आजकल आप “एथनॉल” शब्द अक्सर सुनते होंगे, खासकर जब बात पेट्रोल, गाड़ियों और पर्यावरण की होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आखिर है क्या और इसका हमारे जीवन से क्या संबंध है? चलिए इसे सरल शब्दों में समझते हैं।
एथनॉल क्या है?
विषयसूची
एथनॉल एक प्रकार की अल्कोहल (शराब) है, जिसे हम रासायनिक रूप से C₂H₅OH कहते हैं।
यह रंगहीन और ज्वलनशील (आग पकड़ने वाला) तरल पदार्थ है।
👉 इसे आप ऐसे समझिए: जैसे गन्ने का रस या मक्का (कॉर्न) को खमीरीकृत (fermentation) करने पर उससे एथनॉल तैयार किया जाता है। ठीक वैसे ही जैसे घर में दही जमाने के लिए दूध को खमीर से जमाया जाता है।
क्यों भारत सरकार जनता पर E20 लागू कर रही है, जबकि कई गाड़ियाँ E20 कम्पैटिबल नहीं हैं?
एथनॉल कहाँ-कहाँ इस्तेमाल होता है?
1. ईंधन (Fuel) के रूप में
भारत सरकार पेट्रोल में एथनॉल मिलाने पर जोर दे रही है।
- इससे पेट्रोल की खपत कम होती है।
- प्रदूषण भी कुछ हद तक घटता है।
उदाहरण: आजकल आपको पेट्रोल पंप पर “E20 पेट्रोल” दिखेगा, जिसमें 20% एथनॉल और 80% पेट्रोल होता है।

2. दवाइयों और सैनिटाइज़र में
कोरोना महामारी के दौरान आपने देखा होगा कि हैंड सैनिटाइज़र में 70% एथनॉल होता है।
यह बैक्टीरिया और वायरस को तुरंत खत्म कर देता है।
3. उद्योग और घरेलू उपयोग
- परफ्यूम, स्प्रे, और कॉस्मेटिक बनाने में।
- पेंट और सफाई उत्पादों में।
- प्रयोगशालाओं (Laboratories) में एक सॉल्वेंट (घोलक) के रूप में।
एथनॉल के फायदे
- पर्यावरण के लिए बेहतर – पेट्रोल के मुकाबले कम कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है।
- किसानों की आय बढ़ाता है – गन्ना, मक्का जैसी फसलों से बनता है, जिससे किसानों को सीधा फायदा होता है।
- विदेशी तेल पर निर्भरता कम – भारत बाहर से अरबों रुपये का कच्चा तेल खरीदता है, एथनॉल इससे बचत कराता है।
एथनॉल के नुकसान
- फसल का दबाव – अगर ज्यादा एथनॉल चाहिए तो ज्यादा गन्ना/मक्का बोना पड़ेगा, जिससे खाने की फसलों की कमी हो सकती है।
- पानी की खपत – गन्ने की खेती में पानी बहुत लगता है, इससे भूजल पर असर पड़ सकता है।
- वाहन इंजिन पर असर – पुराने इंजिन ज्यादा एथनॉल वाला पेट्रोल ठीक से सहन नहीं कर पाते।
भारत में एथनॉल का भविष्य
भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक पेट्रोल में 20% एथनॉल मिलाया जाए।
अगर यह पूरा होता है, तो देश को तेल आयात में हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी और किसानों की जेब भी भरेगी।

निष्कर्ष
एथनॉल सिर्फ एक रासायनिक पदार्थ नहीं, बल्कि आने वाले समय में भारत की ऊर्जा नीति का अहम हिस्सा है। यह हमें प्रदूषण कम करने, किसानों को सहारा देने और विदेशी तेल पर निर्भरता घटाने में मदद करेगा।
हाँ, इसके साथ चुनौतियाँ भी हैं – जैसे पानी की खपत और खाद्य सुरक्षा – लेकिन संतुलित योजना से एथनॉल हमारे देश के लिए वरदान साबित हो सकता है।