उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा “पंचामृत योजना” की घोषणा की गयी है। यह योजना किसानों की आय दोगुनी करने और किसानों के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत गन्ने की बुवाई के लिए ट्रेंच मैनेजमेंट, वेस्ट मल्चिंग, ट्री मैनेजमेंट, ड्रिप इरिगेशन और को-क्रॉपिंग को शामिल किया गया है। घबराइए नहीं अंग्रेजी नाम और जटिल लगने वाली इन सभी तकनीकों के बारे में आपको आसान भाषा में आगे बताऊंगा अभी बस इतना जान लीजिये की यह योजना किसानों की आय दोगुनी करने और किसानों के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शुरू की गई है। न्यूनतम लागत के साथ अधिकतम उत्पादन करने की शुरुरात की गयी है और दूसरे को उत्पादन का उचित मूल्य किसान भाइयों को प्राप्त होगा।
यह योजना गन्ने के उत्पादन की लागत को कम करेगी और 5 तकनीकों के माध्यम से भूमि के उत्पादन और उर्वरता को बढ़ाने का प्रयास करेगी। योजना के तहत उत्तर प्रदेश राज्य में कुल 2028 किसानों का चयन किया जाएगा । प्लॉट मॉडल को शरद ऋतु के मौसम से पहले विकसित किया जाएगा। भूखंड का न्यूनतम क्षेत्रफल 0.5 हेक्टेयर निर्धरित किया गया है। मध्य एवं पश्चिम उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास परिषद में कम से कम 15 भूखंडों का चयन किया जाएगा और पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रत्येक में 10 भूखंडों का चयन किया जाएगा। गन्ना विकास विभाग के अधिकारी जिलेवार लक्ष्य निर्धारित करेंगे।
यूपी पंचामृत योजना क्या है (What is UP Panchamrita Yojana)
विषयसूची
उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती में आय दोगुनी करने और गन्ने की पैदावार बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश के गन्ना विभाग ने “यूपी पंचामृत योजना” शुरू की है। गन्ने की खेती में आधुनिक तकनीक के उपयोग और उत्पादन बढ़ाने के लिए गन्ना विभाग ने गन्नों की बुवाई के लिए इन पांच विधियों को मिलाकर पंचामृत नाम से एक नई योजना शुरू की है, जिसमें ट्रेंच मैनेजमेंट, वेस्ट मल्चिंग, ट्री मैनेजमेंट, ड्रिप इरिगेशन और को-क्रॉपिंग शामिल हैं। इन 5 विधियों से पानी की खपत 50 से 60 प्रतिशत तक कम हो जाएगी और नमी बरकरार रहने से पौधों की पैदावार अच्छी होगी। इसके अलावा पत्तियों के जलने से होने वाले प्रदूषण की समस्या भी दूर हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश के गन्ना विभाग के अधिकारी गेहूं की कटाई के बाद गन्ने की खेती की उपज बढ़ाने और पंचामृत योजना किसानों को बाजार की मांग के अनुसार गन्ना के साथ-साथ तिलहन सब्जियां और दालें उगाने की प्राथमिकता दी जाएगी, साथ ही सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके।
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यूपी पंचामृत योजना के उद्देश्य (UP Panchamrita Yojana Objectives)
- योजना का मकसद गन्ने की खेती में नई तकनीक का इस्तेमाल करना है। जिससे वसंत ऋतु में गन्ने की पैदावार और गन्ने की खेती से अधिक उत्पादन हो सके।
- इस मौसम में बोए गए गन्ने के साथ धनिया, मटर, लहसुन, टमाटर, गेहूं की भी खेती की जा सकती है जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी.
- गन्ने के उत्पादन की लागत को कम करेगी और पांच तकनीकों के माध्यम से भूमि के उत्पादन और उर्वरता को बढ़ाने का प्रयास करेगी।
- गन्ने की बुवाई के पांच तरीकों में ट्रेंच मैनेजमेंट, वेस्ट मल्चिंग, ट्री मैनेजमेंट, ड्रिप इरिगेशन और को-क्रॉपिंग शामिल हैं।
- उत्तर प्रदेश में कुल 2028 विशेष किसानों का चयन किया जाएगा। जिसके तहत गन्ने की खेती के आदर्श मॉडल प्लॉट का लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा, इस योजना में प्लॉट का क्षेत्रफल 0.5 हेक्टेयर होगा।
- इस योजना का महत्वपूर्ण उद्देश्य गन्ने की परली और पत्तियों के माध्यम से पानी की बचत और लागत को कम करना है।
- कीटनाशकों के प्रयोग से बचना एक से अधिक फसलों की खेती को बढ़ावा देना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
- खेतों में पत्ते जलाने से होने वाले प्रदूषण को भी नियंत्रित किया जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत अधिकतम किसानों के गन्ना कार्य की दृष्टि से जिलेवार विभिन्न लक्ष्य निर्धारित किये जायेंगे।
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पंचामृत योजना के लाभ और विशेषताएं (Panchamrita Scheme Benefits and Features)
- पंचामृत योजना से किसानों को मिलेगा दोहरा लाभ, पहला न्यूनतम लागत पर अधिकतम उत्पादन और दूसरा लाभ उत्पादन का उचित मूल्य मिलेगा.
- इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के किसानों को ही मिलेगा।
- उत्तर प्रदेश सरकार पंचामृत योजना के माध्यम से किसानों को गन्ने की खेती के लिए प्रोत्साहन दे रही है।
- गन्ने की गुणवत्ता के हिसाब से गन्ने के दाम बढ़ाए जाएंगे।
- गन्ने की बुवाई के प्रबंधन, ड्रिप सिंचाई, अपशिष्ट और सह-फसल विधियों को शामिल किया गया है।
- पंचामृत योजना से पानी बचेगा और कम खर्च होगा
- कीटनाशकों के उपयोग से बचा जाएगा और गन्ने के भूसे के इष्टतम उपयोग में लागत कम हो जाएगी।
- प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जो पत्ते जलाए जाते हैं, उनकी जरूरत नहीं होगी।
- इस योजना के माध्यम से गन्ने की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
- नई तकनीकों के प्रयोग से किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- जिलेवार अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित कर किसानों को सम्मानित किया जाएगा।
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यूपी पंचामृत योजना के लिए पात्रता (UP Panchamrita Yojana Eligibility)
पंचामृत योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को उत्तर प्रदेश का नागरिक होना चाहिए। आवेदक के पास अपनी जमीन होनी चाहिए। सरकार ने फिलहाल पंचामृत योजना के लिए कोई पात्रता तय नहीं की है। जैसे ही सरकार पंचामृत योजना के लिए पात्रता तय करेगी। हम आपको इस लेख के माध्यम से सूचित करेंगे ताकि आप इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकें।
पंचामृत योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया (Panchamrita Yojana Application Process)
आपको बता दें कि पंचामृत योजना के तहत यूपी सरकार ने अभी इस योजना की घोषणा की है। यूपी सरकार ने अभी तक पंचामृत योजना के लिए आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट लॉन्च नहीं की है। जैसे ही सरकार आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट लॉन्च करेगी। हम आपको इस लेख के माध्यम से सूचित करेंगे। ताकि आप इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकें और अपना उत्पादन और आय दोनों बढ़ा सकें।