीं लगाया है तो काम आसान.
- Call-Forwarding Scam: फर्जी “network fix” बताकर आपसे USSD कोड डायल करवाते हैं, जिससे आपकी कॉल किसी और नंबर पर फ़ॉरवर्ड होने लगती हैं—OTP पढ़ लेना अब बच्चों का खेल.

खतरे की घंटी: ये संकेत दिखें तो तुरंत चौकन्ना
- फोन में No Service/No Network जबकि दूसरों का नेटवर्क ठीक.
- बिना वजह SIM toolkit/eSIM activation ईमेल/QR लिंक आना.
- बैंक/UPI में OTP नहीं आ रहा पर suspicious login alerts दिखना.
- अचानक Port request SMS (PORT-ID) दिखा—जबकि आपने खुद रिक्वेस्ट नहीं की.
- Contacts से शिकायत: “तुम्हारे नंबर से अजीब कॉल/मैसेज आ रहे हैं.”
12 सेफ़्टी तरकीबें (Step-by-Step)
- SIM Lock/PUK/PIN सेट करें: फोन में SIM PIN ऑन करें. कोई SIM निकाल भी ले तो सीधे एक्सेस मुश्किल.
- Port-Out PIN (या Carrier Lock) सक्षम रखें: कई टेलीकॉम अब Port-Out Transfer PIN देते हैं—बिन PIN कोई पोर्ट नहीं.
- Call-Forwarding बंद/निगरानी: सेटिंग्स में जाकर सभी Forwarding/Divert off रखें; संदेह हो तो USSD से न्यूट्रलाइज़ करें (carrier-specific).
- eSIM Activation बेहद सतर्कता से: eSIM सिर्फ ऐप/आधिकारिक पोर्टल से ही; किसी कॉल/WhatsApp से आए QR/लिंक पर एक्टिवेट मत करें.
- Account-Level Alerts: बैंक/UPI/ई-मेल में login alerts on; पासवर्ड/Passkey + 2-Step Verification (Authenticator app) अनिवार्य.
- UPI Lite/लिमिटेड वॉलेट: रोज़मर्रा के खर्च के लिए low-limit UPI अकाउंट/वॉलेट रखें; मुख्य बचत खाते को UPI से अलग रखें.
- Email/Cloud Secured: Gmail/Outlook पर Passkeys/2FA, App Passwords जहाँ ज़रूरी; Recovery email/phone अपडेटेड.
- KYC/दस्तावेज़ कम शेयर करें: DigiLocker/mAadhaar का Offline e-KYC (Share Code) यूज़ करें; फोटोकॉपी व्हाट्सऐप ग्रुप में न डालें.
- SIM Replacement पर तुरंत Action: नेटवर्क गया → पहले कस्टमर-केयर/स्टोर से confirm करें; fraud लगे तो SIM block, Port रोक, कंप्लेंट दर्ज.
- Banking Hygiene: कभी भी UPI PIN/ कार्ड OTP शेयर नहीं; screen-share/remote-access ऐप से दूर रहें.
- Family Training: माता-पिता/बच्चों को “OTP/QR/Call-Forwarding/Port” का मतलब और खतरे समझाएँ.
- Incident Response Kit: फ़ोन/ईमेल/बैंक की Emergency सूची सेव रखें—ताकि 10–15 मिनट में damage control हो सके.
DigiLocker / mAadhaar गाइड” (KYC डॉक्यूमेंट सुरक्षित तरीके से शेयर करना)
तुरंत क्या करें? (Damage Control Playbook)
- Carrier को कॉल/स्टोर विजिट: SIM ब्लॉक कराएँ; unauthorized port-out रोकें; incident reference लें.
- Bank/UPI को अलर्ट: नेट-बैंकिंग/UPI hold, कार्ड अस्थायी ब्लॉक; suspicious लेन-देन पर dispute/chargeback दर्ज करें.
- पासवर्ड रोटेशन: ई-मेल/बैंक/UPI/सोशल के पासवर्ड/Passkeys अपडेट करें; कहीं भी reuse न करें.
