Online FIR / Cyber Complaint 2025: क्या-क्या ऑनलाइन हो सकता है, सबूत (Evidence) कैसे जोड़ें, और स्टेटस कैसे ट्रैक करें? — हिंदी गाइड

रात को मोबाइल पर फ्रॉड, सोशल मीडिया पर धमकी, या WhatsApp पर अश्लील मैसेज—ऐसे में “कल थाने जाऊँगा/जाऊँगी” बोलकर टालना सबसे ख़तरनाक गलती है। अच्छी बात ये है कि अब बहुत-से मामलों में Online FIR/Complaint की सुविधा मिलती है—खासकर Cybercrime (cybercrime.gov.in) और कई राज्यों के Citizen Portals (CCTNS/State Police) पर। इस गाइड में मैं आसान हिंदी में समझाऊँगी: कब Online FIR/Complaint करें, किस पोर्टल पर जाएँ, सबूत (Evidence) सही तरीके से कैसे अपलोड करें, कानूनी/व्यावहारिक सावधानियाँ, और स्टेटस ट्रैक करने का तरीका।


FIR, NCR और Online Complaint—फर्क समझें (1 मिनट में)

  • FIR (First Information Report): संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) पर पुलिस जांच शुरू कर सकती है; ज़्यादातर मामलों में थाने/ई-FIR पर दर्ज होती है।
  • NCR/DD Entry: गैर-संज्ञेय (Non-cognizable) मामलों या सूचना के रूप में एंट्री; आगे की कार्रवाई अलग प्रक्रिया से।
  • Online Complaint (Cyber/Citizen Portal): कई राज्यों और Indian Cybercrime Portal पर शिकायत की एंट्री/फॉरवर्डिंग—आगे केस-टू-केस पर FIR/जांच में कन्वर्ट।

सरल नियम: गंभीर/तत्काल खतरा (हमला/किडनैप/जान का जोखिम) = 112 (इमरजेंसी) या महिला-संबंधी मामलों में 1090/181 (राज्य-वार)—सीधी सहायता लें। ऑनलाइन फ़ॉर्म सिर्फ़ सूचना/रूटिंग नहीं, कई मामलों में औपचारिक कार्रवाई की शुरुआत भी कर सकते हैं, पर आपात स्थिति में कॉल करें


कहाँ शिकायत करें? (Right Portal चुनना)

  1. Cybercrime (ऑनलाइन ठगी/हैरासमेंट/मालवेयर/सोशल मीडिया अपराध):
    • Indian Cybercrime Portal (cybercrime.gov.in) – “Report Women/Child related crime” (अनाम/नाम सहित) और “Report Other Cyber Crime” सेक्शन।
    • केस-टू-केस इसमें आर्थिक फ्रॉड (UPI/क्रेडिट कार्ड/नेट बैंकिंग), सोशल मीडिया/व्हाट्सएप हैरासमेंट, इंस्टाग्राम/फेसबुक अकाउंट हैक, ई-मेल फ़िशिंग, जॉब/लोन स्कैम शामिल होते हैं।
  2. State Police Citizen Portal (CCTNS/राज्य पोर्टल):
    • लॉस्ट/स्टोलन मोबाइल, जनरल शिकायत, कुछ राज्यों में ई-FIR (वाहन चोरी/चेन स्नैचिंग जैसे प्री-डिफाइंड श्रेणी)—राज्य-वार उपलब्धता अलग।
    • पोर्टल नाम अलग हो सकते हैं: “Citizen Services”, “e-FIR”, “Online Complaint”, “Lost Article Report” आदि।
  3. Women/Children Help (Special Cells):
    • कई राज्यों में महिला हेल्पलाइन (181), चाइल्डलाइन (1098), और स्पेशल पोर्टल/ऐप्स।

Online Complaint—स्टेप-बाय-स्टेप (Generic Flow)

