किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) की जानकारी- एफपीओ (FPO) के गठन के लिए भारत सरकार के केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के द्वारा नए दिशा-निर्देशों की बुकलेट जारी की गयी है | इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा पहले ही की जा चुकी है| एफपीओ के गठन से किसानों को बहुत ही अधिक लाभ प्राप्त होगा | वर्ष 2023-24 तक कुल 10,000 एफपीओ का गठन किया जायेगा | इस पर भारत सरकार के द्वारा कुल 6,866.00 करोड़ रुपये का खर्च किया जायेगा | इस पेज पर एफपीओ (FPO) क्या है, एफपीओ का फुल फॉर्म, एफपीओ की आवश्यकता, एफपीओ से किसानों को कैसे लाभ प्राप्त होगा, एफपीओ की समस्याएं, के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की जा रही है|
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एफपीओ का फुल फॉर्म (FPO Full Form)
विषयसूची
एफपीओ का फुल फॉर्म ‘Farmer Producer Organization’ होता है | हिंदी भाषा में इसे ‘किसान उत्पादक संगठन’ के नाम से जाना जाता है | प्रत्येक FPO को 5 वर्ष के लिए सहायता प्रदान की जाती है|
FPO Full Form In English | Farmer Producer Organization |
एफपीओ फुल फॉर्म इन हिंदी | किसान उत्पादक संगठन |
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एफपीओ क्या है (What is FPO)
- किसानों के लाभ के लिए एफपीओ का गठन किया गया है | इसमें सभी किसान इसके सदस्य होंगे | यह किसान मिलकर एफपीओ के नेता का चुनाव करेंगे | नेता के द्वारा अपने एफपीओ (FPO) संगठन के प्रति जवाबदेह होगा|
- एक एफपीओ में सहकारी संगठन, सहयोग सोसायटी, न्यास, सोसायटी, किसान उत्पादक कंपनियों को सम्मिलित किया जाता है | कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत इसका पंजीकृत कराया जा सकता है |
- एसएफएबी, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के द्वारा एफपीओ की स्थापना व प्रचार किया जायेगा |
- राज्य सरकार के द्वारा कृषि सहकारी और किसान कल्याण (डीएसीएफडब्ल्यू) से परामर्श के पश्चात अपनी एजेंसी को नियुक्त किया जा सकता है |
- कृषि सहकारी और किसान कल्याण (डीएसीएफडब्ल्यू) के द्वारा राज्य और क्लस्टर का निर्धारण किया जायेगा | इस प्रक्रिया के पश्चात क्ल्स्टर स्तर पर व्यापार संगठन की स्थापना की जाती है |
- इस संगठन में फसल, कृषि बाज़ार, मूल्यवर्धन और प्रसंस्करण, सामाजिक सक्रियता, विधि एवं खाता और सूचना प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञों को सम्मिलित किया जाता है, यह सभी विशेषज्ञों अपने स्तर पर प्रत्येक समस्या का निवारण करते है |
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एफपीओ की आवश्यकता (FPO Need)
- भारत सरकार किसानों की आय को दोगुनी करने के प्रयास में लगी हुई है | एफपीओ भी इन्ही प्रयासों में से एक है | इसके पूर्व घोषणा में 2022 तक 7,000 एफपीओ स्थापित किया जाना था अब इसे बढ़ा कर वर्ष 2023-24 तक 10,000 एफपीओ कर दिया गया है |
- छोटे और सीमांत किसान के द्वारा उत्पादन तकनीक, सेवाएँ, बाज़ारीकरण और मूल्यवर्धन हेतु आर्थिक क्षमता नहीं होती है | इनकी क्षमता वृद्धि के लिए एफपीओ का गठन किया गया है |
- एफपीओ के द्वारा किसानों को बेहतर इनपुट गुणवत्ता, तकनीक, मशीनीकरण, ऋण और बाज़ार तक पहुँच प्रदान की जाएगी |
- एक एफपीओ के द्वारा अपने सदस्य किसान के लिए सामूहिक रूप से मोल-भाव करके उसकी फसल का उचित मूल्य प्रदान किया जाता है |
- एफपीओ को एक जिला, एक उत्पाद कार्यक्रम के तहत सम्मिलित किया गया है | इसके द्वारा एक क्लस्टर में किसी एक उत्पाद की विशेषज्ञता, प्रसंस्करण, बाज़ारीकरण, ब्रांडिंग और निर्यात के उचित कदम उठाये जायेंगे |