- डिवाइस/ई-मेल सिक्योरिटी चेक: unknown forwarding rules, filters, login sessions हटाएँ.
- FIR/Cyber Complaint: नज़दीकी थाने में FIR + cybercrime.gov.in पर शिकायत; SMS/call logs, बैंक अलर्ट, तारीख-समय के स्क्रीनशॉट संलग्न करें.
झटपट सार (Key Takeaways)
- No Network + OTP मिसिंग = रेड अलर्ट. तुरंत carrier और बैंक से बात करें.
- eSIM/Port-Out सिर्फ official चैनल से. किसी कॉल/मैसेज से आए QR/USSD पर भरोसा न करें.
- SIM PIN + Port-Out PIN + 2FA = बेसलाइन सेफ़्टी.
- Call-Forwarding Off रखें. अंजान USSD डायल न करें.
- Family awareness ही असली फ़ायरवॉल है.
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1) SIM Swap और eSIM Fraud में फर्क?
SIM Swap में आपके नाम पर डुप्लीकेट physical SIM निकाली जाती है; eSIM Fraud में आपका नंबर डिजिटल eSIM में ट्रांसफर करा लिया जाता है. दोनों में ठग OTP/कॉल कंट्रोल कर लेते हैं.
2) कैसे पता चले कि Call-Forwarding ऑन है?
फोन की Call settings में जाकर “Call forwarding/Call divert” देखें. शंका हो तो carrier-specific USSD से सभी forwarding disable करें या कस्टमर-केयर से confirm करें.
3) Port-Out PIN क्या होता है?
कुछ ऑपरेटर पोर्ट ट्रांसफर PIN लागू करते हैं. बिना सही PIN के आपका नंबर दूसरी कंपनी में शिफ्ट नहीं हो सकता. अपने ऑपरेटर की ऐप/स्टोर पर जानकारी लें और इसे सक्रिय रखें.
4) नेटवर्क अचानक बंद हो जाए तो पहले किसे कॉल करें—बैंक या टेलीकॉम?
पहला कदम टेलीकॉम (SIM block/port रोक) + समानांतर में बैंक/UPI hold. दोनों साथ-साथ करें ताकि OTP control और पैसे—दोनों सुरक्षित रहें.
5) क्या UPI Lite मददगार है?
हाँ, रोज़मर्रा के लिए लो-लिमिट वॉलेट/UPI Lite रखें; बड़े लेन-देन के लिए अलग सुरक्षित प्रक्रिया (जैसे नेट-बैंकिंग + हार्ड 2FA). इससे बड़े नुकसान का रिस्क घटता है.
6) Cyber complaint कहाँ करें?
cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं. साथ में local थाने में FIR कराएँ. सबूत (SMS/call logs, bank alerts, timestamps, screenshots) जोड़ें.
7) Family/Parents को क्या समझाएँ?
OTP/UPI PIN कभी न बताएं, eSIM/Port/Forwarding शब्दों का मतलब, USSD/QR से बचाव, और किसी भी कस्टमर-केयर कॉल को verify करने की आदत.
External (प्रामाणिक संदर्भ/References)
- दूरसंचार ऑपरेटर की आधिकारिक ऐप/वेबसाइट: SIM replacement, Port-Out PIN, Call-Forwarding सेटिंग्स की सही जानकारी के लिए.
- RBI/बैंक हेल्प पेज (Hindi/English): UPI कार्ड/नेट-बैंकिंग धोखाधड़ी पर dispute/chargeback प्रक्रिया समझने के लिए.
- Indian Cybercrime Portal (cybercrime.gov.in): ऑनलाइन शिकायत और मार्गदर्शन (हिंदी/अंग्रेज़ी इंटरफ़ेस उपलब्ध).
नोट: ऊपर सूचीबद्ध रेफरेंस केवल मार्गदर्शन के लिए हैं—सटीक प्रक्रियाएँ आपके बैंक/ऑपरेटर पर निर्भर होंगी.