  1. Register/Login: पोर्टल पर मोबाइल/ई-मेल से रजिस्ट्रेशन करें; OTP/पासवर्ड सेट।
  2. Incident Details: घटना की तारीख/समय/प्लेटफ़ॉर्म/स्थान, फ्रॉड राशि/ट्रांज़ैक्शन आईडी, प्रोफ़ाइल/नंबर/लिंक—जितनी डिटेल, उतना अच्छा।
  3. Evidence Upload: स्क्रीनशॉट (पूरा स्क्रीन, status bar सहित), कॉल रिकॉडिंग/चैट एक्सपोर्ट, बैंक/UPI अलर्ट, ई-मेल हेडर—साफ़ और पूर्ण।
  4. Jurisdiction/PS Select: जहाँ अपराध हुआ/आपका वर्तमान पता/कम्पिटेंट PS—पोर्टल गाइडलाइन फॉलो करें।
  5. Submit & Acknowledgement: शिकायत नंबर/रेफ़रेंस आईडी सेव करें; ई-मेल/SMS अलर्ट आते हैं।
  6. Follow-up/Action: ज़रूरत पड़े तो नज़दीकी थाने में मूल (original) सबूत लेकर जाएँ; कई मामलों में थाना/साइबर-सेल संपर्क करता है।

Pro Tip: घटना के 24–48 घंटे के भीतर ऑनलाइन/ऑफ़लाइन रिपोर्ट करें—खासकर बैंकिंग फ्रॉड में पैसे ट्रेस/रोकने का चांस ज़्यादा रहता है।


Evidence (सबूत) कैसे तैयार करें—“Chain of Custody” फ्रेंडली

  • Screen Recording/Full Screenshot: सिर्फ चैट बबल नहीं—ऊपर का समय/नेटवर्क/URL भी दिखे।
  • Chat Export/Email Header: WhatsApp/Telegram/Email का Export/Forward with headers; ई-मेल में ‘Show Original/Headers’ सेव करें।
  • Bank/UPI Proof: ट्रांज़ैक्शन आईडी, VPA/UPI ID, UTR, तारीख/समय, बैंक अलर्ट का स्क्रीनशॉट।
  • Files के नाम/समय: “YYYY-MM-DD_case-title_evidence-01.png” जैसे नेमिंग से क्रमबद्ध रखें।
  • Originals सुरक्षित रखें: फोन/पीसी में original media (un-edited) अलग फोल्डर में; क्लाउड बैकअप।
  • Don’ts: सबूत एडिट/क्रॉप कर के संदिग्ध न बनाएं; फॉरवर्ड करते समय क्वालिटी खराब न हो—Hi-Res रखें।

Cyber-Fraud (पैसे कट गए) — तुरन्त क्या करें?

  • बैंक/UPI ऐप में Hotlisting/Dispute: कार्ड/UPI ब्लॉक; ‘Report Fraud’/‘Hold’ विकल्प; कस्टमर-केयर पर टिकट लें।
  • Account Freeze/Trail: बैंक को UTR/Txn IDs दें; “फ्रॉड ट्रेल/beneficiary freeze” का अनुरोध करें।
  • Cyber Portal + FIR: Indian Cybercrime Portal पर शिकायत डालें; आवश्यक हो तो थाने में जाकर FIR—किसी एक चैनल तक सीमित न रहें
  • पासवर्ड/2FA रोटेट करें: ई-मेल/सोशल/बैंक के पासवर्ड/Passkeys + 2FA तुरंत बदलें; फिशिंग ट्रेस मिटाएँ।

Social/Online Harassment—क्या करें?

  • Platform Report: Instagram/FB/YouTube/Twitter(X) पर Report/Block; लिंक/यूज़रनेम/पोस्ट URL सेव रखें।
  • Legal Route: Online complaint + नज़दीकी PS/महिला थाने में लिखित शिकायत; IPC/IT Act सेक्शन केस-टू-केस लगते हैं—थाना/कानूनी सलाह लें।
  • Do Not Engage: धमकी/ब्लैकमेल पर बहस/पैसे न भेजें; सबूत एकत्र करें, शांत रहें।

State-wise Citizen Services—आम तौर पर क्या-क्या मिलता है?

