GenAI यानी Generative AI हमें नया टेक्स्ट/कोड/कॉन्टेंट बनाने में मदद करती है। इसका दिल है LLM (Large Language Model)—एक ऐसा भाषा-मॉडल जो निर्देश पढ़कर इंसानी अंदाज़ में जवाब लिखता है। इस गाइड में हम दो चीज़ें बेहद स्पष्ट सीखेंगे:
- LLM क्या है—काम कैसे करता है (ज़्यादा तकनीकी नहीं, बस उतना जितना ज़रूरी)।
- Prompt Engineering—ऐसा प्रॉम्प्ट कैसे लिखें जिससे आउटपुट सटीक, साफ़ और उपयोगी मिले।

LLM क्या है? (60 सेकंड में)
विषयसूची
- LLM बड़े-बड़े टेक्स्ट से सीखता है कि भाषा कैसे बहती है, जवाब कैसे बनता है।
- यह टोकन (शब्दों के छोटे हिस्से) पर सोचता है और अगला टोकन चुनकर वाक्य बनाता है।
- एक बार में जितना पढ़/याद रख सकता है, उसे Context Window कहते हैं।
- पैरामीटर (जैसे Temperature) से हम टोन/क्रिएटिविटी कंट्रोल कर पाते हैं।
याद रखने लायक: LLM पैटर्न-मैचिंग में शानदार है; “फैक्ट” तभी मज़बूत होंगे जब आप संदर्भ/सीमा साफ़ दें।
Prompt Engineering क्या है?
Prompt = निर्देश। Prompt Engineering = स्पष्ट, संदर्भ-समृद्ध, और फ़ॉर्मैटेड निर्देश लिखने की कला। बेहतर प्रॉम्प्ट = बेहतर आउटपुट।
मुख्य उद्देश्य:
- मॉडल को आपका लक्ष्य, दर्शक, टोन, फ़ॉर्मैट और सीमाएँ साफ़ बताना।
- जहाँ जोखिम हो (जैसे तथ्य), गार्डरेल जोड़ना: “निश्चित न हो तो कहो—‘जानकारी उपलब्ध नहीं।’”
गोल्डन फ़ॉर्मूला: R-G-C-F-E-S
प्रॉम्प्ट लिखते समय ये 6 पिलर अपनाएँ:
- R – Role (भूमिका): “आप एक {विशेषज्ञ/शैली} हैं…”
- G – Goal (लक्ष्य): “उद्देश्य: {ब्लॉग/समरी/ईमेल/कोड-समझ} …”
- C – Context (संदर्भ): टारगेट ऑडियंस, टोन, डोमेन, भाषा, लंबाई।
- F – Format (आउटपुट): Markdown/टेबल/JSON; शब्द-सीमा; हेडिंग्स।
- E – Examples (few-shot, वैकल्पिक): 1-2 छोटे डेमो—“ऐसा चाहिए।”
- S – Safeguards (गार्डरेल): “तथ्य न गढ़ें; संदर्भ न हो तो ‘उपलब्ध नहीं’ कहें।”
एक लाइन टेम्पलेट: “आप {Role} हैं। लक्ष्य: {Goal}। संदर्भ: {Audience/Tone/Length}। आउटपुट फ़ॉर्मैट: {Format}। यदि शंका हो तो ‘उपलब्ध नहीं’ लिखें। {Optional Examples}”

Zero-shot, Few-shot, Structured-shot—कब क्या?
