ग्राम प्रधान की सैलरी और सुविधाएँ

गाँव में अक्सर लोग कहते हैं –
“प्रधान तो बस नाम का नहीं, कमाई का भी पद है।”
लेकिन असलियत क्या है? आइए जानें।


ग्राम प्रधान को कितनी सैलरी मिलती है?

उत्तर प्रदेश और बिहार में ग्राम प्रधान को सरकार हर महीने मानदेय (Honorarium) देती है।

  • उत्तर प्रदेश में: ग्राम प्रधान को करीब ₹3,500 से ₹4,000 प्रतिमाह मानदेय मिलता है।
  • बिहार में: यहाँ भी प्रधान को लगभग ₹3,000 से ₹4,000 प्रतिमाह दिया जाता है।

👉 ये रकम ज़्यादा नहीं है, लेकिन प्रधान को अन्य सुविधाओं और योजनाओं से भी आय होती है।


अन्य भत्ते और सुविधाएँ

सैलरी के अलावा प्रधान को कई और सुविधाएँ भी मिलती हैं –

  1. बैठक भत्ता: ग्राम सभा या पंचायत की बैठक में शामिल होने पर।
  2. यात्रा भत्ता: पंचायत कार्य से बाहर जाने पर।
  3. मोबाइल/स्टेशनरी खर्च: ऑफिस कामों के लिए।

पंचायत फंड से अप्रत्यक्ष फायदा

ग्राम प्रधान को सीधी तनख्वाह कम मिलती है लेकिन उसके पास पंचायत फंड का अधिकार होता है।

  • गाँव में विकास कार्य का पैसा प्रधान के जरिए खर्च होता है।
  • इससे प्रधान को मान-सम्मान और अप्रत्यक्ष ताक़त मिलती है।

👉 (Example: अगर गाँव में नाली या सड़क बन रही है तो प्रधान ही तय करता है किस ठेकेदार से काम करवाना है।)


क्या ग्राम प्रधान को सरकारी गाड़ी मिलती है?

नहीं, ग्राम प्रधान को मंत्री या एमएलए की तरह सरकारी गाड़ी नहीं मिलती।
लेकिन कई पंचायतों में उन्हें ऑफिस (पंचायत भवन) और बैठक के लिए कर्मचारी की सुविधा मिलती है।


पेंशन और भविष्य निधि

अभी यूपी-बिहार में ग्राम प्रधानों के लिए पेंशन का कोई स्थायी प्रावधान नहीं है।

  • कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रधान को सिर्फ मानदेय ही मिलता है।
  • कई जगह प्रधान संघ इस पर सरकार से लगातार माँग कर रहा है।

👉 यानी प्रधान बनकर रिटायरमेंट की गारंटी नहीं है।


बिहार बनाम यूपी – अंतर

  • उत्तर प्रदेश: यहाँ ग्राम प्रधान को ज्यादा प्रशासनिक ताक़त मिलती है।
  • बिहार: यहाँ मुखिया (ग्राम प्रधान) पंचायत के साथ-साथ ग्राम कचहरी भी चलाते हैं, जिससे उनकी भूमिका और बढ़ जाती है।

👉 यही वजह है कि बिहार में मुखिया को गाँव का जज-साहब भी कहा जाता है।


क्या प्रधान अमीर हो जाता है?

ये सबसे बड़ा सवाल है!

  • तनख्वाह से तो प्रधान अमीर नहीं होता।
  • लेकिन सही ईमानदारी से काम करे तो मान-सम्मान और जनता का प्यार ही उसकी सबसे बड़ी पूँजी है।
  • अगर गड़बड़ी करे तो आरोप और विवाद भी उसके साथ चिपक जाते हैं।

संक्षेप में

ग्राम प्रधान की सैलरी और सुविधाएँ:

  • मानदेय ₹3,000–₹4,000 प्रति माह
  • भत्ते (बैठक/यात्रा/ऑफिस)
  • पंचायत भवन और ऑफिस सुविधाएँ
  • अप्रत्यक्ष ताक़त पंचायत फंड से
  • अभी पेंशन की सुविधा नहीं

❓FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

प्रश्न 1: ग्राम प्रधान को हर महीने कितनी सैलरी मिलती है?
👉 लगभग ₹3,000–₹4,000 प्रतिमाह।

प्रश्न 2: क्या ग्राम प्रधान को सरकारी गाड़ी मिलती है?
👉 नहीं, उन्हें सिर्फ़ पंचायत भवन और बैठक सुविधाएँ मिलती हैं।

प्रश्न 3: क्या प्रधान को पेंशन मिलती है?
👉 फिलहाल यूपी-बिहार में नहीं।

प्रश्न 4: क्या प्रधान अपने खर्च का पैसा खुद उठाता है?
👉 नहीं, उन्हें मानदेय और भत्तों से सहायता मिलती है।


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