- एफपीओ को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सरकार इक्विटी ग्रांट को सम्मिलित कर रही है | नाबार्ड के द्वारा 1,000 करोड़ रुपये का ऋण गारंटी कोष की स्थापना की गयी है | इसमें नाबार्ड और डीएसीएफडब्ल्यू का 50 – 50 प्रतिशत योगदान किया जाता है | एनसीडीसी में भी 500 करोड़ रुपये का क्रेडिट गारंटी फंड का निर्माण किया जाता है | इसका लाभ यह होगा कि एफपीओ को ऋण देने वाली वित्तीय संस्थाओं को मजबूती प्राप्त होगी |
- राज्य और केंद्र-शासित प्रदेश भी एग्री-मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के अंतर्गत ऋण प्राप्त कर सकते है | एफपीओ और क्लस्टर स्तर के संगठनों की सहायता के लिए सरकार के द्वारा प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है |
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किसानों को कैसे लाभ प्राप्त होगा (Benefit From FPO)
- एफपीओ के द्वारा बीज, कीटनाशक और ऊर्वरर्कों को थोक में खरीदा जाता है | खुदाई, बुआई और कटाई के लिए उपकरणों को भी थोक में किराए पर लिया जाता है | इसी मूल्य पर सभी किसानों को वितरित कर दिया जाता है | इससे किसान के धन की बचत होती है |
- एक मेकैनिकल हार्वेसटर को प्रति घंटे के हिसाब से किराया पर लिया जाता है | एफपीओ के द्वारा इसे किराये पर लिया जायेगा | एफपीओ प्रति घंटे अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ पहुँचायेगा | इस प्रकार से छोटे किसान भी इसका प्रयोग कर सकेंगे | इससे किसान को इसका किराया कम देना पड़ेगा |
- एफपीओ के द्वारा बेहतर भंडारण सुविधाओं को प्रदान किया जाता है | इससे जब फसल की कटाई हो जाती है, तो किसान अपनी फसल को वहां पर रख सकता है | इसका लाभ यह होगा जब फसल का मूल्य कम होगा, तो किसान उसको नहीं बेचेगा क्योंकि उसके पास भंडारण करने की क्षमता होगी और जब फसल का मूल्य अधिक होगा, तब किसान अपनी फसल को बेच सकता है |
- एफपीओ अनुबंधित खेती में भी किसाओं को लाभ देगा | जब किसान फसल की बुआई करना चाहेगा तब उसके पास पहले ही एक निश्चित आय होगी | यहाँ से वहां मूल्य व माँग-आपूर्ति के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है |
- किसान एफपीओ के द्वारा अपने उत्पाद पर ऋण भी प्राप्त कर सकता है | जब बाजार में फसल की कम आपूर्ति होती है उस समय वह अपनी फसल या उत्पाद को बेच का अधिक धन को प्राप्त कर सकता है |
- एफपीओ इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (ई-नाम) के द्वारा उत्पादों को बेच सकता है | अपने सदस्य किसानों के लिए वह उत्पाद के बदले में दूसरे उत्पाद भी खरीद सकता है |
- एफपीओ विकसित देशों से डिस्काउंट पर किसानों को वस्तुएँ उपलब्ध करवाते हैं , इससे किसानों के धन की बचत होती है |
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एफपीओ की समस्याएं (FPO Problems)
- एफपीओ को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जिसमें की किसानों को सक्रिय करना, अच्छा प्रबंधन सीमित सदस्यता, नीतियाँ, स्वायत्तता और ऋण बाधाएँ होती है |
- इस समय देश में 5,000 एफपीओ का संचालन सही रूप से किया जा रहा है | इसमें 30 प्रतिशत में कार्य सही है तथा 20 प्रतिशत में स्थिति दयनीय बनी हुई है, बचे हुए 50 प्रतिशत इस समय अपने शुरुआती स्तर पर है |
- किसानों को अधिक लाभ पहुंचाने के लिए एफपीओ का गठन किया गया है | इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो सकेगी | किसान के पास अधिक धन होने से वह अपने आवश्यकता की कई चीजों को खरीद सकता है | इससे उसके जीवन स्तर में सुधार हो सकता है |
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एफपीओ योजना में ऑनलाइन आवेदन कैसे करे (FPO Scheme Online Apply) एफपीओ योजना (FPO) योजना में ऑनलाइन आवेदन हेतु सरकार द्वारा कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गयी है| जैसे ही एफपीओ योजना 2021 के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी, हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से तत्काल अवगत कराएँगे|
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