- Zero-shot: सीधे निर्देश; तेज़ और सरल कामों में ठीक।
- Few-shot: 1-2 छोटे उदाहरण देकर पैटर्न सिखा दें—फ़ॉर्मैट स्थिर हो जाता है।
- Structured-shot: आउटपुट स्कीमा (जैसे Markdown सेक्शन/JSON) तय कर दें—पोस्ट-एडिटिंग कम।
मिनी-उदाहरण (Few-shot):
उदाहरण आउटपुट:
– 5 बुलेट, हर बुलेट ≤15 शब्द
– आख़िर में 1-लाइन सलाह
अब विषय: “LLM के टोकन क्या होते हैं?” – उसी फ़ॉर्मैट में लिखें।
पैरामीटर्स—बस उतना जितना काम का
- Temperature: कम (0–0.3) = सटीक/दोहराव; ज़्यादा (0.7–1.0) = क्रिएटिव/वैरिएशन।
- Max tokens / Length: आउटपुट की सीमा तय करें (जैसे 900–1100 शब्द)।
- Top-p: विविधता कंट्रोल; अधिकांश केस में डिफ़ॉल्ट ठीक।
Rule of Thumb:
- फ़ैक्ट/कोड/पॉलिसी: Temperature कम।
- आर्टिकल-आईडियाज़/क्रिएटिव कॉपी: Temperature मध्यम/ऊँचा।
10 कॉपी-रेडी प्रॉम्प्ट टेम्पलेट्स (सीधे उपयोग करें)
- ब्लॉग सेक्शन जनरेशन
“आप एक महिला हिंदी ब्लॉगर हैं। उद्देश्य: {विषय} पर 200–250 शब्द का सेक्शन लिखना। दर्शक: शुरुआती। टोन: दोस्ताना। आउटपुट: 2 H3 सबहेडिंग + छोटे पैराग्राफ (3–4 लाइन), 1 उदाहरण, अंत में 2 बुलेट Key Takeaways।” - FAQ राइटर
“आप FAQ-राइटर हैं। विषय: {विषय}. 5 प्रश्न-उत्तर दें—हर उत्तर ≤40 शब्द, सरल हिंदी, बिना जार्गन।” - टेबल मेकर
“{विषय} के लिए 6-रो की तालिका दें: कॉलम—Term, आसान मतलब, कहाँ काम आता है (≤10 शब्द)। केवल Markdown तालिका।” - समरी (कक्षा-9 स्तर)
“इस टेक्स्ट का 120–150 शब्द में सार लिखें; 4 बुलेट Takeaways; 1-लाइन ‘आगे क्या करें?’” - ईमेल ड्राफ्ट
“आप एक कस्टमर-सपोर्ट राइटर हैं। स्थिति: {समस्या}. 120–160 शब्द का ईमेल—नम्र टोन, 1 लाइन ऐक्शन, 1 लाइन आश्वासन, सिग्नेचर प्लेसहोल्डर।” - अनुवाद + टोन
“नीचे अंग्रेज़ी टेक्स्ट का नैचुरल हिंदी अनुवाद करें; मुहावरे भारतीय संदर्भ अनुसार; तकनीकी शब्दों को कोष्ठक में समझाएँ (≤10 शब्द)।” - आउटलाइन-टू-आर्टिकल
“आप SEO-ब्लॉगर हैं। इस आउटलाइन से 800–1000 शब्द का ड्राफ्ट लिखें; H2/H3, 3 इमेज-प्रॉम्प्ट, अंत में FAQ + Meta (Focused KW, Title≤70c, Slug, Description≤160c, Keywords)। आउटलाइन: {points}” - कोड-एक्सप्लेनर (No code change)
“इस कोड का 5-बुलेट एक्सप्लनेशन लिखें; हर बुलेट ≤18 शब्द; 1 सुरक्षा चेतावनी; 1 परफॉर्मेंस टिप।” - फैक्ट-गार्डेड उत्तर
“आप तथ्य-जांचू सहायक हैं। अगर संदर्भ में जानकारी नहीं, साफ़ लिखें—‘उपलब्ध नहीं’। अंत में 2-बुलेट ‘क्या सत्यापित करें?’” - JSON-फ़ॉर्मैटेड आउटपुट
“केवल वैध JSON लौटाएँ:{ "title":"", "bullets":[], "cta":"" }
। कोई अतिरिक्त टेक्स्ट नहीं। सामग्री: {विषय/नोट्स}”
Prompt Debugging: आउटपुट ठीक नहीं आया तो क्या करें?
