पंचायत चुनाव से जुड़े कानून और नियम

गाँव में अक्सर लोग कहते हैं –
“चुनाव में जो चाहे वो कर लो, जीतने के बाद कोई कुछ नहीं कहेगा।”
लेकिन सच्चाई ये है कि पंचायत चुनाव पर भी कानून की सख्त पकड़ होती है।


पंचायत चुनाव कौन कराता है?

  • पंचायत चुनाव कराने की जिम्मेदारी राज्य चुनाव आयोग (State Election Commission) की होती है।
  • आयोग तारीख तय करता है, वोटर लिस्ट तैयार करता है और परिणाम घोषित करता है।

👉 यानी चुनाव सिर्फ़ गाँव वालों की मर्जी से नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम के तहत होते हैं।


आचार संहिता (Model Code of Conduct)

जैसे ही चुनाव की तारीख घोषित होती है, आचार संहिता लागू हो जाती है।

  • कोई उम्मीदवार सरकारी पैसे से प्रचार नहीं कर सकता।
  • वोट के बदले रिश्वत (पैसा, शराब, उपहार) देना मना है।
  • धार्मिक या जातीय भावनाओं को भड़काना अपराध है।

👉 (Example: अगर कोई उम्मीदवार बोरे में चावल बाँट रहा है तो यह नियमों के खिलाफ है और शिकायत पर उसका नामांकन रद्द हो सकता है।)


गलत वोटिंग और धांधली पर कार्रवाई

  • बूथ कैप्चरिंग (ज़बरदस्ती वोट डालना) अपराध है।
  • नकली वोट डालना या किसी और के नाम से वोट देना गैरकानूनी है।
  • पकड़े जाने पर जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।

चुनाव रद्द होने की स्थिति

अगर चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर धांधली या हिंसा हो जाए तो –

  • राज्य चुनाव आयोग उस गाँव का चुनाव रद्द कर सकता है।
  • दोबारा वोटिंग कराई जाती है।

👉 यही वजह है कि चुनाव वाले दिन सुरक्षा बल बूथ पर तैनात रहते हैं।


प्रधान की अयोग्यता (Disqualification)

ग्राम प्रधान बनने के बाद भी अगर नियम तोड़े तो पद छिन सकता है –

  • भ्रष्टाचार या फंड की हेराफेरी
  • विकास कार्य न करना
  • जातीय या धार्मिक भेदभाव करना
  • गंभीर अपराध में फँसना

👉 (Example: अगर कोई प्रधान पंचायत फंड का पैसा अपने घर बनाने में खर्च कर दे, तो शिकायत पर उसे हटाया जा सकता है।)


शिकायत कैसे करें?

अगर चुनाव या प्रधान के कामकाज में गड़बड़ी लगे तो –

  1. पंचायत सचिव या बीडीओ को शिकायत दें।
  2. जिला अधिकारी तक आवेदन पहुँचा सकते हैं।
  3. चुनाव संबंधी मामले सीधे राज्य चुनाव आयोग में भी जा सकते हैं।

👉 यानी जनता सिर्फ़ वोट देकर ही नहीं, बल्कि शिकायत करके भी ताक़त दिखा सकती है।


संक्षेप में पंचायत चुनाव के मुख्य नियम

  1. चुनाव राज्य चुनाव आयोग कराता है।
  2. आचार संहिता लागू होती है।
  3. रिश्वत, शराब, पैसे से वोट माँगना मना है।
  4. बूथ कैप्चरिंग और नकली वोट अपराध है।
  5. गड़बड़ी पर चुनाव रद्द हो सकता है।
  6. प्रधान गलत काम करे तो हटाया जा सकता है।

❓FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

प्रश्न 1: पंचायत चुनाव में आचार संहिता कब से लगती है?
👉 जैसे ही चुनाव की तारीख घोषित होती है।

प्रश्न 2: क्या पंचायत चुनाव में पुलिस तैनात रहती है?
👉 हाँ, हर बूथ पर सुरक्षा बल रहते हैं।

प्रश्न 3: क्या पंचायत चुनाव में पैसे बाँटना अपराध है?
👉 हाँ, यह गैरकानूनी है और पकड़ने पर नामांकन रद्द हो सकता है।

प्रश्न 4: अगर चुनाव में धांधली हो जाए तो क्या होता है?
👉 आयोग चुनाव रद्द करके दोबारा वोटिंग कराता है।



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