  • e-FIR (सीमित श्रेणियाँ): कई राज्यों में वाहन चोरी/लॉस्ट-आइटम जैसे केस में e-FIR/लॉस्ट रिपोर्ट ऑनलाइन।
  • General Complaint: पुलिस को ऑनलाइन सूचना/शिकायत, जिसके बाद थाना/सेल संपर्क कर सकता है।
  • Lost/Found: मोबाइल/दस्तावेज़ लॉस्ट रिपोर्ट, status-tracking।

हर राज्य में सुविधाएँ/नाम थोड़ा अलग—अपने State Police Citizen Portal के “Citizen Services/e-FIR/Complaints” सेक्शन देखें।


झटपट सार (Key Takeaways)

  • Cybercrime? Indian Cybercrime Portal पर तुरंत शिकायत + बैंक/UPI को फौरन अलर्ट।
  • Evidence matters: फुल स्क्रीनशॉट, चैट एक्सपोर्ट, UTR/ई-मेल हेडर—originals सुरक्षित रखें।
  • Emergency = 112: जान-माल का सीधा खतरा हो तो पहले कॉल करें, बाद में फ़ॉर्म भरें।
  • State Portals: e-FIR/लॉस्ट रिपोर्ट/जनरल शिकायत—राज्य-वार अलग; Citizen Services सेक्शन देखें।
  • Follow-up: Complaint ID/डायरी नंबर संभालें, जरूरत पर थाने में जाकर FIR/स्टेटमेंट दें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

1) क्या Online Complaint करने से FIR अपने-आप दर्ज हो जाती है?
ज़रूरी नहीं। Cyber/State पोर्टल पर दी गई शिकायत screening/forwarding के बाद FIR में कन्वर्ट हो सकती है—ये केस-टू-केस और जुरिस्डिक्शन पर निर्भर करता है। गंभीर मामलों में थाने जाएँ।

2) आर्थिक साइबर-फ्रॉड में सबसे पहले क्या करूँ?
बैंक/UPI hold/हॉटलिस्ट + Indian Cybercrime Portal पर तत्काल शिकायत। जितनी जल्दी रिपोर्ट, उतना बेहतर ट्रेस/फ्रीज चांस।

3) क्या Women/Child-related cyber cases अनाम (anonymous) दिए जा सकते हैं?
हाँ, Cybercrime Portal में Report Women/Child सेक्शन में anonymous सबमिशन विकल्प दिखता है (जहाँ लागू)। जरूरत हो तो बाद में formal FIR दें।

4) क्या सोशल मीडिया पोस्ट/स्टोरी का स्क्रीनशॉट काफी है?
मददगार है, पर साथ में पोस्ट/प्रोफ़ाइल का URL, घटना की तारीख/समय और additional context रखें। चैट/ई-मेल के original headers/export बेहतर सबूत हैं।

5) शिकायत की प्रगति कैसे ट्रैक करूँ?
Portal पर Acknowledgement/Complaint ID से स्टेटस देखें; पुलिस/साइबर-सेल से कॉल/ई-मेल आए तो कॉल-बैक नंबर/आईडी लिखें और प्रामाणिकता verify करें।

6) क्या Online FIR हर राज्य में हर अपराध के लिए है?
नहीं। e-FIR श्रेणियाँ राज्य-वार सीमित हो सकती हैं। कई मामलों में थाने में जाकर FIR करवानी पड़ती है—Citizen Portal पर उपलब्धता जाँचें।


External (प्रामाणिक संदर्भ/References)

  • Indian Cybercrime Portal (cybercrime.gov.in) — साइबर अपराध की ऑनलाइन रिपोर्टिंग (महिला/बच्चा-सम्बंधित और अन्य साइबर अपराध).
  • State Police Citizen Portals (CCTNS/राज्य पोर्टल) — e-FIR/लॉस्ट रिपोर्ट/जनरल शिकायत/ट्रैकिंग; नाम व सुविधाएँ राज्य-वार बदल सकती हैं.
  • Emergency Helplines: 112 (All-in-one), 181 (Women), 1098 (Childline) — त्वरित सहायता के लिए.

नोट: नियम/फ़ॉर्म/उपलब्धता राज्य-वार/समय-समय पर बदलते हैं। पोस्ट प्रकाशित करते समय अपने राज्य-पोर्टल/हेल्पलाइन पेज पर ताज़ा निर्देश अवश्य जाँचें।


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