- लक्ष्य छोटा करें (एक-एक सेक्शन जनरेट करें, फिर जोड़ें)।
- फ़ॉर्मैट पक्का करें (हेडिंग/तालिका/JSON—स्पष्ट स्कीमा दें)।
- सीमाएँ जोड़ें (शब्द-सीमा, निषेध जैसे “तथ्य न गढ़ें”)।
- उदाहरण दें (1 छोटा डेमो आउटपुट—वही दोहराने को कहें)।
- पैरामीटर ट्यून करें (फैक्ट = Temperature कम; क्रिएटिव = थोड़ा ज़्यादा)।

Hallucination कम करने की 5 तरकीब
- “यदि संदर्भ न मिले तो ‘उपलब्ध नहीं’ लिखें”—स्पष्ट लिखें।
- लंबाई सीमित रखें; बेवजह विस्तार से गलतियाँ बढ़ती हैं।
- स्रोत-प्रकार सुझाने को कहें (जैसे: सरकारी साइट/डॉक्स)।
- आउटपुट के अंत में 2-बिंदु अनिश्चितता लिखवाएँ (“किस बात पर शक है?”)।
- जहाँ संभव हो, छोटे-छोटे चरणों में जनरेट करवाएँ (section-wise)।
एक नज़र: LLM के लिए सही प्रॉम्प्ट—मिनी चेकलिस्ट
- Role और Goal साफ़?
- Audience/टोन तय?
- फ़ॉर्मैट/लंबाई तय?
- Few-shot example (यदि ज़रूरी) दिया?
- Safeguards (तथ्य न गढ़ें/अनिश्चितता बताएं) शामिल?
- पैरामीटर (Temperature/Max Tokens) सेट?
छोटे-छोटे Practical Examples
A) ब्लॉग सेक्शन (Zero→Few-shot)
- Zero-shot: “AI vs ML vs DL अंतर समझाओ।” → जवाब ठीक-ठाक।
- Few-shot जोड़ें: “उदाहरण आउटपुट: 3 बुलेट, हर बुलेट ≤15 शब्द; आख़िर में 1 सलाह। अब वही फ़ॉर्मैट दोहराओ।” → फ़ॉर्मैट साफ़-सुथरा।
B) JSON आउटपुट टूट रहा है?
- “केवल वैध JSON लौटाएँ; कोई अतिरिक्त टेक्स्ट नहीं; कोड-फेंस में दें।”
- बहुत बड़ा JSON? → “पहले keys की skeleton लौटाओ, मंज़ूर होने पर values भरेंगे।”
C) हिंदी/इंग्लिश मिक्स (हिंग्लिश)
- “Audience=युवा, टोन=फ्रेंडली, हिंदी+सिंपल इंग्लिश मिक्स; शुद्ध टेक्निकल शब्दों के बाद (Hindi meaning) लिखें।”
FAQs
Q1. हिंदी में प्रॉम्प्ट दूँ या अंग्रेज़ी में?
दोनों चलेंगे। ऑडियंस-फोकस के लिए हिंदी/हिंग्लिश बेहतरीन है; टेक्निकल सटीकता चाहिए तो इंग्लिश भी ठीक।
Q2. लंबा प्रॉम्प्ट हमेशा बेहतर?
नहीं। स्पष्ट > लंबा। अनावश्यक बातें हटाएँ—बस Role, Goal, Context, Format, Safeguards दें।
Q3. Temperature कितना रखें?
फ़ैक्ट/कोड: 0–0.3। क्रिएटिव: 0.7–1.0। संदेह हो तो 0.5 से शुरू करके ट्यून करें।
Q4. क्या मॉडल “सोच के स्टेप्स” दिखा सकता है?
लंबी आंतरिक सोच नहीं माँगें। बेहतर है “मुख्य कारण/कदम बुलेट-पॉइंट में” कहें—संक्षिप्त तर्क पर्याप्त हैं।
Q5. आउटपुट बिखरा हुआ क्यों आता है?
अक्सर फ़ॉर्मैट-निर्देश नहीं दिए होते। Markdown/टेबल/JSON पहले से तय करें; छोटा उदाहरण दिखाएँ।